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बिहार के किशनगंज के थानेदार अश्विनी कुमार को पश्चिम बंगाल की भीड़ ने बगैर सोचे समझे उनपर हमला बोल दिया और उन्हें पीट पीट कर जान से मार डाला | यह घटना शुक्रवार की रात लगभग 2 बजे की है |
यह मामला बंगाल के पंजीपाडा थाने के पंतापारा गावं का है | इस गावं में एक अपराधी छुपा हुआ था | इसी बीच बिहार किशनगंज के थानेदार को भनक लगी तो उसे पकड़ने बिहार से पश्चिम बंगाल पहुँच गए , चूकि किशनगंज सीमा बंगाल से लगती है | बंगाल के पंतापारा गावं में एक वाहन चोर अपराधी छुपा था | अश्विनी बंगाल के थाने में भी पहुंचे थे और वहां के थानेदार ने कहा था कि एक दल उनके साथ जायेगा , लेकिन पुलिस टीम ने कहा कि आप जाइये हम आते है और ऐसे में निडर अश्विनी गावं के तरफ अकेले निकल पड़े | इनके गावं पहुंचते हीं वहां के लोगों ने लाठी , डंडे व पत्थर से मारना / पीटना शुरू कर दिया | सूचना के आधार पर उनके पास कोइ दल - बल साथ नहीं था | ऐसे में वे स्वयं को बचा नहीं सके और लोगों ने उनकी पीट - पीट कर हत्या कर दी |
थानेदार अश्विनी कुमार का शव बंगाल के इस्लामपुर अस्पताल में है , जहाँ उन्हें मृत्य घोषित कर दिया गया है | पूर्णिया रेंज के IG ने बताया कि अश्विनी एक बाइक चोर को पकड़ने के लिए छापा मारी करने के उदेश्य से वहां पहुंचे थे | साथ खड़े इस्लामपुर के SP ने कहा कि :- मामले को गंभीरता से लेते हुए दोषियों को गिरफ्तार करेंगे |
बिहार पुलिस एसोसिएशन के अध्यक्ष मृत्युंजय कुमार सिंह ने इस घटना कि कड़ी निंदा करते हुए दुःख जताया है और केंद्र सरकार व राज्य सरकार की तरफ से उनके परिवार को एक - एक करोड़ रूपये का मुआबजा देने की मांग की है |
वगैर कसूर एक ईमानदार पुलिस अधिकारी जिन्होंने अपना फर्ज व देश का क़र्ज़ चुकाने की खातिर दुनियां को कहा अलविदा | यह साजिश के तहत किया गया कारनामा कुछ अजीबो गरीब सा नजर आ रहा है | अश्विनी कुमार के साथ पश्चिम बंगाल के थानेदार ने सूचना मिलने के बावजूद अपने पुलिस दल को साथ नहीं भेजा , तभी इतनी भयानक वारदात को अंजाम दे दिया गया और गावं वाले को कैसे मालूम कि अश्विनी वहां अपराधी को पकड़ने जा रहे हैं ? इस मामले में पंजीपाडा के एक शख्स को गिरफ्तार किया गया है और यह तहकीकात आगे भी जारी रहेगा | जब तक की सारे तथ्य सामने नहीं आ जाते है | कारण और निवारण बहुत हीं अहम् मुद्दा है |
हर राज्य के दूत एक दूसरे राज्य में दस्तक देते हैं | यहाँ तक कि देश की पुलिस टीम अपराधी को पकड़ने विदेश तक पहुँच जाती है और विदेश वाले हर संभव उन्हें सहयोग और साथ देते हैं | ऐसे में इतना बड़ा गुनाह और लापरवाही पश्चिम बंगाल पुलिस चौकी पर तैनात अधिकारी कैसे कर सकते हैं ? ...... ( न्यूज़ :- भव्याश्री डेस्क )
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