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सात समुन्द्र पार फ़्रांस के पेरिस में रहने वाली एक लड़की भारत आ पहुंची , क्यूंकि भारत में उसका दिल रहता है | दिल का स्पष्ट मतलब करे तो उसका इंडियन बॉय फ्रेंड जिससे वह विवाह करना चाहती थी , उसकी जन्म स्थली है |
पेरिस में रहने वाली इस लड़की का नाम मैरी लौर हेरल है | इनका दिल बिहार के बेगुसराय में रहने वाले राकेश कुमार पर आ गया | राकेश कुमार बेगुसराय के कटहरिया निवासी रामचंद्र साह के पुत्र है | राकेश कुमार दिल्ली में रहकर देश के विभिन्न हिसों में टूरिस्ट गाइड का काम करते थे | 6 वर्ष पूर्व इनकी दोस्ती मैरी लौर हेरल से हुई , मैरी भारत घूमने आयी थी | इसलिए कि इनके दिल में भारत की छवि बहुत हीं खुबसूरत रूप में जन्म लिया है | लेकिन क्या पता था की वक्त उन्हें भारत की धरती से हीं रिश्ते की बागडोर में जोड़ देगा |
दोस्ती धीरे धीरे गहरी होती चली गई और यह प्यार में कब बदल गया , दोनों में किसी को भी पता नहीं चला | इक्तफाक की बात है कि - यह दोस्ती दोनों के परिवार वाले भी जानते थे | 3 वर्ष पूर्व राकेश भी पेरिस चले गए और अब मोबाइल की जगह फेस टू फेस बाते होने लग गई | यह दीदार इन्हें और भी करीब लाकर खड़ा कर दिया और ये दोनों पार्टनरशिप में कपड़े के व्यवसाय से जुड़ गए | जब बिजनेस एक हुआ तो प्यार और भी गहराता चला गया | मैरी के परिजन को इनकी मुहब्बत के फंसाने की जानकरी मिली तो , उन्होंने इस रिश्ते के लिए भी अपनी स्वीकृति दे दी |
वैसे भी मैरी के माता - पिता को यह मालूम था कि उनकी बेटी को भारतीय संस्कृति व सभ्यता से काफी लगाव व प्यार है | मैरी अपने माता - पिता व राकेश के साथ बिहार की धरती बेगुसराय पर पहुंची , जहाँ उनके होने वाले पति ने जन्म लिया था |
बीते रविवार की रात भारतीय हिन्दू धर्म व रीती - रिवाज से वैदिक मंत्रोच्चार के बीच दोनों का विवाह पुरे गाँव की मौजूदगी में संपन्न हुआ | दोनों की शादी की खबर पाकर विदेशी दुल्हन को देखने भीड़ उमड़ पड़ी | अक्सर लोग फिल्म में ऐसी जोड़ी को देखते रहे हैं , जो आज उनके सामने एक सच का रूप लिए खड़ा था | यह सच है कि जिंदगी फिल्म बनती है और इनकी स्टोरी भी एक फिल्म से कम नहीं |
लेकिन एक बात हम कहना चाहेंगे कि - जोड़ी ऊपर से बनकर हीं जमी पर आती है | दो देशों के बीच का यह प्रेम जो अचानक एक रिश्ते का रूप ले लिया , इसे हम किसी जन्म से जोड़कर देखे तो शायद ! यहाँ एक बिछड़ा हुआ प्यार पुनः इस जन्म में मिला , कहा जा सकता है |
सोमवार को भी उनके घर में मेहमान व दूर - दूए से आये ग्रामीणों का ताँता देखा गया | इनकी शादी बड़ी हीं धूमधाम से रचाई गई और पूरा गाँव आनंदित हो उठा | अगले सप्ताह हीं दूल्हा और दुल्हन पेरिस लौट जायेंगे , क्यूंकि अब बिजनेस को बढ़ाना भी तो है |
इनके परिवार में राकेश कुमार के मामा भी गाइड का काम करते थे , उनकी जिंदगी के कुछ पन्ने भी कुछ इसी तरह हीं लिखे गए है | उन्हें भी फ़्रांस के लड़की से प्यार हुआ , फिर शादी हुई और अब वह फ़्रांस के हीं होकर रह गए |
इन दिनों आज के युवा पीढ़ी पर फिल्मों का असर कुछ ज्यादा हीं देखने को मिल रहा है और यह काफी अच्छा लगा देखने में कि - विरोध किसी ओर से भी आड़े नहीं आई और विवाह सुखद संपन्न हुआ |
हमें याद आ गया फिल्म "गाइड" देव आनंद और वहीदा रहमान की , जहाँ गाइड बने देव आनंद और भ्रमण करने आई वहीदा रहमान के बीच भी प्यार का अंकुर कुछ इसी तरह का रूप लिया | राकेश भी गाइड थे और इनके प्यार ने भी एक इतिहास लिखा , जो इस प्यार व रिश्ते को याद रखेंगे | ....... ( न्यूज़ / फीचर :- भव्याश्री डेस्क )
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