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बीते दिनों सीवरेज लाइन की गहराई में 3 श्रमिकों की दम घुटने से मौत की खबर सुनकर रूह काँप गया |
बिना सेफ्टी मजदूरों को 25 फीट गहराई की सीवरेज लाइन में क्यूँ उतारा गया ? यह मजदूरों की जिंदगी से खिलवाड़ है | इनकी मौत का जिम्मेदार कौन और इनकी जिंदगी का जुर्माना कौन भरेगा ? इनके बच्चे अनाथ हो गए | ये तीनों बेहद कम उम्र के थे | एक की उम्र 25 साल , दूसरे की 30 और तीसरे की 33 साल | अकाल मृत्यु की गोद में समायें इन तीनों की जिंदगी हाथों से यूँ फिसल गया जैसे कि कोई वस्तु छूट गया हो | इन्हें क्या मालूम था कि अब अपने बच्चे , पत्नी , परिवार से उनकी मुलाक़ात कभी नहीं हो पाएगी |
अखिल भारतीय बेरोजगार मजदूर किसान संघर्ष समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष "मनोज दूबे" इन तीनों श्रमिकों की मौत पर गहरा दुःख प्रगट करते हुए उनके परिजनों को मुआवजा के तौर पर 50 लाख रूपये और सरकारी नौकरी देने की मांग की है |
यह मजदूर कोटा में सीवरेज लाइन के सफाई करते थे और सफाई करने के दौरान हीं इनकी मौत हुई है | इस मामले को गंभीरता से लेते हुए मनोज दूबे ने कहा कि मौत का कारण स्पष्ट होना चाहिए | इसकी जांच हो और दोषी अधिकारियों के खिलाफ जल्द से जल्द करवाई को आगे बढ़ाया जाए | मजदूरों की जिंदगी से खिलवाड़ , किसी भी स्थिति में स्वीकार नहीं किया जायेगा , यह कहते हुए इनकी आँखे नम हो गई | आगे कहा - आये दिन , मजदूरों की मौत की खबर आँखों से होकर गुजरता है और इनकी मौत समाचार बनकर विलुप्त हो जाता है जो दुर्भाग्यपूर्ण है |
मालुम हो कि कुन्हाड़ी थाना क्षेत्र के बालिता रोड पर सीवरेज लाइन की सफाई के दौरान मौत हुई | मृतक में - गलिया (33) , करे सिंह (30) , कमल (25) ये तीनों मजदूर विवाहित थे और झाबुआ जिला के रहने वाले थे | 25 फीट गहराई में चार श्रमिक उतरे , रवि नामक श्रमिक अभी सुरक्षित हैं , इन्हें उपचार हेतु MBS अस्पताल में भर्ती कराया गया है |
नगर निगम के रेस्क्यू टीम सूचना पाते हीं मौके पर पहुंची | मास्क लगाया व ऑक्सीजन सिलेंडर के सहारे चेंबर में उतरकर रस्सी की सहायता से श्रमिकों को बाहर निकाला और अस्पताल ले गए मगर अफ़सोस डॉक्टर ने उन्हें मृत घोषित कर दिया | इनके शव को मोर्चरी में रखा गया |
इस घटना से सभी दुखी है | कंपनी की तरफ से मृत मजदूरों के परिजनों को मुआवजा देने की करवाई की बाते सामने आई है , मिलनेवाली राशि अभी स्पष्ट नहीं किया गया | इनके बच्चो का अनाथ हो जाना , भारी समस्या का कारण बना | इसके लिए सरकार व समाज को गंभीरता से सोंचते हुए अहम् कदम उठाना होगा | लापरवाही की चपेट में यह हादसा हुआ जिसमे तीन जिन्दगी अकाल मृत्यु की गोद में समा गए | आगे ऐसी हादसा न हो जिसपर ध्यान देना जरुरी है | ........... ( न्यूज़ / फीचर :- रुपेश आदित्या , एम० नूपुर की कलम से )
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