Teesta Setalwad Arrest - पद्मश्री सम्मानित तीस्ता सीतलवाड़ गुजरात पुलिस की गिरफ्त में , गोदरा कांड से जुड़ी इनकी लड़ी | Bhavyashri News
- by Admin (News)
- Jun 26, 2022
पद्मश्री सम्मानित तीस्ता सीतलवाड़ को गुजरात पुलिस ने उनके मुंबई के आवास से गिरफ्तार कर अहमदाबाद लायी है |
सुप्रीमकोर्ट ने उनकी याचिका को ख़ारिज कर दी जिसके बाद शुक्रवार को ATS की टीम मुंबई पहुंचकर उन्हें हिरासत में लिया और सांताक्रुज पुलिस स्टेशन लेकर गई | वहां उनसे पूछताछ की गई और पुलिस को जानकारी देने के बाद उन्हें अहमदाबाद लेकर आई |
तीस्ता सीतलवाड़ पर जालसाजी करने का आरोप है और इसी साजिश के तहत इनपर FIR दर्ज की गई | कई धाराओं की चपेट में घिर गई हैं तीस्ता सीतलवाड़ |
तीस्ता ने अपनी गिरफ्तारी को अवैध बताते हुए अपनी जान पर खतरा होने की आशंका भी जताई है |
तीस्ता के वकील विजय हिरेमथ का कहना है कि - उन्हें गुजरात आतंकवादी निरोधी दस्ता अपने साथ ले गया है जिसकी जानकारी नहीं दी गई थी | वे जबरन घर में घुंस गए और अपने साथ ले जाने के लिए उनके साथ मारपीट भी की |
सबसे पहले यह जानना जरुरी है कि - तीस्ता सीतलवाड़ कौन है ?
इनका जन्म मुंबई में हुआ | मुंबई से इन्होने कानून की डिग्री प्राप्त की , इस दरमियान पत्रकारिता की तरफ झुकान हुआ और वे इस दिशा में आगे बढ़ी | मुंबई यूनिवर्सिटी से फिलॉसफी में बैचलर डिग्री भी प्राप्त की | इनका विवाह जानेमाने पत्रकार जावेद आनंद से हुआ |
जिंदगी चल रही थी आसानी से , इस बीच उन्होंने 2002 में एक NGO भी बनाया जिसमे कुछ लोग शामिल हुए | इस NGO का नाम था "सिटीजंस फॉर जस्टिस एंड पीस" |
इन्हें 2002 में राजीव गाँधी सदभावना पुरस्कार से सम्मानित किया गया | 2006 में उन्हें प्रतिष्ठित नानी पालखीवाला पुरस्कार से नवाजा गया | 2007 में मिली थी इन्हें पद्मश्री पुरस्कार | पुरस्कार की लड़ियाँ इनकी झोली में गिरती चली गई |
इनके NGO को 1 करोड़ 40 लाख की राशि उत्तरप्रदेश सरकार से मिली थी , उस समय उत्तरप्रदेश में UPA की सरकार थी | यह एक महत्वपूर्ण कड़ी है गुजरात कांड से जुड़ा हुआ | दूसरी बात 2013 में अहमदाबाद के पास गुलबर्ग सोसाइटी के 12 निवासियों द्वारा तीस्ता के खिलाफ जांच करने की मांग की गई थी | इनपर आरोप लगाया गया है कि - ये इसी सोसाइटी में म्यूजियम बनाने के लिए विदेश से करीब 1.5 करोड़ रुपये जमा किये | परन्तु उस धन का खर्च सही ढंग से नहीं कर दुरूपयोग किया गया | 2014 में तीस्ता और उनके पति जावेद आनंद के खिलाफ क्राइम ब्रांच ने FIR दर्ज की थी |
2002 का गुजरात दंगा कांड जिसे लोग गोदरा कांड से भी जानते है | प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी उस वक्त गुजरात के मुख्यमंत्री थे | भाजपा का इनपर आरोप है कि - इस कांड की आग में पेट्रोल डालने का काम इन्होने साजिश के तहत किया |
तीस्ता सीतलवाड़ कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी की नेशनल एडवाइजरी काउंसिल की सदस्य थी | सीतलवाड़ ने इस घटना पर जमकर हिस्सा लिया और बेकसूरों को फंसाने और साजिश रचने के साथ हीं चर्चित नाम "जाकिया जाफरी" इनके पति इस कांड के हिस्सा बने थे | इन्हें बरगलाने और सबूतों के साथ छेड़छाड़ कर कांग्रेस के साथ मिलकर इस घटना को एक अभियान से जोड़ते हुए विकराल बना दिया |
अपने NGO के माध्यम से इन्होने इस अभियान में जले पर नमक डालने में कोई कोताही नहीं छोड़ी | नरेन्द्र मोदी उस वक्त इनकी गलत नीति का शिकार हुए और लोगो के मन में इनके प्रति नजरियाँ बदलता गया |
अब इन्होने अपने पॉवर का जितना दुरूपयोग किया , इसकी बारीकी से पूछताछ कर गुजरात दंगा का हर दौर सामने स्पष्ट नजर आएगा | इनके संपर्क में 2 वरिष्ठ पदाधिकारी जिसमे तत्कालीन DIG संजीव भट्ट उस वक्त गुजरात के कांग्रेस नेताओं के संपर्क में ज्यादा रहे | संजीव भट्ट NGO के माध्यम से इस मामले को काफी पुश किया |
मालुम हो कि - NGO को एक ताकत दी गई है ताकि वह समाज की कुरूतियों को जड़ से उखाड़कर फेंके और उस वक्त लोग यहीं समझ रहे थे कि यह NGO मामले को स्पष्ट करने में लगी है और मीडिया में इनका हर पन्ना रेशमी चादर में लिपटा हुआ साजिश गुम होकर निष्पक्ष छपता रहा | लोग उसे पढ़ते रहे और देश में अच्छी छवि वाले चेहरे में दाग लगता रहा |
जानकारी के आधार पर जो मामला उभरकर सामने आया है उसमे संजीव भट्ट की कोशिश थी कि - तमाम NGO की माध्यम से मामले को प्रभावित किया जा सके | यह बाते सामने आई है कि - तीस्ता ने एडवोकेट एम एम तिरमिजी के साथ हलफनामा तैयार करवाकर उस पर हस्ताक्षर लिए थे |
सुप्रीमकोर्ट ने गुजरात दंगा के मामले में तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी सहित अन्य लोगो को क्लीन चीट दे दी है | 2002 के पन्ने में उलझा यह कांड जिसका सच सामने लाने में कई तारीखें निकल गई |
शुक्रवार को कोर्ट ने SIT के फैसले को चुनौती देनेवाली याचिका ख़ारिज कर दी | SIT ने मोदी और अन्य को इस मामले में बेक़सूर बताते हुए कहा कि - इस प्रक्रिया के दुरूपयोग में शामिल सभी के खिलाफ करवाई की जरुरत है और इन्हें कटघरे में खड़ाकर सवाल पूछे जाने चाहिए | इसी क्रम में तीस्ता सीतलवाड़ पर भी गाज गिर पड़ा और वह इस कांड में बुरी तरह फंसती हुई नजर आ रही है |

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Admin (News)