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समय से बड़ी होती बेटियां और बेटे दोनों का भविष्य दांव पर लगता नजर आ रहा है , दोषी कौन और किसपर सवाल खड़े किये जाए !
मध्यप्रदेश की रहने वाली एक 16 वर्षीय बेटी जो कोटा राजस्थान में Neet की तैयारी कर रही थी , एक बच्चे को जन्म देकर सभी को चौंका दिया | चौंकाने का सन्दर्भ दो स्थिति में पैदा होता है - एक जैसे कि किसी को सरप्राइज दे देना और एक जैसे कि किसी अनहोनी या खाई में गिरने की स्थिति से वाकिफ कराना या इससे भी गहरा दुःख |
कोटा में Neet की तैयारी कर रही नाबालिक छात्रा का प्रग्नेंट होना , कई सवाल खड़ा करता है | इससे हम आधुनिक परिवेश का सोंच कहें या फिर बच्चों की सोंच को समय से आगे बढ़ जाना ! आज की तारीख में देखा जा रहा है - बच्चे कम उम्र में बड़ो को मात दे रहे हैं | इस नाबालिक बेटी ने जे के लोन अस्पताल में एक बच्ची को जन्म दिया है |
अस्पताल प्रशासन की सूचना पाकर बाल कल्याण समिति की टीम अस्पताल पहुंची | डॉक्टरों से मामले की जानकारी ली |
जानकारी के आधार पर हम आपको बता दे कि बाल कल्याण समिति की अध्यक्ष कनीज फातिमा ने बताया कि पहले परिजन बच्चो को रखना चाहते थे | अब उन्होंने इस बच्ची को बाल कल्याण समिति को सौंपने का फैसला ले लिया है साथ हीं परिजनों ने इस बात की शिकायत अभी तक थाने में दर्ज नही कराई |
आश्चर्य इस बात की है - यह बेटी 2 माह पूर्व कोटा आई है और सोमवार को साढ़े आठ माह की गर्भ होने की जानकारी सभी को तब मिली जब उसे पेट में दर्द उठा | लोग उसे जे के लोन अस्पताल में भर्ती कराया | डॉक्टर ने चेक करने के बाद पेट में उठती हुई दर्द का कारण बच्चे का होना बताया | बच्ची को लेबर रूम में शिफ्ट किया गया जहाँ उसने एक बेबी को जन्म दिया |
फिलहाल जचा और बच्चा दोनों हीं स्वस्थ है मगर आश्चर्य कि बात है , इनके परिजन कुछ बोलने को तैयार नहीं | कोटा आने से पूर्व उन्हें इस बात की जानकारी थी या नहीं कुछ कहा नहीं जा सकता मगर इतना तो तय है कि बच्ची दो माह पूर्व कोटा आई थी तो यह मामला मध्यप्रदेश का है |
ध्यान देने की बात है - ऐसी स्थिति आरंभिक तीन महीने के बाद हर राज खोलकर सामने प्रगट कर देता है खैर ...... !
कागजी करवाई के बाद अब बच्ची बाल कल्याण समिति के संरक्षण में है | यह घटना पहली नहीं और आखिरी भी नहीं मगर आश्चर्य में डालने वाला जरुर कहा जा सकता है और ऐसे हीं बच्चे व बच्चो के माता - पिता की लापरवाही का सबूत यह दौर कहा जा सकता है | एक नाबालिक बेटी का प्रग्नेंट होना देश की उन तकियानुशी समाज की बेटियों को कई कदम पीछे छोड़ देगा , यह सोंच का विषय है |
ऐसे माँ - पिता की गलतियों को हम क्या नाम दे जो अपने बेटे को घी का लड्डू करार देते है , वह टेढ़ा भी भला | मैंने कई पैरेंट्स को ऐसा कहते सुना है | काश ! कि ऐसे लोग असहनीय दर्द / पीड़ा व कलेश के मर्म को समझ पाते तो आज यह नाबालिक बेटी असमय माँ बनने से बच पाती |
कहना तो बहुत कुछ है मगर हालात विराम की तरफ बढ़ रहा है क्यूंकि आज की तारीख में नसीहत किसी को रास नहीं आता मगर फिर भी इतना कहना जरुरी है - बच्चे देश के भविष्य है , इनके नेचर को संभालकर रखिये | बच्चे को बच्चे हीं रहने दीजिये , बड़े होने के लिए तो सारी उम्र पड़ी है | .......... ( न्यूज़ / फीचर :- रुपेश आदित्या , एम० नूपुर की कलम से )
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