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मुंबई के मुलुंड में 70 लाख की डकैती कर फरार हुए सनी भारद्वाज को रविवार के दिन STF वाराणसी यूनिट ने छावनी क्षेत्र के एक स्कूल के पास से गिरफ्तार कर लिया है |
मुंबई पुलिस वाराणसी स्थित न्यायालय में ट्रांजिट रिमांड बनवाकर अपराधी सनी भारद्वाज को अपने साथ मुंबई ले जाने की प्रक्रिया में लगी है | सनी भारद्वाज को डकैती करने वाला अंतरराज्यीय गिरोह का सदस्य माना गया है |
पुलिस और कानून के हाथ से कोई भी अपराधी कितना भी शातिर दिमाग वाला हो बच नहीं सकता | बड़े बड़ो का छक्का मुंबई पुलिस छुड़ा चुकी है | ऐसे में मुंबई में किसी भी अपराध को अंजाम देकर अपराधी फरार हो जाए और बच जाने की लालसा रखता हो तो ऐसा सोंचना उसकी बेवकूफी के सिवा और कुछ नहीं |
बिना मेहनत और समय गवांये कुछ भी हाथ नहीं लगता | मगर इस अपराध को अंजाम देने का उद्देश्य इतना था कि कोई भी कार्य कर कम समय में धनवान बना जाए | इसलिए अच्छे लोग भी किसी बुरे की चपेट में आकर बुराई की तरफ कदम बढ़ा देता है , जिससे जीवन सिर्फ चार दिन की चांदनी बनकर रह जाती है और तमाम उम्र अँधेरी रात में गुजरना पड़ जाता है | जैसे की गिरफ्तार किया गया सनी भरद्वाज की जिंदगी में बहुत जल्द घनाघोर अँधेरा छाने वाला है जिसकी शुरुआत हो चुकी है |
सनी का अपराध था - मुलुंड का 5 रास्ता पीके रोड के पास इडेनवाला को ऑपरेटिव सोसाइटी में घुंसकर 70 लाख की डकैती को अंजाम देना , जिसमे उसे मोनू सिंह जो विपिन के नाम से भी जाना जाता है और यह जोनपुर का रहने वाला है ,उससे सनी की दोस्ती हुई | मोनू की चाहत थी - कम समय में धन कमाना | इसलिए उसने अपने शातिर दिमाग का इस्तेमाल कर डकैती करने की योजना बना डाली , जिसमे कहाँ , कब और कैसे डकैती करना है ? यह निर्धारत किया मुंबई निवासी निलेश मुर्वे और नितेश ने |
2 फ़रवरी को पूर्व नियोजित नितीश की गाड़ी जो सफ़ेद रंग का है , यूको कार से सोसाइटी पहुंचा और ऑफिस में घुंसकर घटना को अंजाम देते हुए 70 लाख रुपये लूटकर फरार हो गए |
मोनू सिंह ने सनी भारद्वाज को 7 लाख रुपया देकर रास्ते में उतार दिया तो सनी मुंबई पुलिस से बचने के लिए वाराणसी फरार हो गया | सनी काफी समय से डोम्बीवली ईस्ट शिला रोड खिडकाली कल्याण के पास अपने परिवार के साथ रहता है और इंटीरियर की दूकान में काम करता है | इस दूकान का नाम है - वसुल्ला चौधरी जो मुंबई लोढ़ा के पास है |
कहा गया है - बुरी संगत से सदैव बचना चाहिए , नहीं तो जिंदगी नरक बन जाती है | पुलिस को जैसे हीं सनी भारद्वाज का लोकेशन बरनासी व जौनपुर में होने का खबर मिला तो STF फिल्ड यूनिट के निरीक्षक अनिल कुमार सिंह ने घेराबंदी कर उसे गिरफ्तार किया और मुंबई पुलिस से संपर्क कर जानकारी दी |
गिरफ्तार करने के बाद निरीक्षक महोदय ने डकैती करने की मंशा जाननी चाही तो सनी ने घटना के अंजाम से उन्हें परिचित कराया | सनी से भूल सिर्फ इतनी हुई कि - वह अपने नए दोस्त के बातो में आकर अपने मन को भी उसी की तरह अमीर बनाने की सोंच बना डाली और गलत रास्ते का चुनाव कर चंद दिनों की ख़ुशी को अपनाया | यह नहीं सोंचा - किये गए बुरे काम का नतीजा भी बुरा हीं होता है |
मुंबई पुलिस इसे मुंबई ले जाने के लिए प्रक्रिया में लगी है | अब इसमें कौन सी धारा लगाकर सनी भारद्वाज को सजा मिलती है ? अभी कुछ कहा नहीं जा सकता | साथ हीं मोनू सिंह , निलेश मुर्वे और नितेश ये सभी कानून की सजा के भुग्तभोगी बनेंगे |
हमेशा अच्छे दोस्त का चुनाव करे और अच्छे रास्ते पर चले | जल्दीबाजी में उठाया गया कदम घटक होता है , यह सभी जानते है कि - कांटो पर चलने से पाँव छलनी होता है , बावजूद ऐसे रास्ते का चुनाव कर स्वयं को और परिवार को दुःख पहुंचाते है , साथ हीं पुलिस और कानून का भी समय बर्बाद करते है | बचिए और बचाइये और इसी उद्देश्य को लेकर अपनी जिंदगी को सुनहरा बनाइये | ....... ( न्यूज़ / फीचर :- भव्याश्री डेस्क )
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