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नेशनल स्टॉक एक्सचेंज की पूर्व CEO चित्रा रामकृष्ण की कथित "योगी" को CBI ने आज सुबह गिरफ्तार कर लिया | चित्रा द्वारा अदृश्य हो जाने वाले योगी कोई और नहीं बल्कि आनंद सुब्रमण्यम है और इसी योगी को चित्रा शिरोमणि की उपाधि और आध्यत्मिक शक्ति मानकर पिछले 20 वर्षो से उनके द्वारा दिए गए सलाह व मार्गदर्शन पर खड़ी उतरती रही |
चित्रा ने सुब्रमण्यम को 2013 में पोस्ट न रहते हुए भी जिस पद पर नियुक्त किया था और 1.38 करोड़ रुपये का पैकेज दिया , इस अनियमितता को लेकर SEBI ने चित्रा रामकृष्ण की संदिग्ध भूमिका की जांच और गोपनीय जानकारी को बांटने का आरोप लगाते हुए 11 फ़रवरी को इनपर 3 करोड़ रुपया का जुर्माना लगाया था |
बात यहीं पर नहीं रुकी थी | चित्रा ने आनंद सुब्रमण्यम की पत्नी सुनीता आनंद को भी 60 लाख रुपये के पैकेज पर चेन्नई के क्षेत्रीय कार्यालय में बतौर सलाहकार नियुक्त किया था और दिन पर दिन इनकी पैकेज में बढ़ोतरी होती रही | 2013 में 60 लाख से बढ़कर 2016 में 1.15 करोड़ और अप्रैल 2016 में हीं 1.33 करोड़ रुपये का पैकेज बढ़ गया |
सुब्रमण्यम की नियुक्ति और इनकी पत्नी सुनीता आनंद से सम्बंधित प्रतिभूति अनुबंध नियम में कथित उलंघन में चित्रा रामकृष्ण की संदिग्ध भूमिका की जांच चल रही थी | इसके साथ हीं आनंद सुब्रमण्यम के परिसरों में भी रेड किया गया था | कई वर्ष की जांच के बाद 190 पन्ना का ऑर्डर जारी किया गया था |
SEBI की रिपोर्ट में दर्ज किया गया कि - MD और CEO के पद पर बरकरार चित्रा ने हिमालय के अदृश्य योगी से नेशनल स्टॉक एक्सचेंज की कई अहम् जानकारियां को साझा किया |
CBI ने तीन दिनों तक आनंद सुब्रमण्यम से कड़ी पूछताछ की , उसके बाद शुक्रवार सुबह उनकी गिरफ्तारी हुई | अधिकारी ने बताया है कि - NSE में कई गड़बड़ियों का पता चला है |
आखिरकार कब तक बाबा बनकर अदृश्य हो जाने का ढोंग चलता ! CBI ने इस अदृश्य बाबा को देश के सामने लाकर खड़ा कर दिया है | हालाकि अभी यह बात पूरी तरह से दावे के साथ नहीं कहा जा सकता है , परन्तु बीते दिनों से हीं चर्चा का विषय रहा है कि - चित्रा रामकृष्ण हिमालय में रहने वाले जिस योगी की बात करती रही है , वो कोई और नहीं बल्कि आनंद सुब्रमण्यम हीं थे |
चित्रा रामकृष्ण ने कहा है कि - वह निर्दोष है और उन्हें फंसाया जा रहा है | जबकि यह बात चित्रा रामकृष्ण से अलग नहीं हो सकता कि उनके हस्ताक्षर से हीं अलग कंपनी में 15 लाख रुपये के पैकेज पर काम करने वाले आनंद सुब्रमण्यम को वगैर पद करोड़ से ज्यादा का पैकेज देकर नियुक्त कर स्वयं के हाथ को बाँध लिया | साथ हीं इनकी पत्नी को भी भारी पैकेज देकर 3 वर्ष में हीं तीन गुना ज्यादा पैकेज बढ़ाया |
आखिरकार
ऐसे पदों पर बैठकर पदाधिकारी / अधिकारी क्यूँ गलती कर बैठते है ? जिससे
देश को भारी नुकसान का सामना करना पड़ जाता है | वक्त और समय की बर्बादी सो
अलग | यह जानते हुए भी कि आज न कल उन्हें अपने द्वारा किये गए गलती व अपराध
का जुर्माना भरना पड़ेगा | ....... ( न्यूज़ / फीचर :- भव्याश्री डेस्क )
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