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उत्तरप्रदेश में दो बार मुख्यमंत्री और हिमाचल प्रदेश व राजस्थान में राजपाल रहे , बीजेपी के वरिष्ठ नेता "कल्याण सिंह" का निधन हो गया , वे 89 साल के थे | शनिवार की रात लखनऊ के संजय गाँधी पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ़ मेडिकल साइंसेस में उन्होंने अंतिम साँस ली |
राजनीति महकमे में शनिवार से हीं शोक का लहर दौड़ता हुआ दिखाई पड़ रहा है | मृत्यु की खबर सुनते हीं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शोक व्यक्त करते हुए श्रधांजलि अर्पित की है |
वे लम्बे समय से अस्पताल में भर्ती थे | लोगों को उम्मीद थी कि वह स्वस्थ होकर वापस आयेंगे | परन्तु अनुमान लगाया जा सकता है कि - बहुत हीं कम लोग इस उम्र में ऐसी स्थिति से जंग लड़कर वापस अपने घर स्वस्थ होकर आते हैं | उनका अंतिम संस्कार आज 23 अगस्त को अलीगढ़ के ननौरा में गंगातट पर किया जायेगा | इसलिए उत्तरप्रदेश में सार्वजनिक अवकाश रहने की घोषणा की गई है |
कल्याण सिंह के निधन पर शोक जताते हुए उत्तरप्रदेश सरकार ने शनिवार को हीं 3 दिन का राष्ट्रीय शोक के साथ सोमवार को सार्वजनिक अवकाश की घोषणा की थी | इन 3 दिनों में बीजेपी पार्टी की ओर से भी किसी कार्यक्रम का आयोजन नहीं किये जाने का सन्देश पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने दिया था |
कल्याण सिंह 1991 में उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री बने वहीं दूसरी बार 1997 में भी यह महत्वपूर्ण कुर्सी संभालने का उन्हें सौभाग्य प्राप्त हुआ |
बीते 4 जुलाई को हीं उन्हें लखनऊ के अस्पताल में भर्ती कराया गया था | प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी लगातार इनके स्वास्थ्य की वृद्धि हेतु संपर्क में बने रहे | वहीं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की विशेष निगरानी बनी रही | हालाकि चिकित्सकों ने मुख्यमंत्री व उनके परिवार को कल्याण सिंह का स्वास्थ्य चिंताजनक बताया था |
जैसे हीं मुख्यमंत्री को उनकी मृत्यु की खबर मिली , उन्हें देखने अस्पताल पहुँच गए | जबकि कुछ पहले हीं वह अस्पताल आये थे उन्हें देखने के लिए | साथ हीं पार्टी के कई नेतागण अस्पताल पहुंचे |
अस्पताल से उनके पार्थिव शरीर को स्वजन माल एवेन्यू स्थित उनके आवास पर ले जाया गया | कल्याण सिंह को अंतिम श्रधांजलि देने राष्ट्रीय अध्यक्ष जे० पी० नड्डा भी लखनऊ पहुँच गए है | राष्ट्रीय शोक की अवधी में राष्ट्रीय तिरंगा आधा झुका रहेगा |
रविवार को उनकी पार्थिव शरीर को जनता के दर्शन के लिए सुबह 9 बजे से 11 बजे तक रखे गए | वहीं 11 बजे से 1 बजे तक भाजपा प्रदेश मुख्यालय में रखा गया | 2 बजे के बाद अलीगढ़ के लिए ले जाया गया | अलीगढ़ के स्टेडियम में भी उनके शरीर को जनता का दर्शन व स्पर्श के लिए रखा गया | वहीं आज उनकी जन्मस्थली अंतरौली में पार्थिव शरीर को रखा जाएगा |
इस बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जिलाधिकारी को शांतिपाठ करवाने का आदेश दिया था , जिसके बाद शांतिपाठ आरम्भ कर दिया गया | शांतिपाठ में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आधे घंटे तक बने रहे |
कल्याण सिंह का जन्म 5 जनवरी 1932 को उत्तरप्रदेश के अलीगढ़ में हुआ था | राजनीति में उनकी रूचि थी , इसलिए इनका कदम इस ओर बढ़ा | 1999 में कल्याण सिंह किसी बात से खिन्न होकर भारतीय जनता पार्टी को छोड़ दिया था | उन्होंने अपनी हीं एक पार्टी बना ली और वे मुलायम सिंह यादव के साथ जुड़ गए | लेकिन 5 वर्षों के बाद हीं 2003 के जनवरी में उनका भाजपा में पुनः वापसी हुआ , परन्तु 2009 के आने से पहले हीं एकबार फिर उन्होंने भाजपा को छोड़ दिया था | 2009 के चुनाव में वो निर्दलीय खड़े हुए और जीत दर्ज कराई |
4 सितम्बर 2014 को राजस्थान के राजपाल की शपथ ग्रहण किया और 2015 में हिमाचल प्रदेश के लिए राजपाल के रूप में अतिरिक्त कार्यभार का सौभाग्य प्राप्त किया |
कल्याण सिंह का राम मंदिर निर्माण में अहम भूमिका था | यह बात किसी से छुपी नहीं है , वे रामभक्तों के ह्रदय पर राज करते रहे | वे अक्सर रामलला के पास अपनी हजारी देते रहे | उन्हें कट्टरपंथी हिंदुत्ववादी के रूप में जाना जाता रहा | उनके दो बच्चे है - एक लड़का और एक लड़की |
आज कल्याण सिंह इस दुनियां में नहीं है | अभी तक उनकी पार्थिव शरीर सरकार की निगरानी में जनता व पार्टी के कार्यकर्ताओं के दर्शनार्थ रखे हुए हैं | अब उनकी सिर्फ यादें बची है , जो इतिहास बन चूका है |
इंसान इस धरती पर अपने अनुसार जीतनी भी चाहे ताकत लगाकर अपना कर्म कर ले | परन्तु उस दुनियां में एक न एक दिन सभी को जाना हीं पड़ता है , जिस दुनियां से अनभिज्ञ होते हुए भी सभी लोग परिचित है और वह भी तन्हा | धरती पर काम करने के लिए सभी का साथ मिलता है , जन्म से अंतिम अवस्था तक सैकड़ों , हजारों , लाखों , करोड़ों लोगों का लश्कर बंधा रहता है | परन्तु अंतिम सफ़र में शरीर अकेला भष्म हो जाता है , जिसकी राख भी मिट्टी में हीं मिल जाती है |
इसलिए ऐसी करनी कर चले , हम हँसे जग रोये | यह इंसान की अंतिम अवस्था है , जहाँ यादें पुकार - पुकारकर लोगों को भावविहल कर देती है | परन्तु धीरे - धीरे कदम आगे बढ़ता चला जाता है और यादें धुंधली पड़ जाती है | यहीं सत्य है और यहीं सत्य के साथ सभी को जीना है |
भव्याश्री परिवार की तरफ से रामलला के भक्त रहे पूर्व मुख्यमंत्री व राज्यपाल "कल्याण सिंह" को भावविनी श्रधांजलि | ....... ( न्यूज़ / फीचर :- आदित्या , एम० नूपुर की कलम से )
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