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उत्तरप्रदेश के आगरा शहर में ताजमहल के निकट केन्द्रीय हिंदी संस्थान के मेहताब बाग़ में बीते दिनों एक पेड़ पर 8 फूट लम्बा अजगर सांप को देखकर लोगों के बीच भगदड़ मच गया | लोग अजगर सांप को देखकर दहशत में आ गए |
यह अजगर मेहताब बाग़ में एक नीम के पेड़ पर आराम करता हुआ देखा गया | नीम का यह पेड़ यमुना नदी के किनारे पर है |
केन्द्रीय हिंदी संस्थान के छात्रावास के पास हीं यह बाग़ और मैदान है | यहाँ शाम के वक्त स्टूडेंट्स घूमने आते है | इन्होने पेड़ पर जैसे हीं अजगर को देखा , तो उनके होश तो उड़े हीं , साथ ही एक दूसरे से खबरों की जानकारी मिलते हीं वहां हफारा - तफरी भी मच गई | स्टूडेंट ने गार्ड को जानकारी देते हुए आपतकालीन हेल्प लाइन नंबर पर फोन कर वाइल्ड लाइफ SOS को मौके पर बुलाया |
इस बात का डर उस वक्त और भी ज्यादा बढ़ गया , जब अजगर पेड़ पर से नीचे उतर गया और होस्टल के गेट की तरफ बढ़ता जा रहा था | शुक्र है कि मौके पर हीं वाइल्ड लाइफ के सदस्यों ने अपनी पारखी नजर व हुनर के बदौलत इन्हें संभाला और अपनी थैली में डाल लिया |
सूचना के आधार पर - वाइल्ड लाइफ टीम के सदस्य बैजू राज ने कहा कि - अजगर अपनी शिकार की तलाश में यहाँ आया था | अक्सर यह अच्छी आबादी वाले इलाके में भी घुमते हुए आ जाते है | साथ हीं उन्होंने मीडिया को बताया कि - यहाँ एक अजगर निकला हुआ था , जिसको देखकर लोग काफी डरे हुए थे | हमारे पास जैसे हीं सूचना दी गई , हम सूचना मिलते हीं रवाना हो गए और लगभग 45 मिनट में यहाँ पहुँच गए |
आपको बता दे कि इसकी लम्बाई लगभग 8 फूट लम्बी है | इनकी प्रजाति - "इंडियन रॉक पाइथन" है और इनकी लम्बाई 20 फीट तक होती है | यह भारतीय उपमहाद्वीप और दक्षिण पूर्व एशिया के क्षेत्रों में पाए जाते है | इस प्रजाति को अधिनियम 1972 के तहत , जो वन जीव संरक्षण के तहत लागू किया गया है , में संरक्षित है | इस नियम के तहत इनके आयात और निर्यात पर पूर्णरूपेण प्रतिबन्ध लगाये गए है |
होस्टल के कुछ छात्रों ने बताया कि - इससे पूर्व भी यहाँ कई बार सांप को देखा गया है | परन्तु इतनी लम्बी अजगर को हम पहली बार देख रहे है |
अक्सर ऐसा देखा या सुना गया है कि - सांप का नाम सुनते हीं लोगों के मन में एक डर पैदा हो जाता है और जिनकी आँखों ने इन्हें देख लिया , तो उनका होश उड़ जाना स्वाभाविक है | यह 8 फूट लम्बा अजगर स्वस्थ , चमकीले रंग में था | इस सांप को वाइल्ड लाइफ की टीम मौके पर पहुंचकर आधे - पौने घंटे की कड़ी मेहनत करने के बाद , रेस्क्यू करने में सफलता हासिल कर थैले में डाला |
अब इसे जंगल में छोड़ा जा चूका है | जिसकी जगह जहाँ है , वहीं उन्हें होना चाहिए | परन्तु कभी - कभी भटकते हुए ये अपना राह भूल बैठते है | कहीं पेड़ मिला या इन्हें आराम करने का मन हुआ , तो ये स्थिरता से वहां दिन गुजारते है | परन्तु लोग अपनी स्थान पर इन्हें देखकर डर जाते है |
ऐसे में अगर इस तरह की घटना या स्थिति पैदा हो जाए , तो आपातकालीन हेल्पलाइन नंबर पर फोन कर वाइल्ड लाइफ टीम को सूचित कर उन्हें मौके पर बुलाना चाहिए | इनके पास पारखी नजर व हुनर है , जिसकी बदौलत ये सांप को अपनी स्थान पर पहुंचा पाते है | आम आदमी कृपया कर के इनके साथ छेड़छाड़ न करे , यह जानलेवा भी हो सकता है | साथ हीं इन्हें मारने कि कभी भी कोशिश न करे | ये एक जीव है , इनकी प्रजाति को अगर मारा गया , तो बहुत बड़ा नुकसान हो सकता है | क्यूंकि सांप को इंसान की गंध बखूबी पता होता है | इसलिए बचिए और बचाइये और बुद्धि से काम लीजिये | ........ ( न्यूज़ / फीचर :- भव्याश्री डेस्क )
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