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पंजाबी सिंगर व कांग्रेस नेता "सुद्धू मुसेवाला" की मंगलवार 29 मई की शाम को ह्त्या कर दी गई | पंजाब सरकार ने 28 मई को सिद्धू की सुरक्षा व्यस्था को वापस ले लिया था |
सिद्धू की जहाँ हत्या हुई वह स्थान था - मानसा जिले के जवाहरपुर गाँव | फायरिंग के दौरान इनपर 30 गोलियां दागी गई | इनके साथ इनकी गाड़ी पर 2 अन्य लोग भी सवार थे | सिद्धू अपने घर से कार में बैठकर अपने मित्रो के साथ पास के गाँव में हीं जा रहे थे कि अचानक काले रंग की गाड़ी में पहुंचे 2 हत्यारों ने उनपर गोली चलानी शुरू कर दी |
इन्हें घायल व गंभीर अवस्था में अस्पताल में भर्ती कराया गया जहाँ डॉक्टर ने मृत घोषित कर दिया | इनके साथ घायल 2 अन्य लोग भी गंभीर अवस्था से जूझ रहे है |
सुद्धू मुसेवाले ने अपनी आवाज की जादू से लाखो लोगो के दिलो में अपना घर बनाया था | पिछले वर्ष नवम्बर में वे कांग्रेस के सदस्य बने और इस साल उन्होंने कांग्रेस की टिकट से मानसा विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा , ये अलग बात है कि वे चुनाव हार गए |
नवजोत सिंह सिद्धू ने बड़े हीं जिन्दादिली से कांग्रेस में इनका स्वागत करते हुए इन्हें युवा प्रतिक और एक अंतर्राष्ट्रीय हस्ती होने की उपाधि दी थी |
सिद्धू मुसेवाला को दी गई सुरक्षा व्यवस्था पंजाब सरकार ने 28 मई शनिवार को वापस ले लिया | सरकार ने कानून व्यवस्था का हवाला देते हुए सिक्यूरिटी वापस लिया और 29 मई की शाम को सिद्धू की बीच सड़क पर गोली मारकर हत्या कर दी गई |
इनकी ह्त्या के बाद पूरी राजनीति जगत में हडकंप मचा हुआ है | पंजाब सरकार ने मुसेवाला सहित 424 लोगो की सिक्यूरिटी वापस ली थी |
सिद्धू का यह गाना "बलि का बकरा" जिसमे आम आदमी पार्टी और उनके समर्थको को कटाक्ष में उतारा | साथ हीं इन्होने अपने गाने में आम सदस्यों को गद्दार और देशद्रोही करार दिया था जिसके बाद यह गाना काफी विवादों में रहा |
इनका पूरा नाम शुभदीप सिंह सिद्धू उर्फ़ मुसेवाला है | इनकी फैंस फ्लोविंग भी लाखो में है | अपने रैप आदाओ के द्वारा लोगो के मन में जो स्थान बनाया वो कभी भी कम नहीं होगा | क्यूंकि मरने वालो में कुछ लोग ऐसे भी होते है जो मरकर भी इतिहास में सदैव जिन्दा रहते है |
शिक्षा की बात करे तो :- इन्होने इलेक्ट्रिक इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की थी | कॉलेज के दिनों से हीं संगीत के प्रति इनकी रुझान थी और उसके बाद वे कनाडा चले गए |
सितम्बर 2019 की बात करे तो - इनका एक सॉंग रिलीज होने के बाद विवादों में घिर आया जिसका मुखरा था "खट्टी जियोने मोड़ दी बन्दुक वर्गी" यह 18 वीं सदी के सीख भाइयो पर गीत बनाया गया था जिसके बाद उन्हें माफ़ी भी मांगनी पड़ी थी |
वैसे भी हर इंसान पूर्ण कहाँ ? कहीं ज्यादा तो कहीं कम अच्छाई या व्यक्तित्व में कमी शामिल रहता है |
इनका जन्म 11 जून 1993 को हुआ था |
आज इनकी मौत ने इनके शुभचिंतको को सदमे में लाकर खड़ा कर दिया है | बहुत जल्द इनके हत्यारे का पता लगाये जाने की उम्मीद है | पंजाब पुलिस ने तहकीकात जारी कर दी है और वहां लगाए गए CCTV फूटेज खंगाले जा रहे है जिससे काली गाड़ी पर सवार उस हत्यारे का पता लगाया जा सकेगा | ........... ( न्यूज़ / फीचर :- रुपेश आदित्या , एम० नूपुर की कलम से )
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