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छतीसगढ़ में सूरजपुर के जिलाधिकारी रणवीर शर्मा के सर पर गिरा गाज | अब उन्हें आम इंसान का महत्व समझ में आ गया और उन्होंने माफ़ी भी मांग ली |
लॉकडाउन के कारण सड़को पर जायजा लेने कलेक्टर साहब अपने दल के साथ घूम रहे थे | मोटरसाइकिल से आते हुए एक युवक दिख गया | उन्होंने युवक को रोका , युवक मोटरसाइकिल से उतरकर जिलाधिकारी के करीब गया | विडियो में साफ़ दिख रहा है की वह युवक जिलाधिकारी महोदय को अपने हाथ की पर्ची दिखाकर कुछ कह रहे हैं | लेकिन जिलाधिकारी महोदय उस युवक की बात न सुनकर , उसके गाल पर ऐसा जोरदार थप्पड़ मारा कि युवक को रोना आ गया होगा | जिलाधिकारी ने युवक के हाथ से मोबाइल छिनी , जिसकी कीमत 17 हजार रुपये थी | अपने हाथ में मोबाइल लेकर जमीन पर ऐसा पटका की वह बुरी तरह छतिग्रस्त हो गया | प्रताड़ना यहीं नहीं रुका , उन्होंने दो पुलिसकर्मी से उस व्यक्ति पर डंडे भी चलवाई और उनका मोटरसाइकिल जब्त कर लिया |
कलेक्टर द्वारा युवक को पीटने वाला विडियो देखने के लिए इस टाइटल पर क्लिक करे :-
विस्तार से बता दे कि - वह युवक अपनी दादी जो कोरोना मरीज है , उन्हें अस्पताल में खाना देकर लौट रहे थे और हाथ में दवा खरीदने वाली पर्ची थी | अब जिलाधिकारी महोदय को क्या सूझी कि वे आपा से बाहर हो गए और दिखा दिया अपनी पद की गरिमा |
अब इस हरकत का विडियो वायरल हो रहा है और जैसे हीं इस विडियो पर छतीसगढ़ सरकार की नजर पड़ी , वे कलक्टर साहब को जिला से हटाकर सचिवालय में भेज दिए | अब सूरजपुर में नए जिलाधिकारी गौरव कुमार सिंह पदभार संभल चुके हैं |
छतीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने लिखा - सोशल मीडिया के माध्यम से सूरजपुर कलेक्टर रणवीर शर्मा द्वारा एक नवयुवक से दुर्व्यवहार का मामला मेरे संज्ञान में आया है , यह बेहद दुखद और निंदनीय है | छतीसगढ़ में इस तरह का कोई कृत्य कतई बर्दाश्त नहीं किया जायेगा | कलेक्टर रणवीर शर्मा को तत्काल प्रभाव से हटाने के निर्देश दिए हैं | साथ हीं उस युवक को एक नया मोबाइल देने का निर्देश भी जारी किया है |
हालाकि जिलाधिकारी महोदय ने अपने द्वारा किये गए इस व्यवहार पर माफ़ी मांगी है और कहा - आज सोशल मीडिया पर एक विडियो वायरल है | जिसमे मुझे एक आदमी को थप्पड़ मारते हुए दिखाया गया है , जो लॉकडाउन के दौरान बाहर था | आज के इस व्यवहार के लिए मै दिल से माफ़ी मांगता हूँ | उस व्यक्ति का अनादर करने का मेरा कोई इरादा नहीं था |
वहीं IAS एसोसिएशन ने भी कलेक्टर के इस व्यवहार की आलोचना करते हुए कड़ी निंदा की है | ट्विट में आप देख सकते हैं |
अभी कोरोना काल के दौरान कुछ अफसर ऐसे है , जो पास बुलाकर सभी को प्यार से समझते हैं | जिससे सोशल मीडिया पर उनकी तारीफ के पूल बांधते लोग थकते नहीं और वहीं कुछ ऐसे अफसर है जिसकी निंदा ट्रासफर या सस्पेंड करने जैसी बात और जनता की तरफ से ट्रोल करना देखा जा सकता है | खैर समझ - समझ की बात है , लेकिन ! उन्हें ऐसा नहीं करना चाहिए | मोबाइल तोड़ देना यह देश की सम्पति थी , इससे देश का नुकसान हुआ , दूसरी बात अगर वो मोबाइल किसी के द्वारा गिफ्ट में दी गई हो , तो वो मोबाइल वापस आएगा , नहीं न ! भले हीं छतीसगढ़ के मुख्यमंत्री महोदय ने उस व्यक्ति की पीड़ा को समझते हुए , नए मोबाइल देने का निर्देश दिया है , उनका शुक्रिया | परन्तु ये अफसर कभी आम व्यक्ति बनकर सोंचे कि , सभी को ऐसी सरकारी AC गाड़ी और पुलिस दल नहीं मिल जाता | स्वयं वहां खड़ा होकर सोंचते तो शायद ! ऐसी गलती न करते | क्यूंकि जिस पेड़ में आम लग जाता है , वह डाल झुक जाता है | यह ज्ञान अफसरों को कब आएगा |
शुक्रिया सोशल मीडिया का जिसके द्वारा आज बहुत कुछ स्पष्ट बाहर दिखाई पड़ता है | आज अगर CCTV कैमरा और हाथ में कैमरें वाला मोबाइल न होता तो उस व्यक्ति के प्रति किसी की सोंच या मुख्यमंत्री तक बाते नहीं जा पाती और IAS एसोसिएशन भी कुछ नहीं जान पाते |
आज CCTV फूटेज के कारण हीं भारत के गुरुर काहे जाने वाले पहलवान सुशील कुमार की गिरफ्तारी हुई है | आज कुछ जगहों पर साक्ष्य और सबूत ऑन सपोर्ट भी मिल जाता है | ...... ( न्यूज़ / फीचर :- भव्याश्री डेस्क )
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