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केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन ने योग गुरु बाबा रामदेव से हाल हीं में उनके द्वारा एलोपैथिक मेडिसिन पर दिए गए अपनी प्रतिक्रिया को वापस लेने का दबाव बनाया है |
बाबा रामदेव ने भारत हीं नहीं विश्व की जनता के लिए एक जीवन संजीवनी भरी बाते बताई थी और हमारी संस्कृति , हमारी सभ्यता और हमारी पद्धति से जुड़ाव की बाते कही है | बाबा रामदेव ने लोगों के अकाल मृत्यु पर अपनी प्रतिक्रिया क्या दे दी - कि इंडियन मेडिकल एसोसिएशन में हलचल पैदा हो गया और IMA ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन को चिठ्ठी लिखकर एलोपैथिक पर दिए गए बाबा रामदेव के बयान पर आपत्ति जताई थी |
IMA ने बाबा रामदेव के खिलाफ मुक़दमा चलाने की मांग भी की थी | कहा था कि - सोशल मीडिया पर बाबा रामदेव का एक विडियो वायरल हो रहा है | इसमें बाबा एलोपैथिक को बकवास और दिवालिया साइंस कह रहे है | सूचना के आधार पर बीते शनिवार की शाम IMA ने बाबा को एक लीगल नोटिस भी भेजा था |
अब सवाल है कि IMA में हलचल क्यूँ ? बाबा रामदेव पर मुक़दमा चलने की मांग क्यूँ ?
अगर ! आज से कई साल पीछे का पन्ना पलटा जाए , तो उस वक्त बाबा रामदेव का आरंभिक दौर था और वे सभी को प्रकृति की गोद में रहकर सकूँ भरी जिंदगी , जीने हेतु प्रेरित किया करते थे | स्वस्थ रहने के लिए , स्वक्ष्य हवा लेने व ब्रह्ममुहूर्त में उठने की बात कही , खाने में कद्दू , आवंला , गाजर और ऐसी बहुत सारी चीजों को खाने का तरीका बताया | व्यायाम के द्वारा हर रोग का उपचार संभव है , सिखाया | जगह - जगह सिविर लगाकर उन्हें हमारी भारतीय पद्धति को अपनाने की बात करते रहे | लाखों , करोड़ों लोगों का झुकाव बाबा की तरफ होते देख उस वक्त भी योग गुरु बाबा रामदेव को धमकी दी जा रही थी | उस वक्त भी ये एलोपैथिक डॉक्टरों के समूह में हलचल पैदा हो गया था , आखिर क्यूँ ?
बाबा रामदेव को अपनी बातों को वापस लेने का दबाव , डॉक्टर हर्षवर्धन ने क्यूँ किया ? IMA ने बाबा रामदेव की शिकायत डॉक्टर हर्षवर्धन से क्यूँ की ?
हजारो वर्ष के इतिहास का पन्ना अगर पलटा जाये तो , आज भी ये सच है कि - नेचर , आयुर्वेद और योग से बढ़कर दुनियां में कोई दूसरा पद्धति न था , न है और न आनेवाले कल में होगा | हाँ एक पद्धति और है , उसका भी प्रकृति से बहुत गहरा जुड़ाव है , जिसका जिक्र हम अगले फीचर में करेंगे | फिलहाल योग में इतनी शक्ति है की वे ईश्वर को जमी पर बुला दे | लेकिन ये विज्ञान पर आधारित लोग , दिल और मन की भावना से कोसों दूर है , नहीं समझेंगे | सिर्फ वक्त समझाने की कोशिश करता है और करता रहेगा | ये विज्ञान वाले रोबोट बनायेंगे , दिल बनाकर दिखा दे तो हम भी जान लेंगे | हम ये नहीं कहते कि इंडियन मेडिकल साइंस बुरा है , परन्तु बाबा रामदेव की बाते कब से बुरी हो गई !
एक बात हम आपसबो से कहना चाहेंगे की ये मेडिकल साइंस वाले , दवा बेचने वाले के परिवारगण - आयुर्वेद की सच्चाई से भली - भांति परिचित है | सवाल सब रोटी का है , धन कमाने का है | यह पद्धति भी हमारे भारत में , धीरे - धीरे पैर फैलाना आरंभ किया जैसे की अंग्रेज | IMA को गुस्सा नहीं होना चाहिए | उन्हें तो गर्व होना चाहिए कि हमारे भारत में आज भी आयुर्वेद पद्धति को जिन्दा रखने वाले योग गुरु बाबा रामदेव जैसे विचार हमारे पास जिन्दा है |
विज्ञान आगे बढ़ा , मगर जिंदगी कम पड़ गई | पहले के लोग सौ वर्ष से अधिक जिन्दा रहते थे , आज व्यक्ति स्वस्थ्य रहेंगे , कोई गारंटी नहीं ! डॉक्टर हर्षवर्धन या IMA ने योग गुरु पर दबाव दिया | हमारे भारत की 135 करोड़ लोगों को उन्हें सुनने दे , जानने दे | भारत की आबादी समझदार है , उन्हें मालूम है कि बाजार में बिकने वाला पैकेट के दूध में कितनी शुद्धता है और दूध देने वाले मवेशी का सामने में निकाला गया दूध कितना फायदेमंद |
IMA अपनी पद्धति पर रहे , वो भी ठीक है , जो उन्हें मानते हैं और बाबा रामदेव की बाते अपनी पद्धति है | अगर लोग उनकी पद्धति को अपनाना चाहते है तो , उनपर दबाव क्यूँ ? क्या भारत में फिर से अंग्रेज आने वाले है ? कि योग गुरु से मन की बातों को कहने , सुनने पर रोक लगाया जा रहा है , उनपर दबाव दिया जा रहा है | सच कहना , कब से नागवार हो गया , वह भी भारत में ! अपने मन की बात कहने का सबको अधिकार है | आप अपनी बातें कहें , उन्हें अपनी बाते कहने दें |
आज भारत में जब चुनावी दौर आता है , तो हर पार्टी यह कहती है हम सबसे अच्छे है , आप हमें वोट दीजिये | अब ये जनता पर छोड़ दीजिये कि उन्हें किसे वोट देना है और किसे नहीं | इसपर एक पार्टी , दूसरे पार्टी पर भला क्यूँ दबाव बनाएगी या जनता पर ? बाते मन में रखकर भले हीं लोग खामोश हो जाए , मगर मंदिर के अन्दर तो घंटी बजती है , बजती हीं रहेगी | इसकेआगे की बहुत सारी जानकारी हम जारी रखेंगे , अगले दिन |
शेष अगले दिन ......... ( न्यूज़ / फीचर :- भायाश्री डेस्क )
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