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रंगों का त्यौहार होली का उत्सव जो उमंगो से भरा होता है | लोग एक दूसरे को रंग व गुलाल लगाकर चेहरे को रंगीन बनाते हुए मस्ती में डूब जाते है | उनका ये लाल , नीला , हरा , पीला , बैगनी चेहरा जिसमे उन्हें पहचानना मोहाल होता है |
यूँ तो होली पर कितने सारे गीत लिखे और गाये जा चुके है जिसमे भंग की तरंग लिए नजारा देखने लायक होता है | तबले की धुन , हाथो में मृदंग और झाल मंजीरे लिए लोग अपनी अपनी टोली बनाए सड़को पर घुमते है , तो वहीं किसी के भी घर जाकर पकवान खाते और उपहार माँगते है |
होली के दिन लोगो को ये सब करना बहुत अच्छा लगता है | होली का त्यौहार भारत में उत्तरप्रदेश के ब्रज में बड़े हीं धूमधाम से मनाया जाता है |यहाँ हजारो वर्षो से चली आ रही रीत जहाँ माँ राधा और भगवान श्री कृष्ण को लोग आज भी इस त्यौहार के बीच महसूस करते है |
भारत में होली का त्यौहार क्यूँ मनाया जाता है ? सभी उम्रदराज व बड़े लोग जानते है | वहीं आज बच्चे भी इस दौर में पीछे नहीं | आज अपनी तरफ से कोई कहानी या फीचर नहीं गढ़ते हुए हमने एक विषय पर परिचर्चा शेयर किया है | ये सभी बच्चे अभी पढ़ाई के दौर से गुजर रहे है | हमने इनसे होली पर प्रतिक्रिया मांगी तो इन्होने बड़े हीं उत्साह / उमंग से जवाब लिखा जिसे हम आपतक पहुंचा रहे है |
आज की तारीख में होली एक ऐसा रंग - बिरंगा त्यौहार है जिसे हर जाति - धर्म के लोग बड़े हीं उत्साह से मनाते है |
ये है आयुष मोती विश्वकर्मा - ये होली को आनंद से भरा रंगों का त्यौहार मानते है | इन्होने लिखा है - होली भारत का एक प्रसिद्ध त्यौहार है जो प्रमुख रूप से भारत और नेपाल में मनाया जाता है | यह फाल्गुन माह की पूर्णिमा से शुरू होकर चैत्र महीने के प्रथम दिन अपना दस्तक देती है जिसे नए साल का आगमन भी कहा जा सकता है |
अक्सर होली मार्च महीना में हीं होता है और यह लोगो के बीच उत्तेजना को बढ़ा देता है | मार्च के महीने में न ज्यादा ठंढी और न ज्यादा गर्मी महसूस होता है , जिसमे पानी और रंगों से खेलने में एक अलग हीं अनुभूति और आनंद का मिलन होता है | इस त्यौहार में सभी की उर्जा देखने लायक होती है | बच्चे , बूढ़े , जवान सब के सब एक जैसे उमंगो से भरे दिखते है | यह लाजवाब होली खुशियों से सबको मालामाल कर देता है |
वहीं जब बच्चो की एग्जाम पास होती है और होली अपने आगमन का दस्तक दे जाता है तो लगता है कि इस बार हमारी होली सूनापन में किस तरह गुजरेगी ? हम अपनी उमंगो और उर्जा को कहाँ लगाए और कैसे खर्च करे ? ऐसे में पढ़ाई पर हीं ध्यान केन्द्रित करना पड़ जाता है |
घर घर में अनेक पकवान की खुशबु सारे वातावरण को सुगंधित बनाती है | त्यौहार एक जरिया भी है जहाँ अक्षम लोग भी अच्छे पकवान बनाकर स्वयं , बच्चे और परिवार की आत्मा को तृप्त करते है जिससे उनके मन में निखार आता है |
होली से एक दिन पहले गाँव व शहरों के खुले क्षेत्र में होलिका दहन की परंपरा निभाई जाती है जिस कहानी से सभी परिचित है | आज के दिन होली की मस्ती में सभी लोग डूबे नजर आते हैं | होली भारत में मुख्य रूप से हर साल हिन्दुओं द्वारा मनाया जाने वाले त्योहारों में से एक है | भारत के विभिन्न राज्य में अलग अलग तरीके से होली मनाई जाती है जिससे प्रत्येक उत्सव अद्वितीय और सुन्दर होता है |
धार्मिक ग्रंथो के अनुसार होली के उत्सव की शुरुआत राधा और कृष्ण ने की थी | इन दिनों किसान की फसल पकने की तैयारी में होती है | फाल्गुन पूर्णिमा के दिन लोग गाते बजाते , हंसते हंसाते अपने खेतो में जाते है | वहां से वे जौ , गेंहू , मक्का और मटर की सुनहरी बालियाँ तोड़ लाते है और होलिका दहन की पूजन में उसे डालकर उसमे भुनकर नए अन्न को खाने की शुरुआत करते है | वहीं एक दूसरे को बांटकर गले भी मिलते है |
परन्तु आज यह पर्व बहुत घिनौना रूप धारण कर चूका है | इसमे शराब और अन्य नशीली पदार्थो का भरपूर सेवन होने लगा है | कहीं कहीं तो लोग झगड़ा पर भी आतुर होकर त्यौहार के उमंग किरकिरा कर देते है | राह चलते लोगो पर कीचड़ उछालकर भाग जाते है और उनके कपड़ो को बदबूदार बनाकर हंसते हैं | कहीं कहीं तो रंगों के बहाने लोग दुश्मनी निकालना भी शुरू कर देते है | नशे की हालत में भ्रास निकालना आज आम हो गया है |
पहले होली ऐसा तो न था , होली तो दुश्मनी को दूरकर गले मिलने का नाम था | लोग महीनों इंतज़ार करते अपनी दुश्मनी मिटाकर दोस्ती का हाथ बढ़ाने के लिए और होली से अच्छा मौका उन्हें और कोई नहीं मिलता | मगर आज की होली को हम कौन सा नाम दे ? जहाँ होली का कोई मतलब हीं नहीं रह गया | अश्लीलत में भर गया है उत्सव हमारा जहाँ सड़को पर कपड़े को फाड़ दिए जाते है | इसे खुशियों से भरा होली कदापि नहीं कहा जा सकता |
बस हम इतना हीं कहना चाहेंगे - जैसे दीपावली दीपों का त्यौहार है वैसे हीं होली रंगों का त्यौहार है | मगर अब वो बात नहीं जहाँ दीपों की खुशबू दूर तलक पहुँचती थी और होली के हुड़दंग में कई दिन पहले से मन सोया नहीं करता था | आज सभी कुछ बिखर गया , मगर हम फिर से वही उत्साह / उमंग लाने की कोशिश में है | क्यूंकि हम देश के भविष्य है फिर से एक नया इतिहास लिखेंगे | ......... ( होली फीचर / परिचर्चा :- भव्याश्री डेस्क )
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