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उत्तरप्रदेश के शाहजंहापुर में सड़क हादसे में 11 लोगो की दर्दनाक मौत हो गई वहीं 25 से ज्यादा लोग घायल हुए | यह घटना शनिवार रात 12:15 बजे की है | सभी लोग बस पर सवार थे और बस रात्री में भोजन के लिए शाहजंहापुर में एक ढाबे पर रुकी थी तभी एक ओवरलोड डम्पर अनियंत्रित होकर बस पर पलट गई | उसके बाद हादसे ने भयानक रूप लेते हुए 11 श्रद्धालुओं को लील गया | ये सभी सीतापुर से उत्तराखंड के पूर्णागिरी के देवीमाता के दरबार में दर्शन हेतु जा रहे थे | घायल श्रद्धालुओं को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया | यहाँ हर दिन दर्शन के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते है |
जानकारी के आधार पर बता दे - बस गोला मार्ग से गुजर रही थी तो ड्राईवर ने इसे नास्ता - भोजन के लिए ढाबा पर रोका जिसके बाद कुछ लोग ढाबे में चले गए , कुछ बाहर टहल रहे थे वहीं कुछ बस के अन्दर हीं यात्री के वापसी का इंतजार करने लगे | जैसे हीं डम्पर पलटी वहां मौजूद कुछ श्रद्धालु उसके नीचे दब गए | घटना की सूचना मिलते हीं पुलिस मौके पर पहुंची और घायल हुए श्रद्धालुओं को इलाज के लिए अस्पताल पहुंचाया |
इस तरह की घटना कोई नई बात नहीं है | अनियंत्रित हुए डम्पर के ड्राईवर को इसकी सजा मिलनी हीं चाहिए जो नशा करने के बाद ड्राइव कर लोगो की जिंदगी समाप्त करने में कोताही नहीं बरतते | अक्सर देखा गया है - किसी एक की गलती व चूक के कारण इतने सारे लोगो की जिंदगी उड़न छू हो जाती है | ऐसे ड्राइवरों की बस इतनी सजा की कुछ साल इन्हें जेल में रहना होता और फिर वहीं हादसा देखने को मिलता है |
ऐसी स्थिति में ड्राइवरों की लापरवाही को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता | इसके लिए सख्त कानून होने चाहिए ताकि सड़कों पर गाड़ी चलानेवाले इस कदर लापरवाही न बरते |
पुरे भारतवर्ष की बात करे तो हर दिन न जाने कितनी जिंदगी सड़क हादसे में उड़न छू हो जाती है | कहीं बालिग के हाथो तो कहीं नाबालिग के हाथों | ये कुछ महिना / साल की सजा काटकर किये गए अपराध से मुक्त हो जाते हैं परन्तु जिनकी जिंदगी जाती है वो दूबारा वापस नहीं मिलता साथ हीं परिवारवाले तमाम उम्र इस जख्म को लेकर जख्मी होते है | अभी हाल हीं में महाराष्ट्र के पुणा शहर में एक नाबालिग द्वारा हीं बाइक से जा रहे 2 आईटी इंजीनियर को अपने कार से इस कदर धक्का दिया गया जिससे मौके पर हीं दोनों की मौत हो गई | चूकि मौत नाबालिग के हाथों हुई तो इसकी सजा कम क्यूँ और सड़क पर एक्सीडेंट से मौत हो जाना कसूर किसका ! इसका जुर्माना कौन भरेगा ?
कानून ऐसे सख्त बनाये जाने चाहिए ताकि गाड़ी चलनेवाले अपनी जिंदगी से कहीं ज्यादा सड़क पर चलनेवाले की परवाह ज्यादा करे तभी अपनी सजा से बचने के लिए ये सतर्क रहेंगे |
जिंदगी नहीं मिलती दूबारा इसलिए सोंचना होगा ! ........... ( न्यूज़ / फीचर :- भव्याश्री डेस्क )
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