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उत्तरप्रदेश में एक और नवविवाहिता की हत्या | ससुराल वालो की दरिंदगी सामने आई | बुधवार को बहु का शव फंदे से लटका मिला | लड़की मध्यप्रदेश सतना जिले की रहने वाली थी | फ़रवरी माह में बेटी की शादी उत्तरप्रदेश के बांदा जिले में यह कहा जा सकता है कि - एक कसाई घर में हुई थी |
बुधवार को लड़की का शव फंदे से लटका हुआ पाकर लोग चकित रह गए | ससुराल वाले तो पकड़े जाने के डर से फरार हो गए | नवविवाहिता की मौत की सूचना पास वालो ने उनके परिवार वालो को जैसे हीं दिया , परिवार वाले पहुंचे और वहां के लोगो को लड़ाई - झगड़ा व कलह के कारण का विस्तार लेते हुए ससुराल वालो द्वारा 1 लाख रुपये डिमांड की बात सभी के सामने रखी और मौत का कारण बता दिया |
1 लाख रुपये का डिमांड कई माह से होता रहा | बेटी वाले टालते रहे | ससुराल वाले मांग मांगकर हार गए और अंत में बहू को फंदे से लटका दिया | चंद हीं महीने में इस अबोध बेटी ने ससुराल वाले और अपने पति के दिल का स्वाद चख लिया | प्राण उड़न छू हुए , दर्द सिर्फ बेटी को मिला |
मृतिका के पिता गौरीशंकर ने थाने में FIR दर्ज कराई है |
जानकारी के आधार पर ASP लक्ष्मी निवास मिश्रा ने बताया है कि - एक महिला ने सुसाईड किया है | इस सम्बन्ध में केस दर्ज करके साक्ष्य के तौर पर कारवाही में पुलिस लगी है | उचित सजा दिलवाने की बात करते हुए लोगो को तसल्ली दी |
फिलहाल पुलिस ने शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और दहेज़ हत्या केस दर्ज कर जांच में जुट गई है |
अब देखना है कि यह फाइल कब तक साँस लेती हुई जिन्दा रह पाएगी ? ऐसा इसलिए की ऐसे कितने फाइल अभी आने बाकी है और कितने सारे फाइल पर धुल भी जम गए होंगे | गौर करने की बात है कि इस मौत का जिम्मेदार कौन है ? आप किसे कहेंगे ? कसूर बेटी वालो का है या ससुराल वालो का या स्वयं बेटी का या फिर उस लड़के का जिन्होंने सात फेरे के वक्त साथ - साथ जीने का वादा भी अग्नी को साक्षी मानते हुए लिया था ?
वैसे बेटी वालो की नींद अब खुली जब बेटी को गहरी नींद में सुला दिया गया | काश ! पहले खुल गई होती तो यह अंजाम देखने को न मिलता | बेटी के परिवार वालो का इस कदर मौत के बाद छाती पीटना , कितनो को आश्चर्य में डालता है | इसी बेटी के पिता ने स्वयं कहा कि -विवाह के एक माह बाद से हीं 1 लाख रुपये की मांग की गई और स्नेह स्नेह लड़ाई बढ़ता गया और बेटी पर सख्ती शुरू हुई |
सारी बातो को जानते हुए भी उन्होंने उस वक्त ध्यान क्यूँ नहीं दिया ? उस वक्त उन्होंने थाने में रिपोर्ट क्यूँ नहीं दर्ज कराई ? बेटी की जिंदगी अब क्या वापस आएगी ! एक निर्दोष बेटी की मौत विवाह के बाद अगर होती है तो इसका जिम्मेदार सिर्फ मायके वाले होते है | शादी कम उम्र में या कम शिक्षित बेटियों की सिर्फ सर से बोझ उठाने के लिए कर देते है मगर तनिक भी नहीं सोंचते कि अपनी बेटियों को शिक्षा व हुनर से मालामाल करने के बाद विवाह करे |
बेटी शिक्षित रहेगी तो लालची ससुराल वाले भी उसे छू न सकेंगे क्यूंकि उस वक्त बहू का हुनर बोलेगा जो एक लाख नहीं लाखो रुपये कमा कर दे सकता है | मगर दुःख इस बात का है कि हर सोंच ऐसा नहीं | कहने को हम चाँद पर पहुँच चुके है मगर जमीन की खूबसूरती का यहीं अंजाम आये दिन देखने को मिलता है जो काफी दुखद है | ............. ( न्यूज़ / फीचर :- रुपेश आदित्या , एम० नूपुर की कलम से )
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