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आज अहले सुबह करीब साढ़े पांच बजे Zee न्यूज़ के एंकर के घर छतीसगढ़ पुलिस ने दस्तक दिया और 7 बजकर 15 मिनट पर नोएडा पुलिस उनके आवास से उन्हें गिरफ्तार कर के ले गई |
रोहित रंजन पर कांग्रेस लीडर राहुल गाँधी के खिलाफ फेक न्यूज़ चलाने का आरोप है |
पिछले दिनों रोहित रंजन ने अपने स्पेशल टीवी शो में वरिष्ठ नेता राहुल गाँधी के ब्यान को तोड़ मरोड़कर दिखाया जिससे उनकी छवि धूमिल हुई है | वहीं राहुल गाँधी के समर्थकगण भी आहत हुए जिसके बाद छतीसगढ़ में एक FIR दर्ज हुआ |
2 दिन पूर्व नोएडा में टीवी चैनल के बाहर प्रदर्शन करने और पुतला फूंकने के आरोप में 19 कांग्रेस कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया है |एंकर रोहोत रंजन पर राजस्थान में भी इस ब्यान को लेकर मुकदमा दर्ज हुआ है |
रोहित गाजियाबाद के इंद्रापुरम में रहते है | रोहित रंजन पुलिस को अपने दरवाजे पर देखकर उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ , ASP गाजियाबाद और ADG जोन लखनऊ से मदद मांगी है |
रोहित रंजन ने ट्विटर पर लिखा - बिना लोकल पुलिस को जानकारी दिए छतीसगढ़ पुलिस मेरे घर के बाहर मुझे अरेस्ट करने के लिए खड़ी है , क्या यह कानूनन सही है ? उत्तरप्रदेश सरकार और प्रशासन को टैग किया |
इंद्रापुरम की पुलिस और नोएडा पुलिस के बीच खींच तान चली | नोएडा पुलिस ने कहा कि - उनके थाने में रोहित रंजन के खिलाफ केस दर्ज है और 7:15 बजे रायपुर पुलिस के सामने गिरफ्तार कर के ले गई जिसकी पुष्टि इंद्रापुरम के सिओ ने की है |
हालाकि रोहित रंजन ने इस बात के लिए पूर्व में हीं अपने ट्विटर के जरिये माफ़ी मांगी थी , बावजूद उनकी गिरफ्तारी हुई |
आखिरकार केस कब , किसने और किसलिए दर्ज किया है ? इसकी पूरी बाते उभरकर सामने नहीं आई है | परन्तु रोहित रंजन के ट्विटर का जवाब देते हुए छतीसगढ़ की रायपुर पुलिस ने लिखा - सूचित करने के लिए ऐसा कोई नियम नहीं है | पुलिस ने आपको कोर्ट का गिरफ्तारी वारंट दिखाया है | आपको सहयोग करना चाहिए और जांच में शामिल होकर अपना पक्ष आदालत में रखनी चाहिए |
अब रोहित रंजन गिरफ्तार हो चुके है | धीरे - धीरे बाते सामने आएगी की आखिरकार राहुल गाँधी के किस ब्यान को उन्होंने तोड़ मरोड़कर परोसा है |
बात चाहे राहुल गाँधी की हो या किसी भी पार्टी के नेता या आम नागरिक की , यह हक़ किसी को नहीं बनता कि उनकी बातो को घुमाकर परोसा जाए और उन्हें देश में बदनामी का जमा पहनाकर उनकी स्मिता को धूमिल किया जाए | बात को समझकर निष्पक्ष रूप से सामने लाना हीं समझदारी का परिचायक है | इसलिए कलम हो या फिर जुबान थोड़ी धीमी गति से चले तो ज्यादा बेहतर |
अब देखना है कि रोहित रंजन की वापसी कितने समय में होती है | देश का चौथा स्तम्भ मीडिया के सदस्य की गिरफ्तारी होना मन को झकझोर कर रख दिया | कलम में तो स्वतंत्रता होनी चाहिए जिससे वे सच लिख सके , परन्तु सच को तोड़कर लिखना भी कलम और जुबान की नादानी है , तो ऐसे में ........... ! ( न्यूज़ / फीचर :- रुपेश आदित्या , एम० नूपुर की कलम से )
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