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अमर जवान ज्योति जो इंडिया गेट पर प्रजव्लित होता था , अब नेशनल वार मेमोरियल में मिला देने का फैसला किया गया है | इस ज्योति को गणतंत्र दिवस से पूर्व शिफ्ट किया जाना है , इसलिए शुक्रवार दोपहर 3 बजकर 30 मिनट पर अमर जवान ज्योति की मिशाल को एक समारोह के दौरान नेशनल वार मेमोरियल में लाया जाएगा और दोनों लौ को आपस में मिला दिया जायेगा | इस समारोह की अध्यक्षता एयर मार्शल बलभद्र कृष्ण करेंगे |
ज्योति को मिलाने की बात जैसी हीं प्रकाश में आया , राहुल गाँधी ने अपना दुःख जताते हुए ट्विट किया - बहुत दुःख की बात है कि - हमारे वीर जवानों के लिए जो अमर ज्योत जलती थी , उसे आज बुझा दिया जाएगा | कुछ लोग देश प्रेम व बलिदान नहीं समझ सकते ! कोई बात नहीं हम अपने सैनिकों के लिए अमर जवान ज्योति एक बार फिर जलाएंगे |
अमर जवान ज्योति का उद्घाटन 1972 में 26 फ़रवरी को श्रीमती इंदिरा गाँधी ने किया था | अमर जवान ज्योति को पाकिस्तान के खिलाफ शहीद होने वाले 3843 भारतीय जवानो की याद में बनाया गया था |
वहीं नेशनल वार मेमोरियल का निर्माण 2019 में किया गया | इसमे 1947 में देश के आजादी के बाद से अबतक शहीद हुए 26466 भारतीय जवानों के सम्मान में निर्माण किया गया | इस स्मारक का उदघाटन 25 फ़रवरी 2019 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किया था |
भारत ने पाकिस्तान के साथ 1971 के युद्ध के 50 साल पुरे होने पर अमर जवान ज्योति को राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर शिफ्ट करने का फैसला किया है | अब अमर जवान ज्योति के जलनेवाली लौ को नेशनल वार मेमोरियल की लौ में विलय कर दिया जाएगा |
अमर जवान ज्योति स्मारक के ऊपर एक उल्टी बंदूक और सैनिक का हेलमेट बना हुआ है , जिसके बगल में कभी न बुझने वाली आग की लौ जल रही है |
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जब राष्ट्रीय युद्ध स्मारक का उदघाटन किया , तो यह निर्णय लिया गया था कि - अमर जवान ज्योति की मूल लौ यहीं जलाई जायेगी |
राष्ट्रीय युद्ध स्मारक उन सैनिकों और गुमनाम देशभक्त की याद में बनाया गया था जो देशभक्त आजदी के बाद से देश की रक्षा करते हुए अपनी प्राणों की आहुति दे दी | नया स्मारक इण्डिया गेट परिसर में 40 एकड़ में फैला है |
इण्डिया गेट की उंचाई 42 मीटर है , जिसका निर्माण ब्रिटिश सरकार ने किया था | अफगान युद्ध में ब्रिटिश सेना की तरफ से शहीद होने वाले 84 हजार भारतीय सैनिकों की याद में इसका निर्माण किया गया था | यहाँ उन सैनिकों के नाम भी दर्ज किये गए है |
सूत्रों के अनुसार बात जो छनकर सामने आई है - कि अमर ज्योति पर जलने वाली ज्योत उन शहीदों को श्रधांजलि देती थी , जो 1971 व अन्य युद्ध में शहीद हुए थे | यह दृश्य व नाम हमें हमारी गुलामी को याद दिलाती है और आनेवाली पीढ़ी के लिए भी जागरूकता लानेवाला स्थल है | वहां उनका नाम दर्ज था , मगर उनमे से किसी का भी नाम नेशनल वार मेमोरियल में अंकित नहीं है |
एक
बार फिर आपको बता दे - आज दोपहर 3 बजकर 30 मिनट पर अमर जवान ज्योति की लौ
नेशनल वार मेमोरियल की लौ में विलय हो जाएगा | इस विषय पर लोगों की विभिन्न
प्रतिक्रिया आ रही है | कुछ सहमति जता रहे है , कुछ आक्रोश दिखा रहे है और
कुछ खामोश है | ......( न्यूज़ / फीचर :- रुपेश आदित्या , एम० नूपुर की
कलम से )
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