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ज्योति नैनवाल अपने बलबूते और प्रयास से सबसे कठिन शारीरक और मनोवैज्ञानिक परीक्षाओं में से एक SSB परीक्षा उतीर्ण होकर चेन्नई में ट्रेनिंग लेने के लिए कदम आगे बढ़ाई थी | आज शनिवार को चेन्नई स्थित ऑफिसर्स ट्रेनिंग एकेडमी में वह सफल हुई और फ़तेह हासिल किया | इनके दो बच्चे है , दोनों हीं बच्चे बहुत छोटे है - एक चौथी और दूसरी प्रथम वर्ग के स्टूडेंट है | इनकी लड़की का नाम लावण्या और बेटा का नाम रेयांश है |
यहाँ कुल 178 कैडेट सफल हुए है , जिसमे 29 महिलायें , 124 पुरुष और 25 विदेशी नागरिक शामिल है | इनके दोनों बच्चे भी POP में मौजूद थे | इनके विषय में हम आपको थोड़ी जानकारी दे दे - ज्योति नैनवाल शहीद दीपक नैनवाल की पत्नी है | 2018 में जम्मू कश्मीर कुलगाम में आतंकी मुठभेड़ में उन्हें तीन गोली लगी , जिसके बाद वो 1 महिना तक जिंदगी और मौत से लड़ते रहे , मगर अफ़सोस उसके बाद वे इस धरती को अलविदा कह दिया | मरने से पूर्व वे अपनी माँ , पत्नी , बच्चों से यहीं कहते थे कि - चिंता मत करो , मामूली जख्म है भर जाएगा | मगर 20 मई 2018 को वह जख्म पुरे देश के लिए एक बारूद बन गया और वहीं बारूद ज्योति की मन में अंकुर पैदा करता गया और मिशाल के तौर पर आज वे सैन्य अधिकारी बनकर दुनियां को दिखला दिया - सरफरोशी की तमन्ना आज हमारे दिल है , देखना है जोर कितना बाजुए कातिल में है |
फौजी या फौजी के परिवार वाले न कभी हार मानते है और न कभी मरते है , वे तो शहीद होते है और शहीद होने वाले को अमर कहा गया है | उनकी जिंदगी तो सदैव अपनी धरती के लिए समर्पित होती है | पति के बाद स्वयं को अपनी भारत की भूमि की सेवा व रक्षा के लिए ज्योति ने स्वयं को तैयार किया और ढाई वर्ष बाद आज का वह सतरंगी दिन ,जहाँ वे वर्दी पाकर सिर्फ बेटी व बहु हीं नहीं देश को गौरवान्वित किया है | ज्योति ने अपनी ससुराल की परंपरा को कायम रखा | दीपक नैनवाल के पिता भी फ़ौज से रिटायर हुए हैं | कारगिल युद्ध और 1971 के भारत - पकिस्तान युद्ध में इनकी भागीदारी थी | दीपक के दादा श्री भी एक स्वतंत्रता सेनानी थे | ज्योति के दोनों बच्चे भी देश सेवा के लिए हीं अभी से समर्पण की तैयारी में लगे है | इन नन्हें आँखों में भी देश की सुरक्षा की चमक अभी से कायम है |
इससे पूर्व भी शहीद हुए मेजर विभूति ढोंडियाल की पत्नी निकिता ढोंडियाल सहित अमित शर्मा की पत्नी प्रिया शर्मा , शहीद शिशिर मल की पत्नी संगीता मल आदि पत्नियों ने भी अपने पति के शहीद होने के बाद भारतीय सेना की हिस्सा बनी है |
पति के शहीद होने और नम आँखों से उनकी विदाई देने के अन्दर बहुत सारे रहस्य छुपे होते है , जिन्हें व्यक्त कर पाना बड़ा हीं कठिन होता है | यह वह दौर होता है , जब एक पति के विछोह में पत्नी अकेली रह जाती है और नन्हें बच्चों के सर से पिता के आशीर्वाद का साया उठ जाता है | इस मर्म को सहन कर ऐसी पत्नी अपनी जुझारू होने की सबूत पेश करती हुई आतंकियों की ढेर को समाप्त करने के लिए अपना कदम आगे बढ़ाती है ताकि हमारा देश आतंकियों से सुरक्षित रह सके , जिससे कि देश के बच्चे और फौजी की पत्नियों को यह दिन देखना न पड़े |
ऐसी बहु / बेटियों व ज्योति नैनवाल को पुरे देश का सैल्यूट | इनके जागने से हीं भारत के लोग चिंतामुक्त होकर सोते हैं | ...... ( न्यूज़ / फीचर :- भव्याश्री डेस्क )
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