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जिंदगी में हंसना - मुस्कुराना उतना ही आवश्यक है जितना की शरीर के लिए हवा - पानी का मिलना | बहुत कम लोगों को यह पता होगा कि खुलकर हंसने से बहुत सारी बीमारियों का जड़ से सफाया हो जाता है | लेकिन आज के इस भाग - दौड़ की जिंदगी में जब इंसान को ठीक से सांस लेने तक की फुर्सत नहीं मिलती , तो फिर वह हंसने के लिए वक्त कहां से उधार ले या फिर खरीदें |
सुबह होती है शाम होती है और इस तरह जिंदगी का एक - एक पल का पन्ना बढ़ते बढ़ते उस मोड़ पर पहुंच जाता है , जहां उसकी जिंदगी करवटें बदलने का इंतजार कर रही होती है और पता ही नहीं चलता कि इंसान कहां से कहां तक खुद को पहुंचा गया है | गौर करने वाली बात है कि - जो इंसान हंसते / मुस्कुराते नहीं , उनका चेहरा बुझा - बुझा सा दिखता है , साथ हीं वे हर वक्त तनाव से बोझिल एवं कुंठित नजर आते है | खुलकर नहीं हंसने / मुस्कुराने से आयु में भी कमी आती है और लोग कई बीमारियों की चपेट में बुरी तरह फंस जाते हैं और फिर उनका पूर्ण रूप से स्वस्थ होना बड़ा हीं मुश्किल हो जाता है |
कुछ लोग डर से नहीं हंसते तो कुछ शर्म से , तो कुछ पीड़ा से | ये कैसी कशमकश है कि - अपनी अनमोल जिंदगी में हम तेजाब डाल रहे हैं , मरियत के लिए जैसे फूलों की बागान सजा रहे हो | हम अपनी परवाह न कर , लोग क्या कहेंगे खुलकर हंसने पर ? दांत निकल जाएगी , कंपा लगाना होगा , घर वाले क्या सोचेंगे आदि पर ज्यादा ध्यान देते हैं | वैसी जगह जहाँ हंसने पर पाबन्दी लगा हो उसे कब्रिस्तान कहा जा सकता है | वहीं हंसते हुए लोग जहां पर भी हो वहां भगवान का वास होता है | हंसी तो प्रकृति द्वारा दिया गया इंसान के मन की अनुभूति को प्रदर्शित करने का एक खूबसूरत सा बहाना व उपहार है | हंसी - ठहाके को वैज्ञानिकों ने एक नाम दिया है - जिसे "लाफिंग थेरेपी" कहते हैं |
जर्मनी में दर्जनों प्रोफेशनल क्लीनिक खोले जा चुके हैं | जिसमे मरीजों को दिल खोलकर हंसाना और गुदगुदाकर स्वस्थ मानसिकता में लाया जाता है | साइड इफेक्ट वाली महंगी और कड़वी दवा की जगह पर उन्हें लतीफे - चुटकुले व हास्य पैरोडी सुनाई जाती है | मरीजों पर इसका बहुत ही जल्द और काफी अच्छा प्रभाव देखा जा रहा है | आरंभिक दौर में कई देश के लोग इस बात की हंसी उड़ाया करते थे , अब इसी थेरेपी को वह भी आजमाने में लगे हुए हैं | प्राकृतिक चिकित्सा द्वारा भी हंसी - ठहाके से रोगियों का उपचार होता आ रहा है एवं सालों से 10 मिनट तक उन्हें खुलकर हंसने और आनंदित होने के लिए कहा जाता है | दिन में 20-25 दफा ताली बजाना चाहिए और थोड़ी बहुत जम्प भी | मगर उम्र और दिल की स्थिति देखते हुए बहुत धीरे-धीरे 10 मिनट तक तेज गति से चलते हुए हंसना आपके अन्दर गर्मी पैदा करता है , जिससे शरीर तंदरुस्त रहता है |
ताली योगासन से - तनाव , रक्तचाप , मधुमेह और अस्थमा जैसी जानलेवा बिमारियों से भी निजात पाया जा सकता है | कहा गया है - चिंता , चिता से बढ़कर होता है | चिंता धीरे - धीरे व्यक्ति को कुंठित कर खामोश कर देता है | ऐसे में लोग मानसिक रोग का शिकार हो जाते है | आज हर देश में ऐसे रोगी पाये जा सकते है |
बहुत से देशों में मानसिक रोगी के उपचार में ठहाका थेरेपी का प्रयोग किया जाता है , जो पूर्णतया सफल रहा है | इस थेरेपी से मरीजों के चेहरे पर गजब का मुस्कराहट व ठहाका लाने के लिए - अटपटा हास्यकथा , शारीरिक हरकतों का प्रयोग , चुटकुला , डांस आदि करके उन्हें हंसाने के प्रयास को पूर्ण कर चुके है | सब की राय है कि अगर स्वस्थ रहना है तो - चिंता भुलाकर खुलकर हंसिये , साथ हीं दूसरो को भी हंसाइये , इससे शारीरिक व मानसिक लाभ मिलेगा |
अकेले में हंसना जब बोझ लगने लगे तो आप अपने संग कुछ लोगों का एक ग्रुप बना लीजिए और प्रत्येक व्यक्ति यह ठान लीजिए कि - आज फलां व्यक्ति हीं हम सबको हंसायेगा और इस तरह अपनी थेरेपी पूरी कीजिये | हंसने - हंसाने वाले समूह बनाकर एक मुखिया को प्रतिदिन चुनिए | इस तरह ये थेरेपी एक प्रतियोगिता का रूप भी ले लेगा और हर इंसान सोंचेगा - सबसे अच्छी बातें हमारी तरफ से कही जाए , जिससे लोग न चाहते हुए भी खिलखिलाकर हंस पड़े | बागों में भी खिलते हुए फूल हीं अच्छे लगते है , मुरझाए हुए फूल की तरफ किसी की दृष्टि नहीं जाती | इसलिए खूब हंसिये और हंसाईये सदाबहार बनकर |
सदैव गंभीर रहने वाले व्यक्ति का चेहरा सीरियस और भयानक नजर आता हैं , कई किस्म की बीमारियां के साथ वो घिरे रहते हैं | ऐसे लोग , कब्ज , शरीर व चेहरे का थका रहना , असमय चेहरे पर झुरियों का दिखाई पड़ना , बाल पकना आदि से पीड़ित रहते हैं | इन सब से बचाव करना हो तो सबसे आसान तरीका है - स्वयं को खुशमिजाज बनाये रखिये | अपनी दिनचर्या में प्रतिदिन एक सुनिश्चित समय निकालकर हंसना शुरू कीजिये , तब तक हंसिये , जबतक की आँखों से आंसू न छलक जाए |
गौर करें इस राज पर कि भारतीय नेता लंबे समय तक तरोताजा व लंबी उम्र तक जीवित रहते हैं | इसका यही कारण है कि वह किसी भी समस्या को गंभीरता से नहीं लेते | हजारों साल पहले का इतिहास भी देखे तो - पहले के राजा अपने दरबार में सबसे ज्यादा हंसाने वालों को पुरस्कार दिया करते थे | इसके पीछे राजाओं का भी एक राज छुपा होता था , यह कि दिनभर के दरबारी कार्य के बाद उन्हें थकान महसूस होती थी | ऐसे में वह अपने ठहाके का सहारा लेकर दिल खोलकर हंसते थे और उनकी थकान दूर हो जाया करती थी |
आज के दौड़ में हंसना व ठहाका लगाना और भी आसान हो गया है | किसी भी हास्य कार्यक्रम को नेट से डाउनलोड कर आप देख सकते है | वहीं बहुत सारे टीवी पर दिखाये जाने वाले कार्यक्रम भी आपको हंसाते - हंसाते लोटपोट कर देगा |
इस भागदौड़ की जिंदगी से अपने लिए 24 घंटो में से सिर्फ 10 मिनट अपनी अनमोल जिंदगी को स्वस्थ बनाने के लिए जरुर निकाले | आपका स्वस्थ रहना बहुत जरुरी है , तभी समाज / राज्य और देश स्वस्थ रहेगा और तभी हम अपनी उड़ान सफल तरीके से पूरी कर पायेंगे | ....... ( स्वास्थ्य फीचर :- किरण जोशन )
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