Breaking News
महाराष्ट्र के नए मुख्यमंत्री "एकनाथ शिंदे" बनाए गए | महाराष्ट्र के 20 वें मुख्यमंत्री के तौर पर उन्होंने शपथ ग्रहण की और पद पर आसीन हुए | वहीं भाजपा नेता व महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री "देवेन्द्र फडण्वीस" ने उपमुख्यमंत्री की शपथ ली |
इन दोनो को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ढेरो शुभकामनाये देते हुए बधाई दी है |
कुछ पूर्व देवेन्द्र फडण्वीस ने कहा था कि - एकनाथ शिंदे मुख्यमंत्री की शपथ लेंगे और मै सरकार से बाहर रहकर अपना सेवा दूंगा |
यह बात जैसे हीं सामने आई केंद्र की सत्ता सक्रीय हुई और भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा ने डिप्टी CM के पद के लिए गुजारिश कर दी |देवेन्द्र फडण्वीस उनके आग्रह प्रस्ताव को इंकार नहीं कर सके और उन्होंने शपथ ग्रहण की |
प्रधानमंत्री , गृहमंत्री और भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा के लिए देवेन्द्र फडण्वीस ने कहा कि - मै इनका शुक्रगुजार हूँ | इन्होने ट्विट किया कि - एक कार्यकर्ता के नाते मै पार्टी के आदेश का पालन करता हूँ | जिस पार्टी ने मुझे सर्वोच्य तक पहुंचाया उसका आदेश मेरे लिए सर्वोपरी है |
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ट्विट किया और कहा की - महाराष्ट्र के डिप्टी CM के रूप में शपथ लेने पर बधाई , आप हर भाजपा कार्यकर्ता के लिए एक प्रेरणा है , आपका अनुभव और विशेषता सरकार के लिए एक संपति होगी | मुझे विश्वास है कि आप महाराष्ट्र के विकास पथ को मजबूत करेंगे |
राजभवन में 3 कुर्सी लगाईं गई थी जहाँ इस कुर्सी पर तीन अहम् व्यक्तित्व को बिठाया गया | महाराष्ट्र की सियासी सत्ता का यह पहला दौर है , अभी विधायकगण के मंत्री पद के चुनाव की प्रक्रिया बाकी है | देखना होगा - किसे कौन सा पद मिलता है ? आज से हीं विधायक का दौर मुख्यमंत्री के आवास / दफ्तरों में देखा जा सकता है |
शपथ लेने के बाद मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा - बालासाहेब ठाकरे के हिंदुत्व और राज्य के विकास की कार्य सूची के साथ हम आये हैं | पिछले सरकार में हम कुछ नहीं कर सके मगर इसबार महाराष्ट्र को बहुत आगे बढ़ाना है | सबसे बड़ी पार्टी होते हुए भी भाजपा ने मुझे मौका दिया है , मै इसके लिए उनका शुक्रगुजार हूँ | साथ हीं देवेन्द्र फडण्वीस जी ने भी अपना बड़ा दिल दिखाया है जिसका मै सम्मान करता हूँ |
महाराष्ट्र को केंद्र सरकार की मदद मिलेगी , इससे राज्य का विकास होगा | मै अपने 50 विधायको पर खरोच तक नहीं आने दूंगा , क्यूंकि उन सबो ने मुझपर भरोषा रखा है | मै हर संभव उनके भरोषे पर खड़ा उतरूंगा |
कहाँ से आई बदरा ?
बुधवार की रात करीब 11 बजे मुख्यमंत्री उर्द्धव ठाकरे अपना इस्तीफा देने स्वयं ड्राइव करके राजभवन पहुंचे | उनके साथ उनके बेटे आदित्य ठाकरे और तेजस ठाकरे भी मौजूद थे | उन्होंने जैसे हीं अपना इस्तीफा सौंपा तो राज्यपाल ने उन्हें वैक्लपिक व्यवस्था बनने तक अपने पद पर बने रहने की बात कही थी |
इस्तीफा पत्र देने के बाद उन्होंने विधानसभा की सदस्यता भी त्याग दिया | अपने दोनों बेटो के संग एक मंदिर में पूजा की और इसके बाद मातोश्री पहुंचे | रात ढल गया , आज ये अपनी वैकल्पिक पद से भी मुक्त हो चुके है |
कल भी एक दौर था आज भी एक ऐसा दौर है जहाँ समय ने इनके लिए सिर्फ एक प्रश्न छोड़ दिया है , जिसका उत्तर ढूंढने में अभी काफी वक्त लगेगा |
ज्यादा दूर नहीं था वक्त की चाबी जहाँ ये स्थिति को ठहरा सकते थे | मगर कभी - कभी एक सरल इंसान को भी उस दौर से गुजरना पड़ जाता है जहाँ वे दूसरो को बातो में आकर अपने पाँव से अपनी धरती को खोने पर मजबूर हो जाता है | यहाँ राजनीति की बात अलग कर दे तो उर्द्धव ठाकरे एक बहुत हीं शिक्षित और विशेष व्यक्तित्व के धनी व्यक्ति है , बावजूद उन्होंने अपने मन की नहीं सुनी और यहीं पर नैया डगमगाई और यह नैया वहां डूबी जहाँ पानी कम था | शायद ! अब उन्हें इस बात का अंदाजा ............ ? ( न्यूज़ / फीचर :- रुपेश आदित्या , एम० नूपुर की कलम से )
रिपोर्टर