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उत्तरप्रदेश के आगरा में दो छात्र मिलकर एक गुरु के पाँव में गोली मार दी , इनके हाथ नहीं काँपे ? गुरु अभी घायल अवस्था में है और शिष्य पुलिस की गिरफ्त में |
गुरु बिना ज्ञान नहीं मिलता , ये सभी जानते हैं परन्तु जिस गुरु ने शिष्य को ज्ञान से भरपूर किया हो उसी शिष्य का ऐसा विचार आज की तारीख में गुरु - शिष्य की जोड़ी को शर्मसार करता है साथ हीं यह घटना परवरिश को भी कलंकित कर गया |
यह घटना खंडौली थाना क्षेत्र की है जहाँ इन दोनों ने सुमित सिंह नामक शिक्षक की पाँव में गोली मार दी | ये दोनों 2 साल पूर्व हाई स्कूल में पढ़ने के दौरान इनसे कोचिंग में शिक्षा ग्रहण करते थे | पता नहीं किस विवाद के कारण इस घटना को अंजाम दिया गया |
गोली की आवाज सुनकर वहां भीड़ लग गई | दोनों फरार हुए और सोशल मीडिया पर एक विडियो बनाकर जारी किया जिसमे गाली देते नजर आ रहे हैं साथ हीं कहा - अभी तो 39 बाकी है कुल 40 गोली मारनी है मुझे तेरी टांग में |
विडियो देखने के लिए इस टाइल पर क्लिक करे :- Video
बच्चो में इतना आक्रोश कहाँ से आया जो इतनी बड़ी गलती कर बैठे ! अभी तो वे पुलिस की गिरफ्त में है मगर स्वयं के नाम के आगे उभरते हुए गैंगस्टर का नाम लगा दिया |
मुझे याद आ रहा है "एकलव्य" की कहानी | ऐसे शिष्य आज भी मौजूद है तभी भारत की संस्कृति कायम है और रहेगी मगर कभी - कभी डर लगता है टीचर की उन भावना से कि कहीं बच्चो की इन हरकत से वो छलनी न हो जाए फिर हमारे भारतीय संस्कृति का क्या होगा ! और शिक्षा की गति पर कैसा प्रभाव पड़ेगा ?
देखा जाए तो पढ़ाई पर असर पर रहा है | कुछ स्टेट में टीचर से हमारी बातें हुई जिसमे उन्होंने मेंरे प्रश्न का कुछ ऐसा जवाब दिया जिसे सुनकर हम सोंचने पर हुए मजबूर वहीं परिस्थिति को देखकर मुझसे कुछ कहा न गया | इन सभी टीचर के विषय में हम इतना जरुर कह सकते है - इनके विचार / सोंच बहुत उत्तम व नेक है मगर खोता जा रहा है वह दौर जहाँ एक शिक्षक बच्चो को सिखाया करते थे - "इन्साफ की डगर पे बच्चो दिखाओ चलके यह देश है तुम्हारा नेता तुम्हीं हो कल के" | आज की तारीख में तो टीचर की डांट और उपदेश बच्चो को भाता नहीं तभी ऐसी घटना सुनने और पढ़ने को मिलता है |
ये दोनों छात्र सुमित सिंह से नाराज होकर जल्दीबाजी में इस घटना को अंजाम दिया और अपनी खुबसूरत जिंदगी में तेज़ाब डाल गए | आनेवाले कल में ये शिक्षा पर गहरा असर डालेगा | आप पढ़ो न पढ़ो शिक्षक को क्या ? शिक्षक तो इसलिए डांटते है ताकि आप नेक इंसान बनो | गुरु का स्तर सबसे ऊँचा रखा गया है जिनके बिना ज्ञान संभव नहीं | हम सभी को आने वाली भविष्य की चिंता है , कहीं शिक्षा पर ग्रहण न लग जाए | हमें बचाना होगा ऐसा माहौल उत्पन्न होने से साथ हीं बच्चो के परिवार वालो को भी सोंचना जरुरी है - बच्चो की नादानी और भूल कहीं उनका गुलशन न जला दे ! इसलिए अपने बच्चे को आक्रोशित होने से बचाइये | .......... ( न्यूज़ / फीचर :- रुपेश आदित्या , एम० नूपुर की कलम से )
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