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मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला बजट 2024 , 23 जुलाई को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने सुबह 11 बजे पेश किया | NDA सरकार का पहला बजट में काफी उतार - चढ़ाव शामिल है , कहीं ख़ुशी तो कहीं धक्का भरा माहौल बना हुआ है |
सबसे पहले अगर हम झटके की बात करे तो - अब प्रोपर्टी के सेल पर लगनेवाला इंडेक्सेशन बेनिफिट को समाप्त करने की है | अब प्रोपर्टी बेचनेवाले लोग अपनी खरीद कीमत नहीं बढ़ा पाएंगे | अब तक प्रोपटी से होनेवाली लॉन्गटर्म कैपिटल गेन पर इंडेक्सेशन बेनिफिट पर 20% टैक्स लगाया जाता था , अब पूंजीगत लाभ के लिए नया टैक्स लागु किया जायेगा | जैसे कि लगभग 50 लाख रुपये की कीमत को इनकम टैक्स द्वारा नोटिफाई किये गए CII नम्बरों के साथ बढ़ा सकते थे , परन्तु अब मूल्य को बढ़ाने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी |
आप जानना चाहेंगे सीआईआई क्या है ?
तो बजट के हर पहलू पर हम आपको विस्तार पूर्वक अगले फीचर में बताएँगे फिलहाल सीआईआई वह नंबर है जो प्रत्येक वित्तीय वर्ष में इनकम टैक्स विभाग इंडेक्सेशन बेनिफिट की गणना में इस्तेमाल करने के लिए एक कॉस्ट इन्फ्लेक्स इंडेक्स प्रकाशित करता है | यह लॉन्गटर्म कैपिटल एसेट की इन्फ्लेक्सन एडजस्टेड कॉस्ट की गणना के लिए किया जाता है | सीआईआई नंबर हर साल बदलता है | वैसे प्रॉपर्टी खरीदनेवाले को वर्ष के हिसाब से नंबर दिया जाता है और इसी नंबर के आधार पर महंगाई की कीमत को कम्पर्सेट किया जाता है | ख़रीदे गए वर्ष का सीआईआई नंबर कुछ और है तो बेचे गए वर्ष का नंबर कुछ और होगा | तो ऐसे में उन्हें जो फायदा मिलेगा उसका प्रतिशत उन्हें मिलेगा और उस हिसाब से कैपिटल गेन टैक्स चुकाना पड़ेगा | अभी तक 20% कैपिटल गेन टैक्स लगता था , आसान तरीके से समझा जाए तो अब लगभग दोगुना टैक्स चुकाना होगा |
शेयर और म्युचुअल फंड से लोग तगड़ा फायदा कर रहे हैं जैसे कि रेस का घोड़ा बेलगाम दौड़ रहा हो सड़को पर तो अब सरकार ने इस दौड़ में नकेल कस दी है | अब टैक्स में बढ़ोतरी देनी होगी | साल भर में हीं लोग अपनी पूंजी को डबल कर रहे थे तो अब उन्हें टैक्स की दोगुनी राशि चुकानी होगी | कई म्युचुअल फंड अपने उपभोक्ता को 50 से 70% तक रिटर्न दिया है तो अब इस रिटर्न पर सरकार की पैनी दृष्टि पड़ चुकी है | आंकड़े के अनुसार भारत की 20% आबादी अपनी पूंजी शेयर बाजार में इन्वेस्ट कर रहे हैं और इसे आमदनी का एक अच्छा जरिया समझकर अपने जीवन में बेहतर बहार ला रहे थे | अब इस सुखद बहार में थोड़ी सी सावनी घटा कम होनेवाली है क्यूंकि सावन के इस मस्त फुहाड़ पर सरकार की नजरे गड़ गई | अब शेयर बाजार से होनेवाली आमदनी पर टैक्स का रेट बढ़ाकर लोगो को चकित कर दिया |
लॉन्गटर्म कैपिटल गेन पर पहले 10% टैक्स लगता था अब 12.5% टैक्स देना होगा | वहीं शार्ट टर्म पर 15% टैक्स लगता था अब 20% टैक्स देने होंगे |
आइये जानते है लॉन्ग और शार्ट टर्म के विषय में -
तो अपने निवेश को 1 साल तक अगर बनाये रखेंगे तो वह लॉन्ग टर्म माना जाता है वहीं निवेश कर अपनी रकम को 1 साल के अन्दर मुनाफा कमाकर निकाल लेना शार्ट टर्म कहलाता है |
कुछ लोग जिन्हें शेयर बाजार से सीधा निवेश कर फायदा करने का तरकीब या ज्ञान नहीं आता तो ऐसे में वे दूसरा तरीका म्युचुअल फंड में इन्वेस्ट के रास्ते का इस्तेमाल कर रहे हैं | धीरे - धीरे हीं आप इस गुत्थी को समझ पायेंगे | जो लोग पूर्ण रूप सी शिक्षित है और लेनदेन में लगे रहते है तो वे लोग ऐसी बातो को जल्द कैच कर पाते है मगर वहीं साधारण लोगो के लिए यह मार्ग थोड़ा कठिन भरा है मगर फिर भी हम कोशिश करेंगे आपको विस्तार देने की |
अब चलते चलते बजट की एक पहलू जहाँ ख़ुशी का माहौल बनता नजर आ रहा है , वह है - MSME द्वारा लिए जानेवाला लाभ का तो अब MSME के लिए 100 करोड़ रुपये तक भी लोन लिए जाने पर गारंटी की कोई जरुरत नहीं पड़ेगी | प्रधानमंत्री ने कहा है कि यह बजट हर वर्ग को समृद्ध करनेवाला बजट है | आर्थिक विकास को नई गति मिलेगी , समाज के हर वर्ग को शक्ति देगा | इसमे महिलाओं की भागीदारी भी सुनिश्चित है | MSME सेक्टर इस बात से बहुत हीं उत्साहित और खुश है |
अब कितनी अर्निंग पर कितना टैक्स और कितने लाख सलाने आय पर टैक्स नहीं लगनेवाला है ? इसका आंकड़ा भी हम देनेवाले है साथ हीं इंतजार कीजिये किस राज्य को कितना मिला और किस राज्य के दामन/मुठ्ठी थोड़ी भरी थोड़ी खाली रही ? इसका भी विस्तार हम आपको देनेवाले है तबतक इंतजार कीजिये आनेवाले नए फीचर का | ............ ( न्यूज़ / फीचर :- भव्याश्री डेस्क )
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