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बिहार के औरंगाबाद जिले में शर्मसार करने वाली घटना नजर के सामने से गुजर रहा है , जहाँ एक मुखिया ने अपनी हार का बदला एक वोटर से इस कदर निकाला कि इंसानियत शर्मसार हो गया यह देखकर कि - वोटर को वोट न देने पर कैसी सजा दे डाली ?
कुटुम्बा प्रखंड के मुखिया प्रत्याशी ने मतदान से पूर्व वहां की जनता से समाज सेवा करने का वादा कर उनके दुःख को हरने का वचन दिया | सूचना के आधार पर हम आपको बता दे कि - मुखिया जी ने अपने पक्ष में मतदान करने के लिए लोगो को पैसे भी दिए , यानि की वोट की खरीद - बिक्री जैसा जघन्य अपराध का नाम दिया जा सकता है |
कुछ वोटरों ने पैसे लेकर वोट नहीं दिया | यह बात जब उन्हें पता चला तो उन्होंने उसकी पिटाई करवा दी | पिटाई से मन न भरा तो उठक - बैठक करवा दी | इतना पर भी मुखिया जी का आक्रोश थमा नहीं और पश्चात सरेआम सड़को पर थूक चटवा दिया |
सबसे पहले हम आपको मुखिया जी का नाम बता दे - ये है बलवंत कुमार | कुटुम्बा प्रखंड के डुमरी पंचायत में सिघना गाँव के रहने वाले है | सारी करतूतों का किसी ने विडियो भी बना लिया | मुखिया जी की सारी हड़कते विडियो में जब कैद हो गई , तो इस विडियो को किसी ने सोशल मीडिया पर डाल दिया | यह विडियो पुलिस की नजरो से गुजरा , तो वे हड़कत में आ गई |
भारत को आजाद हुए 75 वर्ष हो गए , फिर यह अंग्रेज कहाँ से जन्म ले लिया , जो अपने पंचायत में कमजोर ग्रामीणों को निहत्था पाकर उसपर जुर्म पर जुर्म और जुर्म करता चला जाए और लोग ख़ामोशी भरा आलम देखकर अपनी आँखे बंद कर ले | ऐसा अब नहीं हो सकता , इसलिए कि - आज इन्टरनेट की गति भी दिमाग की गति से किसी न किसी परिस्थिति में ज्यादा तेज दौड़ जाता है और लोग समझ नहीं पाते की हमारी बदसलूकी कैमरे में कैद होकर सोशल मीडिया पर वायरल भी हो सकता है , जहाँ माफ़ी की कोई गुंजाईश नहीं , इसलिए बेहतर है कानून से खिलवाड़ न किया जाए तो अच्छा !
औरंगाबाद के SP कान्तेश कुमार मिश्रा के निर्देश पर अम्बा पुलिस ने मुखिया जी को गिरफ्तार कर लिया है | आरक्षी अधीक्षक के अनुसार इस मामले की पूरी जांच की जायेगी और इस अपराध में किसी भी तरह की कोई कोताही नहीं बरती जायेगी |
यह कहना शायद अतिश्योक्ति न होगा कि - जिंदगी के हर खेल में है हार और जीत से इंसान को जूझना हीं पड़ता है | इस बात को नकारा नहीं जा सकता कि - किसी भी खेल में दो टीम का होना तय है , जिसमे एक के लिए हार बना है और एक के लिए जीत | फिर मुखिया जी को अपने हार से इतनी ज्यादा बौखलाहट क्यूँ ? जिससे उन्होंने दुनियां की नजरो में स्वयं को गिरा दिया | खुद गिरफ्तार भी हुए और अगले चुनाव में जीत का चांस भी खो दिया | जरुरी नहीं कि जीत जाने के बाद हीं कोई प्रत्याशी अपने वादे को पूरा करने के लिए जनता के बीच अपना कदम बढ़ाए | हार के बाद भी समाज सेवा करना अपने लक्ष्य को हासिल करने का केंद्र बिंदु है |
मुखिया जी अभी हिरासत में है | पुलिस पूरी तरह जांच प्रक्रिया में जुटी है | ऐसा कहा जा रहा है कि - जिनसे थूक चटवाया गया है , वह नशेरी है | परन्तु कोई नशेरी हो या फिर दगाबाज , जिसने पैसे लेकर वोट नहीं दिए , तो क्या स्वयं के हाथ में अधिकार है किसी को भी सजा देने की ! कानून हमें यह हक़ नहीं देता |
किसी भी जुर्म के प्रति अपनी निगाहों को , मन को समझाना निहायत जरुरी है | मन बहकता है तो उसपर अंकुश लगाइए अन्यथा आप की सोंच को वायरल होते देर नहीं लगेगा और नतीजा सबके सामने है | ...... ( न्यूज़ / फीचर :- भव्याश्री डेस्क )
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