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बीते बुधवार को कलयुग का एक आठवां अजूबा ओड़िसा के जाजपुर जिले के दानागढ़ी इलाके की धरती पर देखने को मिला | यह देख व सुनकर लोगों का आश्चर्य का ठिकाना नहीं कि - ऐसा कैसे हो सकता है ? यह अजूबा था - आदमी के काट लेने से सांप की मृत्यु , जबकि अक्सर हम ये सुनते आयें है कि सांप के काटने से इंसान की मृत्यु होती रही है | विस्तार से हम आपको बता दे कि :-
किशोर बद्रा नाम का एक व्यक्ति , बुधवार की रात को अपने खेत में काम करने के बाद , घर वापस आ रहा था | तभी एक सांप ने उनके पाँव को डस लिया | उस व्यक्ति ने सांप को देख लिया और अपनी जान की परवाह किये बिना उसे पकड़ लिया और उसे अपने दांत से कई जगह काट कर जख्मी कर दिया | किशोर बद्रा ने जब उसे काटा , उस वक्त उन्हें सिर्फ अपनी जान की परवाह थी और उनका आक्रोश कि वे सांप को काटते चले गए | उनके गुस्से ने यह रूप लिया कि - किशोर के जहरीले दांतों के विष से सांप की हीं मृत्यु हो गई और किशोर बद्रा बाल - बाल बच गए |
सांप के मरने का हमें अफ़सोस है | परन्तु यहाँ तो अपनी - अपनी जान बचाने का दौर चल रहा था | सांप किसी भी व्यक्ति को वगैर कसूर डसते नहीं | वह भी अक्सर यहीं चाहते है कि - उनका सामना इंसान से कभी न हो | इंसान भी यहीं चाहता है , मगर कभी न कभी यह एक दूसरे से टकरा हीं जाते है और इस तरह का भयावह दृश्य देखने को मिल हीं जाता है , जब इनके काटने से इंसान की मृत्यु हो जाती है | परन्तु ऐसा पहली बार हुआ हो , हम नहीं कह सकते - जब इंसान के काटने से सांप की मृत्यु हुई हो ! लेकिन ऐसी घटना उंगली पर गिनी जाने वाली होगी , ऐसा कहा जा सकता है |
रात का वक्त था , खेत में सांप या अन्य प्राणी का आना - जाना लगा रहता है | इसलिए कि खेत में इंसानी प्रवृति सूर्य की रौशनी में काम करते हैं | किसी जीव को क्या पता , रात में तो इनके विचरने दौर होता है ? किशोर बद्रा का पाँव उनपर पड़ा होगा , फिर सांप ने उन्हें डस लिया खैर .....
सूचना के आधार पर - रात को किशोर बद्रा घर आ रहे थे , तब उनके पैर में कुछ चुभा | उन्होंने टॉर्च जलाकर देखा तो , सांप उनके पैर पर था | किशोर ने सांप को अपने हाथ में उठा लिया और उसे लगातार दांत से काटने लगा | वह सांप वहीं पर मर गया | किशोर बद्रा , उस मृत हुए सांप को अपने घर लेकर आ गए और अपनी पत्नी को पूरी कहानी सुनाई | धीरे - धीरे यह खबर उछाल लेने लगा और पूरी गाँव तक फ़ैल गई | गाँव वाले ने तुरंत किशोर को पास के अस्पताल में जाने की सलाह दी | परन्तु किशोर बद्रा ने अस्पताल जाने से साफ़ इनकार कर दिया और वह एक पारंपरिक उपचारक के पास पहुंचे और अपने आप को उनसे दिखाया |
किशोर बद्रा के शरीर में सांप के काटने का कोई जहर नहीं फैला है और न अभी तक किसी भी तरह का शारीरिक नुकसान हीं पहुंचा , वह पूरी तरह सुरक्षित है |
किशोर बद्रा की यह घटना एक कहानी नहीं , यह पूरी तरह से हकीकत है | परन्तु इस कहानी को पढ़कर / सुनकर अनुकरण करने की बात पर हम अंकुश लगाना चाहेंगे | यह एक इक्ताफाक था , जब आदमी के काट लेने से सांप की मृत्यु हुई | आप भूलकर भी ऐसा न करे , कोशिश कीजिये कि - जब भी खेत खलिहान या अँधेरे में सड़क पर चले , तो पहले से हीं टॉर्च की रौशनी का फोकस अपने आने वाले कदमों के राह पर डालते चले | ताकि रौशनी देखकर कोई भी जीव - जंतु आपके पास न फटके | सांप के कटाने से किशोर बद्रा की मृत्यु होती , यह भी बहुत दुखदाई होता | इनका परिवार पूरी तरह विखर जाता , जिससे इनका तो बचाव हो गया | परन्तु उस सांप का क्या ? जो अब इस दुनियां में नहीं | उनके भी बच्चे और परिवार होंगे , वह अकेला रह गया | इसलिए न गलत होने का परिस्थिति उत्पन्न करे और न परिस्थिति आने दे | यह सिर्फ अन्य जीव - जंतु के लिए हीं नहीं , इंसानी प्रवृति के लिए भी निहायत जरुरी है | बचिए और बचाइये स्वयं को , क्यूंकि जिंदगी सबकी अनमोल है | ...... ( न्यूज़ / फीचर :- भव्याश्री डेस्क )
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