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12 फ़रवरी को सूरत के पसोदरा में कामरेज इलाके के पास सरेआम 21 वर्षीय एक लड़की की हत्या की गई , इस मामले में भयंकर तूफ़ान आया |
यह मामला एक तरफा आशिकी का था | इस प्यार को ग्रीष्मा वेकारिया ने स्वीकार करने से इनकार कर दिया था , जिससे क्षुब्ध होकर फेनिल गोयानी नामक आशिक ने ग्रीष्मा के घर के अन्दर जाकर उसके भाई व चाचा के सामने ग्रीष्मा के गले पर चाक़ू रखकर उसे घर से बाहर निकाला था |
इस बीच बचाने के क्रम में ग्रीष्मा के भाई और चाचा भी घायल हुए | परिवार वाले के समझाने व गिड़गिड़ाने के बावजूद भी वह एक न माना और ग्रीष्मा का गला धारदार चाकू से रेत डाला जिससे घटना स्थल पर हीं उसकी मौत हो गई |
इस घटना के क्रम मे फेनिल गोयानी पर दो मामले दर्ज हुए थे - एक ग्रीष्मा वेकारिया की हत्या और दूसरा स्वयं को मार डालने की कोशिश |
यह दोनों घटना साक्ष्य और सबूत बनकर विडियो में कैद हुआ | तेजी से वायरल हुआ यह विडियो सूरत हीं नहीं भारतवासी को दहला दिया |
आज इन्साफ का तराजू ग्रीष्मा के पक्ष में झुक गया | इस मामले की सुनवाई कर रहे जज "विमल के व्यास" ने मनुस्मृति की एक श्लोक पढ़ने के बाद फैसले का आरम्भ किया | विमल व्यास ने कहा - सजा देना आसान नहीं है , लेकिन यह दुर्लभतम मामलों में भी सबसे दुर्लभ है और आशिक फेनिल गोयानी को फांसी की सजा सुना दी गई |
पुलिस ने 9 दिन में इस केस की जांच पूरी कर ली थी , जिसमे 2500 पेज का आरोप पत्र पेश किया गया था | 190 गवाहों का ब्यान भी कलमबद्ध किये गए थे |
फेनिल की उम्र 20 वर्ष है , इस उम्र को देखते हुए पक्ष के वकील ने नर्मी बरतने का आग्रह किया | परन्तु अपराध को देखते हुए अदालत ने उसके प्रति किसी भी तरह की नर्मी न दिखाते हुए सजा का एलान कर दिया |
20 वर्षीय फेनिल को फांसी की सजा मिल गई | जिस फैसले का इंतज़ार ग्रीष्मा वेकारिया के पिता व परिवार कर रहे थे , साथ हीं स्थानीय व देश के लोगो को भी इस सजा का बेसब्री से इंतज़ार था |
एक पिता के आंसू भरे नयन बोल पड़े और कहा - आज उनकी बेटी को इन्साफ मिल गया है |
कामरेज इलाके के पास वसुंधरा पाटिया नामक स्थित इस घटना को अंजाम दिया गया था | ग्रीष्मा की माँ के आँखों के सामने उसकी बेटी की हत्या की गई | लाचार , बेवस मन रो पड़े थे और उसकी लाचार माँ बेटी की बचाव में कुछ कर न सकी |
वहां काफी संख्या में भीड़ इकठ्ठी थी , सभी लोग विडियो बनाने में मशगुल थे | मगर किसी ने जोखिम उठाने की कोशिश नहीं की , अगर प्रयास करते तो जान बचाई जा सकती थी , परन्तु ऐसा नहीं हुआ और दिनदहाड़े एक बेटी की हत्या कर दी गई |
ग्रीष्मा के माता - पिता विकलांग है | परन्तु ग्रीष्मा ने अपनी माता - पिता को इस कमी का एहसास नहीं होने दिया था , उनके हर जरुरत का ख्याल रखती थी | ग्रीष्मा अपनी माता - पिता की एकलौती संतान थी |
ग्रीष्मा के पिता अफ्रीका में नौकरी करते थे | बेटी की ह्त्या की खबर सुनते हीं सूरत पहुंचे और उसके शव को देखकर सदमे से भर गए | शव यात्रा में हजारों की संख्या में भीड़ इकठ्ठी हुई जिसमे हत्यारों को सख्त सजा मिलने का दौर शामिल था |
ग्रीष्मा की ह्त्या करने के बाद फेनिल गोयानी अपने हाथ की नस को काटकर जहर पी लिया था | पुलिस को जैसे हीं यह भनक लगी , उसे न्यू सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया |
फ़रवरी 2022 के बाद से हर दिन इस केस की सुनवाई चलती रही |सरकारी वकील नयन सुखडवाला ने इस मामले को अति दुर्लभ बताते हुए फांसी की सजा की मांग की थी | जबकि बचाव पक्ष के वकील अमीर शेख ने आरोपी को कम उम्र का हवाला देते हुए उसे एक बार सुधरने की मौका देने की बात कही थी | मगर नयन सुखडवाला ने निर्भया केस का हवाला देते हुए जज के सामने आरोपी को न्रशंस व तालिबानी तरीके से लड़की का गला रेतकर ह्त्या को अंजाम देना , सोंची समझी साजिश के तहत इस अपराध को अंजाम देना बताया |
नोट :-
किसी भी अपराध को अंजाम देना सजा को आमंत्रित करता है | ऐसे में स्वयं को संभालने की जरुरत है | आज के नवयुवक जल्दीबाजी में गलत कदम उठा लेते हैं और प्यार को बदनामी के कलम से रंग देते हैं | ऐसा करना बहुत बड़ा अपराध है | जीयो और जीने दो वाली नीति हर किसी को अपनानी चाहिए | जरुरी नहीं प्यार को विवाह का हीं एक रूप दिया जाए , प्यार तो प्यार है अपनी भावना को मन में कैद किया जा सकता है |
फेनिल गोयानी को फांसी की सजा मिली , परन्तु दूसरी तरफ देखा जाए तो - फेनिल के परिवार वालो को भी हर दिन तड़पते हुए गुजार देने की सजा एक बेटे ने दे दी |
बीते 23 अप्रैल को फेनिल को दोषी करार दिया गया था | कोर्ट ने ह्त्या की विडियो को 35 बार देखा | किसी ह्त्या मामले में सूरत में हुई इस ह्त्या का सबसे तेज गति की सुनवाई मानी जा रही है | .......... ( न्यूज़ / फीचर :- रुपेश आदित्या , एम० नूपुर की कलम से )
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