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असम में सिलचर के आश्रम रोड की रहने वाली एक नाबालिग लड़की , रविवार को लापता हो गई थी | उसका शव बुधवार को सिलचर के मथुरा घाट से बरामद हुआ है |
असम में यह स्थित देखते हीं लोग तनाव में आ गए | लोगों ने बच्ची के शव मिलने के बाद , उसकी स्थिति को देखकर , उसके साथ रेप और ह्त्या का आरोप लगाते हुए जमकर प्रदर्शन किया और अपने आक्रोश को दर्शाते हुए कई गाड़ियों में आग लगा दी |
आरोपी का मानना है कि - इस रेप और हत्या के पीछे आश्रम रोड निवासी रोनी दास का हाथ है | इसने हीं बच्ची का अपरहण करवाया होगा !
प्रदर्शन के नाम पर भीड़ अनियंत्रित हो गई | आम लोगों के मोटरसाइकिल की भी तोड़फोड़ कर उसमे आग लगा दी गई | रोनी दास के परिजनों की दो दुकानों में भी आग लगाई गई | पुलिस जब वहां पहुंची , तो उनपर भी पथराव किया गया | सूचना के आधार पर हम बता दे कि - भीड़ को खदेड़ने के लिए मजबूरन पुलिस को हवाई फायरिंग भी करनी पड़ी |
दरअसल पुलिस अधिकारी उस स्थिति को समझने की कोशिश कर रहे थे , इस बीच प्रदर्शनकारी दूकान को लुटते रहे और शोर - शराबा भी किया | संभावना है कि उनमे से कई लोग शराब के नशे में भी थे |
हालाकि नाबालिग मृत लड़की के पिता ने कहा कि - वे स्वयं और उनके परिवार के सदस्यों ने तोड़फोड़ में कोई भूमिका नहीं निभाई |
निरिक्षण करने सीनियर पुलिस अफसर दक्षिण असम के DIG देव ज्योति मुखर्जी के साथ DSP - डॉ० कल्याण कुमार दास , ओसी सिलचर सदर - चन्दन भोरा , आईसी तारापुर - आनंद मेहदी घटना स्थल पर पहुंचे |
अनियंत्रित स्थिति को काबू करने के लिए 147 CRPF और फायर ब्रिगेड की गाड़ियों को भी तैनात किया गया | पुलिस के उपस्थिति के बीच अभी स्थिति नियंत्रण में है | वहीं पुलिस ने कईयों को गिरफ्तार भी किया है |
अभी पूरी तरह से यह नहीं कहा जा सकता है कि - रोनी दास का हाथ इस घटना में है या नहीं | परन्तु शक के आधार पर संभवतया उन्हें भी गिरफ्तार किया जा चूका है |
मृत लड़की के पिता के अनुसार - रविवार को जब लड़की लापता हुई थी , तो उन्होंने इस मामले में राष्ट्रिय राजमार्ग पुलिस पेट्रोल में FIR दर्ज कराई थी | मृत लड़की के पिता के मुताबिक़ - 6 लोगों ने उनकी बेटी के साथ गैंग रेप किया है | नाबालिग के साथ इस तरह किडनैपिंग कर गैंगरेप के बाद उसकी हत्या कर देना , जिसका शव अभी एक पिता के पास मौजूद है , जिसे देख वो सदमे में हैं | उनकी मांग है कि - उन सभी 6 लोगों को मौत की सजा दी जाए |
कुछ साल से बड़ा हीं दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति से भारत की बेटियां गुजर रही हैं | जिसका तोड़ अभी तक समझ से पड़े है ! क्यूंकि भारत के कानून में बहुत सारे आधार / साक्ष्य / सबूत उपलब्ध कराते - कराते कई साल बीत जाते है | जब आन्दोलन सर से गुजर जाता है , तो चंद अपराधियों को उम्र कैद या फांसी की सजा मिल जाती है | वो भी परिजनों के कई साल इंतज़ार करने के बाद | जिसमे हम हाल हीं में दिल दहला देने वाली घटना - निर्भया की स्थिति देख चुके है , जो दिल्ली की रहने वाली थी | अब जाकर उनकी माँ को थोड़ी तसली मिली कि अपनी बेटी की अंतिम इच्छा वो पूरी कर पाई | देश हीं नहीं पूरी दुनियां तक ने चारो आरोपियों को फांसी की सजा सुनी और उन्हें फंदे पर लटकते हुए सुना |
आखिरकार बेटियां कब तक जुर्म का शिकार बनती रहेंगी ! अपराधिक मामलो को बढ़ता देख , इन दिनों कुछ महिलायें भी आक्रोशित हो भारतीय संस्कृति को दर किनार कर अपराध में संलिप्त होती हुई दिखाई पड़ रही है | बढ़ते अपराध को नियंत्रित करने का सरल उपाय , बस यहीं हो सकता है कि - जैसे हीं साक्ष्य और सबूत हाथ लगे , उन अपराधियों को मृत्युदंड दे देना , बेटी और बेटी के परिजनों के लिए इन्साफ का एक नजरिया होगा | जिससे उनके परिजन संतुष्टि के चंद घूंट पीकर , अपनी बेटी के मर्म को शांत कर पायेंगे | जब तक कानून मजबूत नहीं होगा , तब तक अपराध को रोक पाना बड़ा हीं मुश्किल है ! भारत में बेटियों के नाइंसाफी का दाग लगना शर्मसार करता है भारतवासी को | ...... ( न्यूज़ / फीचर :- भव्याश्री डेस्क )
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