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दिन व दिन बढ़ रहे हिंसा का अंजाम क़त्ल नहीं हो सकता मगर ! यहीं सच है कि इसी दौर में जी रहे है हम आरजूओं को लिए हुए | आदमी को आदमी की पहचान क्यूँ नहीं है ? क्यूँ नहीं बनाते वैज्ञानिक आदमी को परखने का कैमरा जो दिलो को पढ़ सके ?
CCTV कैमरा ने बहुत राहत दी है हिंसात्मक दौर से गुजरने वाले / अंजाम देने वाले लोगो के लिए मगर काश पहले पता हो तो इस भयावह अंजाम का रूप देखना न पड़े किसी को |
हम बात कर रहे है झारखंड के साहिबगंज में रुबिका पहाड़िया मर्डर केस की जिस घटना ने लोगो के दिलो को दहलाते हुए एक बार फिर सोंचने पर मजबूर कर दिया | रिश्ते अनमोल होते है मगर आज मोल किस मुठ्ठी में कैद होकर रह गया !
रुबिका एक आदिवासी लड़की थी जिसकी हत्या कर उसके मृत शरीर के 50 से ज्यादा टुकड़े कर उसे अलग - अलग हिस्से में फेक दिया गया | पुलिस की गहरी चौकसी में अभी तक लाश के सिर्फ 12 टुकड़े हीं बरामद हो पाए हैं |पुलिस की पैनी दृष्टि ने दिलदार अंसारी को हिरासत में लेते हुए पूछताछ आरम्भ कर दी है | यह घटना ठीक वैसी हीं है जैसा की कुछ दिन पूर्व दिल्ली की श्रद्धा हत्याकांड का मामला सामने आया है |
यह घटना शनिवार की है जब देर शाम को बोरियो संथाली में निर्माणाधीन आंगनबाड़ी केंद्र के ठीक पीछे एक मानव पाँव का टुकड़ा पाया गया | सूचना मिलते हीं पुलिस हड़कत में आई | लाश मिलने की सूचना वहां के आरक्षी अधीक्षक को भी मिली | आरक्षी अधीक्षक अनुरंजन किसपोट्टा अपने दल के साथ बोरियो थाना पहुंचकर अपनी नजरो से दृश्य को देखते हुए शव के टुकड़े को फोरेंसिक जांच के लिए भेज दिया |
दरअसल रुबिका की हत्या का साक्ष्य छुपाने के लिए उसके मृत शरीर को टुकड़ा में बांटकर शातिर दिमागदार ने उसे अलग - अलग स्थान पर फेक दिया | दुमका से खोजी कुत्ता को भी बुलाया गया |
दिलदार अंसारी के इस मासूम चेहरे के पीछे का राज व छिपा कातिलाना साजिश की तार किसी को दिखाई नहीं पड़ी यहाँ तक की रुबिका को भी नही | दिलदार के अतिरिक्त कई और भी लोगो के इस साजिश में हाथ होने का अंदेशा दिखाई पड़ रहा है | पुलिस ने कुछ को तो हिरासत में ले लिया है , अन्य लोग भी ज्यादा दिन तक छूप नहीं पाएंगे |
रुबिका और दिलदार ये दोनों एक दुसरे के काफी करीब थे | दो साल से ये दोनों एक दुसरे को जानते थे | इस घटना की जानकारी मनोज दास ने दी | मनोज दास बोरियो संथाली पंचायत की मुखिया एरिका स्वर्ण भंडारी के पुत्र है | उन्होंने पुलिस को बताया कि - आंगनबाड़ी केंद्र जो निर्माणाधीन है के पीछे मानव शरीर के पाँव का हिस्सा दिखाई पड़ा | इन टुकड़ों के पास कुत्ते के झुण्ड मंडरा रहे थे |
वहां के थाना प्रभारी जगन्नाथ पान , ASI करुण कुमार राय अपने दल बल सहित स्थल पर पहुंचे और दृश्य देखकर सख्ते में आये फिर छानबीन आरम्भ की | शक के आधार पर टुकड़े मिले स्थान से करीब 300 फीट की दूरी पर एक बंद घर के अन्दर टीम दाखिल हुई जहाँ से उन्हें बंद बोरे में मांस के कई टुकड़े व हड्डिया मिली |
उसी स्थान से कुत्ते अंग को मुंह में दबाकर बाहर ला रहे थे | तहकीकात के बाद उसी कमरे में महिला की क्षत-विक्षत मृत शरीर प्राप्त हुई | दिलदार अंसारी रुबिका से डेढ़ माह पूर्व दूसरी शादी की थी | ये दोनों लिव इन रिलेशनशिप में दो वर्षो से एक साथ रह रहे थे | दो दिन पूर्व दिलदार ने बोरियो थाने में अपनी पत्नी के लापता होने की सूचना दर्ज कराई थी |
वहां के DIG सुदर्शन मंडल के अनुसार - इस हत्याकांड में कई लोगो की मिलीभगत होने का संदेह है | इसलिए की दिलदार की पत्नी दिलदार के साथ रहती थी , वह दूसरी शादी कैसे झेल पाती ? इसी उलझन और झंझट से छुटकारा पाने के लिए साजिश के तहत रुबिका की ह्त्या की गई | अभी उस स्थान के चारो तरफ पुलिस बल तैनात कर दिए गए हैं |
अभी हाल ही में श्रद्धा मर्डर का दर्द उफान भर रहा है , तभी एक और सदमा देश की बेटी का मर्डर काफी आहत पहुंचाने जैसा है | आज आफताब जैसी मानसिकता वाले लोगो ने भारत के हर स्थान में डेरा डाल रखा है |
हम जयपुर की बात करे तो - हाल ही में एक भतीजे ने अपने बुआ को मारकर 10 टुकड़ो में काटकर फेक दिया | आज हर शहर व गाँव में रिश्तों के टुकड़े होते दिखाई पड़ रहे हैं जहाँ भावनाएं आहत होती है |यह कैसी पगडण्डी जहाँ चलने का दौर नहीं ? कितनी ऊँची है रिश्तो की डोर और कितना गहरा ? यह जानना सभी के लिए जरुरी है |
इन्ही टुकड़ो में बिखरता जा रहा है रिश्तो का सफ़र | कौन समझे , कैसे समझे और समझाए .... रिश्तो का अहमियत , महत्व खैर ........ जागिये , सोंचिये , ठहरिये और अपनी जिंदगी के रक्षक स्वयं बनिए | इसलिए कि आज की तारीख में धन कमाने की होड़ में रिश्तो की निर्मलता ढह रही हैं | ......... ( न्यूज़ /फीचर :- रुपेश आदित्या , एम० नूपुर की कलम से )
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