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आग , हवा , पानी , बिजली आदि से खिलवाड़ आदमी को कब महंगा पड़ जाए इसका कोई सन्देश नहीं मिलता | क्यूंकि इसके आने की कोई सूचना नहीं होती | लोगों को इससे सतर्क रहना चाहिए ,क्यूंकि प्रकृति के साथ छेड़छाड़ करना उचित नहीं | समुन्द्र के उफनते हुए पानी , हवा का वह झोका जिसे हम तूफ़ान का नाम देते हैं या फिर इसे भीम कहा जाता है , आग से भी खिलवाड़ करना मनुष्य के लिए संभव नहीं , परन्तु लोग इस उत्साह में कारनामे दिखाते हुए चैलेन्ज करने उतर जाते है मैदान में | माना कभी उनकी जीत हो जाती है , मगर हर बार ये संभव नहीं |
ऐसा हीं एक हादसा तमिलनाडु के पुदुकोट्टई जिले में हुआ है | बालाजी नाम के एक युवक , जिसकी उम्र मात्र 19 वर्ष थी , यह कराटे मास्टर थे | यह पुदुकोट्टई में एक खुले मैदान में आग के साथ स्टंट कर रहे थे | हवा के कारण आग फ़ैल गया और इसपर वह काबू नहीं पा सके | कराटे का स्टंट महंगा पड़ गया , जब आग से कारनामे करते समय आग बेकाबू होकर पूरी तरह उनके शरीर को अपनी आगोश में भर लिया और वे खुद को नहीं बचा सके | उनके साथ वहां उनके साथीगण भी मौजूद थे , बचाने में साथियों की कोशिश भी नाकाम रही और यह दर्दनाक हादसा आँखों के सामने तैरता हुआ भयावह रूप लेता नजर आ रहा था |
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लोगों को समझ में नहीं आ रहा था कि क्या करे और क्या न करे ? क्यूँकि आग से खेलना और उससे बचना ,इतना आसान नहीं होता , जितना ये बच्चे खुद को बचा पाना आसान समझते है | यह सारा हादसा कैमरे में कैद होता चला गया , जिसकी सच्चाई आज पूरी दुनियां देख रही है | क्यूंकि यह विडियो सोशल मीडिया पर डाला जा चूका है और यह तेजी से वायरल हो रहा है |
यह हादसा 14 अगस्त को हुआ है , जिसमे बालाजी पूरी तरह जलकर घायल हुए | इन्हें अस्पताल ले जाया गया , परन्तु इलाज भी बेअसर रहा और शुक्रवार 20 अगस्त को इलाज के दौरान इनकी मृत्यु हो गई |
पुलिस ने इस मामले में केस दर्ज किया है , मगर इस घटना का दोषी किसे करार दिया जाए ? सवाल तो यह है कि आग के कारण इनकी मृत्यु हुई और आग को तो दोषी ठहराया नहीं जा सकता | मगर इस स्टंट को दोषी जरुर करार दिया जा सकता है | ऐसा स्टंट किस काम का ? जिसमे जान हीं चली जाए ! स्टंट तो देश को आगे बढ़ाने , उन्हें सवांरने के लिए किया जाना चाहिए | ऐसे स्टंट मास्टर , जिसे हमारे देश की रक्षा के लिए निहायत जरुरत थी , जो आज देश ने खो दिया | काश ये स्वाभाविक स्टंट कर पाते जिससे देश को कुछ मिल पाता | सरकार को अपने भारत में ऐसा स्टंट पर करवाई कर रोक लगानी चाहिए , जिससे की बच्चे की गलती की सजा - माँ , पिता , भाई , बहन , परिवार को न झेलना पड़े |
बहुत अफ़सोस की बात है कि - भारत के इस बेटे को बचाया नहीं जा सका , अब बालाजी इस दुनियां में नहीं | परन्तु इनके परिवार की आंसू / दर्द / पीड़ा को कौन बाटेगा ? और उन्हें उनका बेटा कौन लौटाएगा ? यह कोई हादसा नहीं था , इस हादसे को आमंत्रण दिया गया था , जिससे बालाजी की जान चली गई |
ऐसी जिंदगी जीने में क्या बुराई है ? जहाँ कोई रिस्क हीं नहीं उठाना पड़े | मगर आज के युवा पीढ़ी के लिए ऐसी जिंदगी जीना , उनकी सोंच के लिए नागवार होगा , जहाँ उन्हें सरल / सुलझा / गतिशील जीवन जीने को कहा जाए |
अग्नी को देवता माना गया है , जिसे अन्न पकाने व पेट की ज्वाला शांत करने के लिए या फिर जीवन में अँधेरे को उजाला में बदलने हेतु "ज्योत" दीप जलाने के लिए किया जाना चाहिए | ईश्वर से खिलवाड़ करना महंगा पड़ गया बालाजी को | बच्चे कब समझेंगे ? और बड़े भी उतने हीं दोषी है , जो अपने बच्चों को समझाते नहीं |
हम यह नहीं कहते कि - कराटे में कोई बुराई है | हमारे कहने का बस इतना मतलब है कि - विला वजह यह करतब दिखलाना , सिर्फ मनोरंजन के लिए | यह सर्कस और मनोरंजन किस काम का , जिसमे न परिवार को कुछ मिला और न देश को और देश से एक अनमोल जिंदगी चली गई , जिसने अभी पूरी तरह से दुनियां देखा भी न था |
सप्ताह भर पहले की बात है - अपने सपने को साकार करने के लिए , महाराष्ट्र के यवतमाल के युवक ने स्वयं के दिमाग से एक हेलीकॉप्टर बनाया था और हेलिकॉप्टर की टेस्टिंग की दौरान उनकी मृत्यु हो गई | उस व्यक्ति की मृत्यु , टेस्टिंग के दौरान हीं हेलिकॉप्टर का घूमता हुआ पंखा उनके सर पर तेजी से आकर लगा , जिससे घटना स्थल पर हीं उनकी मृत्यु हो गई |
इस हादसे से वहां चारो तरफ हड़कम्प मच गया | इनका परिचय कि यह महाराष्ट्र के यवतमाल के महागाँव तालुका के फूलसावंगी निवासी है , इनका नाम शेख इस्माइल है | इन्हें लोग मुन्ना हेलिकॉप्टर के रूप में भी जानते हैं | इनकी उम्र 24 वर्ष थी , पिछले 2 वर्ष से ये हेलिकॉप्टर बनाने में कड़ी मेहनत कर रहे थे | अपने तेज दिमाग के बदौलत उन्होंने हेलिकॉप्टर तैयार तो कर लिया , क्यूंकि वे वेल्डिंग की दूकान में काम करते थे और अलमारी , कूलर आदि का भी मरम्मत किया करते थे | वेल्डिंग के दौरान हीं हेलिकॉप्टर निर्माण का ख्याल इनके दिमाग में आया और यहाँ से इनकी शुरुआत हो गई |
यह घटना मामूली घटना नहीं कहा जा सकता , जिसमे अनमोल जिंदगी छनभर में विलुप्त हो जाती है | काश ! कि ऐसे तेज दिमाग के लोग दिल का इस्तेमाल कम करते हुए अपने दिमाग का इस्तेमाल कर पाते , तो यह हादसा नहीं होता | किसी भी चीज का निर्माण किया जा सकता है और इस धरती पर लोग चाँद पर भी पहुंच चुके है , तो ! माना जा सकता है कि - इंसान बहुत कुछ कर सकता है | मगर इसमे बच्चों को सुविधा , व्यवस्था भी तो चाहिए | इस्माइल के हेलिकॉप्टर के पंखे में वह पॉवर नहीं था , जिससे वह हवा का वेट सह पाता | इसपर इस्माइल ध्यान नहीं दिए और स्वयं हीं हेलिकॉप्टर में बैठकर टेस्टिंग शुरू कर दी |
यहाँ सरकार का टेस्टिंग करवाने में हीं न जाने कितनी राशि खर्च हो जाती है | एक पायलट को खड़ा करने में उनके प्रशिक्षण में देश का कितना धन खर्च हो जाता है , तब जाकर सफलता हाथ लगती है | इतना आसान नहीं होता जोखिम भरा निर्माण कर देना | इस्माइल के लिए बेहतर था , इस प्रोजेक्ट को तैयार कर किसी और माध्यम से जमीन पर उतारना | खैर ..... बहुत दुःख की बात है कि ऐसे बच्चें जिनके पास प्रतिभाओं की कमी नहीं , उन्हें कोई रोकने या हाथ पकड़ने वाला नहीं मिलाता और वे धीरे - धीरे गलती पर गलती करते चले जाते है , अपने सपनों को पूरा करने में |
ध्यान देने की बात है कि - जिंदगी नहीं मिलाती दूबारा | इसे बहुत हीं संजोकर सुरक्षित रखिये ताकि ये देश के काम आ सके और आपकी प्रतिभा से देश को एक नया रास्ता तैयार मिले , जिससे आप इतिहास बने | ..... ( न्यूज़ / फीचर :- भव्याश्री डेस्क )
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