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Zee न्यूज़ के एंकर रोहित रंजन को कोर्ट ने राहत दी और गिरफ्तारी पर रोक लगाया | देश का उच्चत्तम न्यायालय सुप्रीमकोर्ट ने कहा कि - रोहित रंजन के खिलाफ जहाँ कहीं पर भी FIR दर्ज हुई है उसपर कोई करवाई नहीं होगी |
छतीसगढ़ पुलिस न जाने किसके निर्देश पर रोहित रंजन को गिरफ्तार करने 5 बजे सुबह हीं उनके घर पहुंची थी | छतीसगढ़ पुलिस ने उत्तरप्रदेश की पुलिस को सूचना दिए बिना ऐसा कदम उठाया जो उचित नहीं था | रोहित रंजन गाजियाबाद के इंद्रापुरम में रहते हैं |
जस्टिस इंदिरा बनर्जी और जस्टिस जे के महेश्वरी की पीठ ने रोहित रंजन की याचिका पर अटॉर्नी जनरल के कार्यालय के माध्यम से केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया था |
रोहित रंजन की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धार्थ लूथरा सफाई पेश कर रहे थे | लूथरा ने कोर्ट को बताया कि - एक हीं आरोप के लिए उनके खिलाफ कई प्राथमिकी दर्ज की गई है | रोहित रंजन ने अपनी याचिका में अपने खिलाफ दर्ज सभी प्राथमिकी को रद्द करने की मांग की थी | जिसपर उनके अधिवक्ता ने अपना दलील पेश करते हुए कहा कि - वह एक टीवी शो होस्ट करते है जिसमे उनसे गलती हुई थी | जिसके बाद उन्होंने इस गलती के लिए माफ़ी भी मांग ली थी , बावजूद उनके खिलाफ कई प्राथमिकी दर्ज हुई |
सभी बातो को गौर से सुनते हुए कानून ने रोहित रंजन का साथ दिया और उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगाते हुए सभी FIR पर अंकुश लगाया |
कानून सभी के लिए बराबर है , जहाँ दोषी को सजा और निर्दोष के लिए वरी का प्रावधान है | इसलिए कानून को हाथ में न लेते हुए अपनी बातो को सरलता से वहां तक पहुंचाए | कानून व कोर्ट हमारे देश का एक अहम् हिस्सा है जो निष्पक्ष न्याय करती है |
रोहित रंजन पर किये गए केस को ख़ारिज का सन्देश पाकर इनके फैंस व मीडियाकर्मी काफी राहत महसूस कर रहे हैं | देश का चौथा स्तम्भ मीडिया जिसके सदस्य को इस कदर परेशान करना उचित नहीं था , तब जब इन्होने अपनी गलती पर माफ़ी मांग ली थी और माफ़ी मांग लेना एक सरल व्यक्तित्व का होना दर्शाता है | ........ ( न्यूज़ / फीचर :- रुपेश आदित्या , एम० नूपुर की कलम से )
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