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राम रहीम आज सुबह जेल से बाहर आ गए | ये रोहतक के सुनारिया जेल में कैद थे | इनपर 2 साधियों के साथ जघन्य अपराध और दो की हत्या करने का आरोप है | इसलिए इन्हें उम्रकैद की सजा मिली |
उनके अनुयायी पहले से हीं उन्हें लेने जेल के बाहर पहुँच चुके थे | 10 गाड़ियों का काफिला उनके इन्तजार में खड़ी थी | 1 गाड़ी में राम रहीम की माँ नसीब कौर भी मौजूद थी |
आज सुनारिया जेल के बाहर पुख्ता व्यवस्था की गई | राम रहीम को 21 दिन के पैरोल पर जेल से बाहर रहने की मंजूरी मिली है | रोहतक के कमिश्नर के हस्ताक्षर के बाद जेल से जैसे हीं उन्हें बाहर निकाला गया , उनके अनुयायी उन्हें छिपाकर गाड़ियों में बिठाया और गाड़ियों के काफिला के साथ निकल गए |
इनके शुभचिंतको में ख़ुशी का दौर शामिल है , मानो होली या दीपावली का त्यौहार हो |
राम रहीम के साथ एक शर्त भी है कि 21 दिन उन्हें पुलिस की निगरानी में हीं रहना होगा और ज्यादातर समय वह अपने डेरे में हीं व्यतीत करेंगे | इससे पूर्व 17 मई 2021 को उन्होंने अपनी माँ की बीमारी का हवाला देते हुए 21 दिन के इमरजेंसी पैरोल की मांग की थी | तब इन्हें सिर्फ 12 घंटे की पैरोल मिली थी |
8 माह के बाद इन्हें एक बार फिर 21 दिन के लिए बाहर की दुनियां नसीब हुई , जिसमे वे जैसे चाहे जिंदगी जी सकते है मगर एक सीमा के अन्दर |
23 साल की उम्र में थे तभी से डेरे की गद्दी पर बैठे | अपनी जिंदगी अपने अनुसार जी और बड़ी भूल कर बैठे | यह सोंचा भी नहीं कि गलत का अंजाम सदैव गलत होता है | अपराध किया तो सजा भी काटनी पड़ेगी और 25 अगस्त 2017 से वे जेल में कैद है |
वैसे राम रहीम की 21 दिन के पैरोल की रिहाई और राजनीति में भी उछाल आ रहा है | देखा जाए तो इनकी रिहाई पंजाब में चुनाव से 13 दिन पूर्व हुई है | यह बाते छनकर सामने आ रही है कि पंजाब के 23 जिलो में 300 बड़े डेरे है और इसका असर सूबे की राजनीति से जोड़ा जाता है |
राजनीति की बात अलग हटाते हुए हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर ने कहा है कि - सभी समाज को पता है कि पैरोल का चुनाव से कोई लेना देना नहीं | यह सभी को मालूम होना चाहिए कि किसी भी कैदी के 3 साल पुरे होने पर वह पैरोल के लिए आवेदन कर सकता है | ........ ( न्यूज़ / फीचर :- रुपेश आदित्या , एम० नूपुर की कलम से )
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