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देश की हालत कोरोना संक्रमण से बेहाल और वैक्सीन के डोज पर कई सवालों के बीच एक बार फिर राहत की साँस ली जाने की चर्चा मनोरंजन की दुनियां से गर्माता हुआ उछाल ले रहा है |
अब ! एक बार फिर रामानंद सागर की रामायण पर सबकी नजरें टिक गई और इसी बीच लॉकडाउन को लेकर दर्शकों का भारी डिमांड पर बहुत जल्द रामायण स्क्रीन पर दिखाई जाने वाली है | इससे पूर्व भी 2020 में लॉकडाउन के वक्त भारी संख्या में रामायण के डिमांड पर रामायण का प्रसारण कराया गया था और यह सीरियल अन्य सीरियल पर बहुत भारी पड़ गया | अन्य सीरियल की अपेक्षा इस सीरियल ने कहीं ज्यादा TRP में उछाल लिया |
अब एक बार फिर रामायण को प्रसारित करने की बात सामने आ रही है | लोग वहीं डिमांड फिर से दोहरा रहे हैं | देखा गया है कि दुःख की घड़ी में लोग ईश्वर को हीं याद करते है | हर मजहब के लोग अपनी आस्था लेकर उस पॉवर के पास दस्तक देते है और गुहार लगते हैं दुखों से निपटारा के लिए |
कबीर दास ने लिखा भी है कि :- दुःख में सुमिरन सब करे , सुख में करे न कोय ! जो सुख में सुमिरन करे तो दुःख काहे का होय !!
इस लॉकडाउन की अवस्था में लोग भगवान को याद न करे तो क्या करे , हर दर्द की दवा सिर्फ उनके हीं पास है , प्रकृति के पास है , जो लोग समझ नहीं पा रहे हैं और प्रकृति से लागातार छेड़ - छाड़ कर रहे हैं , सिर्फ धन कमाने के लिए तो ! प्रकृति भी दिखा रही है अपना विकराल रूप और सोंचने पर मजबूर कर रही सबको , धन चाहिए या जन | अब ! फैसला तो इंसान के हाथ में है |
रामायण को टीवी चैनल "स्टार भारत" पर रिलीज़ किया जा रहा है | इस चैनल के ऑफिसियल ट्विटर अकाउंट पर जानकारी दी गई है जिसमे बताया गया है कि :- पावन हो जाएगा मन जब प्रभु श्रीराम के होंगे दर्शन | देखिये #रामायण#ramayana हर शाम 7 बजे |
स्टार भारत का विडियो देखने के लिए इस टाइटल पर क्लिक करे :-
1987 में बनी रामायण सीरियल सच्ची गाथा ग्रन्थ पर आधारित है | जितनी बार भी देखेंगे मन तृप्त नहीं होगा | उस वक्त इतनी आधुनिक तकनीक की व्यवस्था नहीं थी , फिर भी यह हर धार्मिक सीरियल पर आज भी भारी है | इसलिए की रामानंद सागर ने इसे धन कमाने के लिए नहीं बनाया था , इससे जन कमाने के लिए बनाया था जो सौ फीसदी सच के दौड़ से गुजर रही है | तभी बार - बार रामायण के प्रसारण का डिमांड गहराता जा रहा है और आज भी इसकी बाते हमारे देश के वातावरण को एक बार फिर शुद्धता की ओर लिए जाने वाली है |
गहराई से सोंचने की बात है कि श्रीराम की भूमिका निभाने वाले अरुण गोविल ने 2020 में लॉकडाउन के समय जब रामायण का पुनः प्रसारण हुआ तो अपने ट्विटर पर लिखा | चाहे कोई राज्य सरकार हो या केंद्र सरकार मुझे आजतक किसी सरकार ने कोई सम्मान नहीं दिया है | मै उत्तरप्रदेश से हूँ , लेकिन ! उस सरकार ने मुझे आजतक कोई सम्मान नहीं दिया | यहाँ तक कि 50 साल से मै मुंबई में हूँ लेकिन महाराष्ट्र की सरकार ने भी कोई सम्मान नहीं दिया |
सोशल मीडिया पर अरुण गोविल का यह ट्विट काफी वायरल हुआ था | क्यूंकि श्रीराम बने अरुण गोविल से सभी लोगों ने बेसुमार मोहब्बत किया , तो ! उनके दर्द से उनके चाहने वाले भी दुखी हुए | कुछ महीने पहले जब देश के 5 राज्यों में चुनाव होना था तो अरुण गोविल सभी को याद आ गए | सरकार का ध्यान अरुण गोविल के भारी दर्शक मण्डल पर पड़ा और उन्हें बीजेपी में शामिल होने का निमत्रण मिला | अरुण गोविल ने बीजेपी की सदस्यता ली है |
लेकिन ! आपार दुःख के साथ आज भी यह सोंच का विषय है की रामायण जैसे लोकप्रिय सीरियल के कास्ट को व मुख्य पात्र को सम्मान क्यूँ नहीं दिया गया ? किसी की नजर क्यूँ नहीं पड़ी !
अरुण गोविल की नज़रों को शायद ! आज भी तलाश है उस सम्मान का , जिस सम्मान के लिए उन्होंने अपने दर्द को ट्विटर पर छलकाया है |
केंद्र सरकार व राज्य सरकार से हमारा निवेदन है कि रामायण सीरियल के पात्रों को सशक्त भूमिका निभाने के लिए उन्हें सम्मानित किया जाये | .... ( न्यूज़ / फीचर :- भाव्यश्री डेस्क )
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