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वैभव सूर्यवंशी का चयन भारतीय क्रिकेट टीम में शामिल हुआ | इस टीम में मशहूर क्रिकेट खिलाड़ी राहुल द्रविड़ के बेटे समित द्रविड़ भी शामिल हैं | रणजी ट्रॉफी में डेब्यू करनेवाले वैभव सूर्यवंशी सबसे कम उम्र के दूसरे खिलाड़ी बने |
सचिन तेंदुलकर ने 15 साल 232 दिन की उम्र में डेब्यू किया था जबकि वैभव ने 12 साल 284 दिन के उम्र में रणजी में डेब्यू कर इतिहास रचा |
ये बिहार के समस्तीपुर जिला के ताजपुर के रहनेवाले हैं | अब अंडर - 19 सीरिज जिसकी शुरुआत 21 सितम्बर से होनेवाली है , इन्हें आस्ट्रेलिया के खिलाफ वनडे चार दिवसीय मैच खेलने का सौभाग्य प्राप्त हुआ |
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ने आस्ट्रेलिया के खिलाफ वनडे और चार दिवसीय मैच के लिए भारतीय टीम की घोषणा की है | ये 30 सितम्बर से आरम्भ होगा , चार दिवसीय सीरिज चेन्नई में पहला मल्टी डे सीरिज होगा जो 7 अक्टूबर से 10 अक्टूबर तक आयोजित की जाएगी वहीं वनडे सीरिज 21 , 23 और 26 सितम्बर को खेली जायेगी |
इस सीरिज में उत्तरप्रदेश के मोहम्मद अमान को वनडे टीम की कप्तानी का भार सौंपा गया है वहीं मध्यप्रदेश के सोहन पटवर्धन चार दिवसीय सीरिज में भारतीय टीम का कप्तानी करेंगे |
वैभव बाएं हाथ का बल्लेबाज है | एक साल के अन्दर अलग अलग मैचों में 49 शतक बना चुके हैं |
5 साल की उम्र में क्रिकेट खेलना आरम्भ किया | 10 साल की उम्र में बड़े बड़े मैच खेलते हुए सीनियर मैच रन बनाने भी आरम्भ कर दिए थे | पिछले साल हुए हेमन ट्रॉफी के लीग और सुपर लीग में सबसे ज्यादा रन ( 670 ) बनाने वाले वैभव ने अपने कद की क्षमता को इस कदर दिखाया कि बीसीए के पदाधिकारी ने इन्हें एक सुनहरा मौका दे दिया |
चंडीगढ़ में आयोजित 2023 में वीनू माकड़ टूर्नामेंट के अंडर 19 में बिहार की तरफ से इन्हें खेलने का अवसर मिला था जिसमे इन्होने अपने हुनर का लोहा मनवा दिया |
देखा जाए तो बिहार का नाम हर क्षेत्र में सुनहरे अक्षरों में दर्ज मिलेगा | यहाँ प्रतिभा की कमी नहीं सिर्फ व्यवस्था और देखने के लिए पारखी नजरियाँ का होना जरुरी है फिर तो जीत ऐसे मुठ्ठी में आती है जैसे कि कोई सामान्य बॉल की कैचिंग |
एक समय था जब बिहार के नालंदा विश्वविद्यालय में देश हीं नहीं विदेशों से भी लोग यहाँ पढ़ने आते थे और आज भी आपको बता दे कि यहाँ 26 देश के बच्चे शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं जिसे देखने के बाद लोग गर्वान्वित महसूस करते हैं |
19 जून 2024 को एक बार फिर नालंदा विश्वविद्यालय की खूबसूरती पर प्रकाश डाला गया जिसके उद्घाटन में 17 देशो के मिशन प्रमुख व कई विशेष हस्तियाँ शामिल हुए |
बिहार ने हर क्षेत्र में एक से बढ़कर एक सपूत अपने देश को दिया है जिन्होंने विश्वस्तरीय ख्याति प्राप्त की | अब चलते चलते एक नाम और भी हम अंकित करना चाहेंगे | वह नाम है - भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉ० राजेंद्र प्रसाद की जिनका जन्म और कर्मस्थली दोनों बिहार है |
वैभव सूर्यवंशी एक नहीं यहाँ तो हर जगह वैभव सूर्यवंशी जन्म ले रहें व देखने को मिल जायेंगे जिन्हें सिर्फ एक सही सिस्टम की जरुरत है | बॉल तो दीजिये हाथ में बिहार के बच्चे उसे खुद आसमान में पहुँचाने की ताकत मुठ्ठी में रखते हैं | .......... ( न्यूज़ / फीचर :- रुपेश आदित्या , एम० नूपुर की कलम से )
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