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आज कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर काशी की पवित्र धरती दीपो से जगमगा उठी | 15 लाख दीयों को जलाया गया , जहाँ 2 लाख से भी ज्यादा श्रद्धालुगण 84 घाटो पर मौजूद थे |
दीप की शुरुआत 1986 में एक हजार दीपक जलाकर किया गया था | 2021 में 15 लाख दीपों का विस्तृत रूप देखने को मिला | इससे समझा जा सकता है - श्रद्धालुओं का काशी के प्रति प्रेम किस कदर उमड़ पड़ा है | शिव की नगरी का अद्दभुत नजारा इन्द्रधनुषी रंगों से नहला दिया श्रधालुओं के निर्मल मन को , जहाँ हर बूंद अमृत रस के समान महसूस हुआ | यहाँ डूबकी लगाकर श्रद्धालुओं ने स्नान / ध्यान किया | यहाँ के नजारा को देखकर ऐसा प्रतीत हुआ जैसे स्वर्ग से देवी देवातायें उतरकर काशी की धरती पर आनंद लेने पहुँच गए हो |
रंगोली के बीच दीपक की नूर अद्दभुत रंग बिखेरती हुई मिली | महागंगा की आरती ने लोगों को जहाँ एक तरफ भावुक किया ,वहीं दूसरी तरफ उन्हें स्वयं को स्वर्ग में होने की अनुभव से लबालब भी किया | सोने पर सुहागा तब और जान पड़ा , जब 51 कन्याओं के नेतृत्व में महागंगा की आरती को संपन्न किया गया | काशी बेहद मनलुभावना दृश्य में लिपटा प्रतीत हुआ |
यहाँ सिर्फ भारत के हीं लोग नहीं बल्कि कई देश के लोग दर्शन व अद्दभुत नजारा का लुत्फ़ उठाने आते है | पंच गंगा घाट पर काशी राज परिवार के डॉक्टर अनंत नारायण सिंह के मौजूदगी में 2000 दीप प्रज्वलित किये गए | काशी की धरती के पास का अम्बर सतरंगी हॉट बैलून से भरी नजर आई | 1000 फीट की उंचाई से काशी की छटा निहारने का अद्दभुत नजारे का अवसर श्रद्धालुओं को प्रफ्फुलित कर गया | गंगा किनारे उड़ते हुए हॉट एयर बैलून का नजारा आसमान के बादलों में गोल्डन व सिल्वर सतरंगी रंगों से भरा इन्द्रधनुषी रंग होने का एहसास करा गया |
चारो तरफ देव दीपावली और कार्तिक पूर्णिमा की धूम मची रही | पर्यटकों ने गंगा में नौका की सवारी का लुफ्त उठाया | धन की परवाह किये बिना लोग बस आकर्षण के तरफ दौड़ते पाए गए | ऐसा लगा रहा था जैसे श्रद्धालुओं के जोश में पंख लग गए हो और वे स्वर्ग की अनुभूति से वशीभूत होकर सिर्फ सुख का अनुभव / सौन्दर्य का अनुभव और श्रद्धा का अनुभव ढूँढ रहे हों |
आपको जानकारी दे दे कि - इस बार अयोध्या के रिकॉर्ड को भी तोड़ दिया गया , जहाँ दीपावली के अवसर पर अयोध्या में 12 लाख दीप सजाई गयी थी , वहीं काशी में 15 लाख दीपों को सजाया गया | गाय घाट पर अमर जावन ज्योति आकर्षण का केंद्र बना |
प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था का बहुत हीं सुदृढ़ इंतजाम कर रखा था | हर जगह चेकिंग पोस्ट , साथ हीं नदी में गोतोखोर की भी तैनाती की गई थी |
इस बार का नजारा तो सबने देखा / जाना , परन्तु हर किसी को नशीब नहीं होता काशी की धरती पर आज के दिन मौजूद रह पाना या धरती को स्पर्श कर पाना | परन्तु हर श्रद्धालु को एक बार काशी की धरती का स्पर्श करना पूण्य का भागिदार बनाता है | इसलिए जीवन में एक बार काशी स्नान अवश्य करे | ........ ( न्यूज़ / फीचर :- भव्याश्री डेस्क )
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