Breaking News
अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद वहां के राष्ट्रपति अशरफ गनी अपना देश छोड़कर कहीं और जा चुके हैं | अशरफ गनी के विषय में विभिन्न - विभिन्न प्रतिक्रिया आ रही थी कि वे अपने देश के नागरिकों को बेसहारा छोड़कर भाग गए |
इस तरह की बातों के बाद अशरफ गनी ने देश को संबोधित किया और अपनी बातों से देश और दुनियांभर में अपना मैसेज छोड़ा | सच्चाई क्या है ? यह तो अशरफ गनी हीं जानते हैं | परन्तु इतना तो कहा जा सकता ही कि - देश में कड़ी निगरानी हो , तो कोई बाहरी आतंकी देश में कैसे प्रवेश कर सकता है ? कहीं भी बाहरी कड़ी का मजबूत होना धीरे - धीरे हीं तय किया जा सकता है | अचानक 10 दिनों में देश की सत्ता फिसल जाना और तालिबानों के हाथ में समर्पित कर देना , जिसका कारण सिर्फ अशरफ गनी हीं जानते है या ऊपर वाले |
इसके साथ हीं अब एक चौकाने वाली सूचना सामने आ रही है , जिसे अशरफ गनी के भाई हशमत गनी ने बोला है | हशमत गनी ने कहा और उनका दावा है कि - पूर्व राष्ट्रपति अशरफ गनी की हत्या की साजिश चल रही थी | काबुल में खून - खराबा करने के मंसूबे थे , ताकि सेना के कुछ सेवामुक्त लोग अपनी मंशा को पूरी कर सके | अशरफ गनी की हत्या की शाजिश रची गई थी , उनके भाई ने यह बात मीडिया को बताया |
मीडिया ने जब प्रश्न दागा कि - हत्या कौन करना चाहता था ? इसपर उन्होंने कहा कि - इस सवाल का जवाब समय आने पर अशरफ गनी स्वयं देंगे | हशमत गनी ने खुद को तालिबान में शामिल होने की बातों को भी खारिज किया | लेकिन हशमत गनी को आखिरकार कैसे पता चला कि राष्ट्रपति की हत्या की साजिश रची गई है | इसके पीछे आखिर किसका हाथ है ? यह हशमत गनी को बताने में क्या हर्ज था ?
खैर ..... समय आने पर सभी साजिशों पर से पर्दें उठेंगे , जहाँ अपने पराये के भेद से एक - एक पन्ने पलटे जायेंगे , तो सबकुछ स्पष्ट दिखता नजर आएगा | फिलहाल माहौल शांत होने भर की देर है | तालिबान कब तक अफगानिस्तान में अपनी खेमा जमाये रखते हैं | इस बात का अंदाजा अभी पूरी तरह से नहीं लगाया जा सकता है | क्यूंकि तालिबान ने अमेरिका को भी धमकी दिया है कि वे 31 अगस्त तक अफगानिस्तान छोड़ दे |
भारत सहित अन्य देश अपने - अपने नागरिकों को अफगानिस्तान से निकालने में लगे हुए है |
अमेरिका के राष्ट्रपति ब्राइडेन ने यह बात कहा था कि - वे 31 अगस्त तक काबुल से बाहर सभी को ले आयेंगे | तालिबान प्रवक्ता सुहैल शाहीन ने एक बयान जारी किया है और धमकी देने के उद्देश्य से कहा है कि - नाटो फ़ोर्स 31 अगस्त तक काबुल एयरपोर्ट से कब्ज़ा छोड़ दे और देश से लौट जाए |
काबुल इंटरनेशनल एअरपोर्ट है और यहाँ USA के सैनिकों का कब्ज़ा है , ताकि काबुल में फंसे , डरे लोग को सुरक्षित उनके मुल्क भेजा जा सके | साथ हीं अफगानी नागरिकों को भी दूसरे देश में शरण दिया जा सके | ब्राइडेन ने कहा है कि - उनकी सैनिक 31 तारीख तक अफगानिस्तान से चली जायेगी | अगर ऐसा नहीं हुआ तो , सोंचा जाएगा कि वे अफगानिस्तान पर अपना कब्ज़ा बनाये रखेगी |
ब्राइडेन ने सोमवार को कहा कि - अफगानिस्तान में आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में जिन लोगों ने अमेरिकी सेना की मदद की है , उन्हें अमेरीका मे शरण दी जायेगी | ब्राइडेन का सोशल मीडिया पर एक मैसेज है , जिसमे उन्होंने लिखा है कि - एकबार स्क्रीनिंग और बाकी औपचारिकता हो जाने के बाद हम उन अफगानियों का अपने देश में स्वागत करेंगे , जिन्होंने युद्ध के दौरान हमारी मदद की |
तालिबान की बाते जब 31 अगस्त तक अमेरिकी सेना को एयरपोर्ट से खाली कराने की बाते आई और खाली न करने पर धमकी भरी शब्द आई , जिसपर फ्रांस ने भी मुंहतोड़ जवाब दिया और कहा कि - 31 के बाद भी वे लोगों को निकलते रहेंगे | अगर तालिबान रेस्क्युन ऑपरेशन में अड़चने पैदा की , तो ठीक नहीं होगा |
हमले का अलर्ट मिलाने के बाद एयरपोर्ट पर सुरक्षा और भी बढ़ा दी गई है | अधिकारीयों का भीड़ पर कड़ी नजर है | हथियार डिटेक्ट के लिए जगह - जगह ख़ुफ़िया सेंसर लगा दिए गए | साथ हीं एयरपोर्ट के लिए वैकल्पिक मार्ग बनाया जा रहा है |
अमेरिका व अंतर्राष्ट्रीय संगठनों ने अफगानिस्तान की आर्थिक मदद पर रोक लगा दी है | हालाकि चीन ने अमेरिका पर निधाना साधा है |
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने अफगानिस्तान में भूचाल के स्थिति का जिम्मेदार अमेरिका को ठहाराया है |
बात अफगानिस्तान में सुरक्षित पंजशिर की करे , तो अब वहां भी लड़ाई छिड़ चुकी है | अभी अंदराब में हुई लड़ाई में 50 से ज्यादा तालिबाने लड़ाके मारे गए हैं और और 20 से ज्यादा बंधक बनाये जा चुके है |
हालाकि पंजशिर में तालिबानों के दस्तक के बाद कई तालिबान लड़ाके ढेर किये जा चुके है और अभी वहां का माहौल नाजुक अवस्था में करवटे ले रहा है | फिर भी स्थिति को देखते हुए ऐसा कहा जा सकता है कि - पंजशिर घाटी के लोगों का हौसला बुलंद है और जीत का चिराग वे जलाकर हीं दम लेंगे और पूरी दुनियां की दुआ और आशीर्वाद भी उनके साथ है कि पंजशिर के लोग फ़तेह हासिल करे | यह सिर्फ एक देश की जीत नहीं बल्कि आतंकियों के खिलाफ पूरी दुनियां की जीत होगी |
तालिबान के कब्जे के बाद अमेरिका के बैंकों में मौजूद अफगान सरकार के खाते को सील कर दिया गया है | इसके अतिरिक्त अंतर्राष्ट्रीय मुद्राकोष जो 460 मिलियन डॉलर मिलने वाली थी , उसके निकासी में भी अंकुश लगाया गया है | .... ( न्यूज़ / फीचर :- भव्याश्री डेस्क )
रिपोर्टर