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फिल्म "गुलाबो सिताबो" में फातिमा बेगम की भूमिका निभाने वाली अभिनेत्री फारुख जाफर का निधन शुक्रवार को लखनऊ में हुआ , वे 89 वर्ष की थी |
बहुचर्चित फिल्म "उमराव जान" जो एक इतिहास रच गया | इस फिल्म में फारुख जाफर ने अभिनेत्री रेखा की माँ के किरदार में नजर आयी थी | इस फिल्म में उन्होंने काफी सशक्त भूमिका अदा की | करीब दर्जनों फिल्मों में इन्होने काम किया |
फिल्म उमराव जान 1981 में बनी थी और यह इनकी पहली फिल्म थी | 2004 में इन्होने अपने दूसरी फिल्म की जिसका नाम स्वदेश था | फिर चक्रव्यूह , पिपली लाइव , सुलतान , तन्नु वेड्स मन्नू , सीक्रेट सुपरस्टार आदि फ़िल्में की |
88 वर्ष की उम्र में इन्हें वेस्ट सपोर्टिंग अभिनेत्री के तौर पर फिल्म फेयर अवार्ड से भी नवाजा गया | अभी कई शॉट फिल्म बनकर तैयार है , जिसे रिलीज के कगार पर कहा जा सकता है | जिसमे मेहरुनिका रक्स , कुंदन , नंदी आदि शामिल है | इन्होने अक्सर अपने अभिनय से दर्शकों को प्रभावित किया है |
इनकी मृत्यु की खबर इनके पोते शाज अहमद ने दी है | उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा - मेरी दादी और स्वतंत्रता सेनानी की पत्नी पूर्व एमएलसी व वरिष्ठ अभिनत्री फारुख जाफर का आज शाम 7 बजे लखनऊ में निधन हो गया |
इनका जन्म जौनपुर के शाहगंज क्षेत्र के चकेस गाँव के एक जमीनदार परिवार में हुआ था | विवाह के बाद वे लखनऊ में रहने लग गई | इनके पति लखनऊ निवासी थे | इनका विवाह पत्रकार और स्वतंत्रता संग्राम सेनानी और उत्तरप्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष एवं पूर्व विधान पार्षद सैयद मोहम्मद जाफर के साथ हुआ था | विवाह के बाद इनके पति ने इनके योग्यता को निखारा और इन्हें पढ़ाई जारी रखने को कहा | फिर इन्होने लखनऊ विश्वविद्यालय से ग्रेजुएशन किया और ऑल इंडिया रेडियो में भी सर्विस की | साथ हीं इनके पति ने फिल्मों का हिस्सा बनने के लिए भी इन्हें प्रोत्साहित किया , जिसका नतीजा सब के सामने है |
ऐसे पति का मिलना एक सौभाग्य है , जो अपनी पत्नी के योग्यता को निखारने के लिए कदम आगे बढ़ा रहे हो | फातिमा बेगम आज उन चंद महिलाओं में रसोई घर तक सिमित रहकर बंद पर जाती और आज मरने के बाद उनका नामोनिशान तक मिट जाता | परन्तु आज अगर कलम चल रहा है उनके निधन पर और उनका निधन एक चर्चा का विषय बनकर उनके कर्म का इतिहास बयाँ कर रहा है , तो इसका पूरा श्रेय इनके पति को जाता है |
आज फारुख जाफर इस दुनियां में नहीं और इनका अंतिम संस्कार शनिवार को सुबह 10 बजे के बाद एस बाग़ स्थित कब्रिस्तान में सुपुर्द ए ख़ाक में लीन कर खुदा के हवाले कर दी जायेंगी | मिट्टी की शरीर मिट्टी में मिलने के बाद भी इतिहास में सदियों सदी जीवित रहकर करनी बयाँ करेगा |
महानायक अमिताभ बच्चन के साथ फिल्म गुलाबो सिताबो में इनकी भूमिका फातिमा बेगम के रूप में देखी गई | इस फिल्म में वे 95 वर्ष की उम्र में अपनी हवेली को बचाने के लिए अपने पुराने आशिक के साथ भाग जाती है |
जूही चतुर्वेदी ने अपने इन्स्टाग्राम अकाउंट पर लिखा - "बेगम गई" ना आप जैसा कोई था और न होगा | आपका दिल से शुक्रिया , जो आपने हमको अपने दिल से रिश्ता जोड़ने की इजाजत दी |अब अल्लाह की दुनियां में हिफाजत से रहिएगा |
मृत्यु को किसी ने देखा नहीं , मगर सभी ने महसूस किया है ! और यह एक सच्चाई है , जो सभी के जिंदगी में कभी न कभी दस्तक देता है | मगर वहीं मरकर भी जिन्दा रहना एक इतिहास रचता है | इसलिए इंसान को ऐसा कार्य करना चाहिए , जिससे समाज को और देश को भी थोड़ी सी राहत और सहयोग मिले | अन्यथा इस जीवन का क्या मोल ? मोल तभी , जब इसे कोई तौले अपनी कलमों से और तभी इन नामों में चार चाँद जड़ते है एक इतिहास बनकर , इन्द्रधनुषी भोर आती है और लाती है एक प्रेरणा आने वाले पीढ़ी के लिए |
जैसे हीं लोगों को पता चल रहा कि - फारुख जाफर इस दुनियां को अलविदा कह गई , वैसे - वैसे इन्हें सभी लोग श्रधांजलि अर्पित कर रहे हैं | इनके जाने से सभी दुखी है , परन्तु संतुष्ट इस बात से है कि अपने पीछे ये भरा पूरा परिवार छोड़कर गई हैं | धरती का भ्रमण ख़त्म हुआ , अब वे जन्नत का सैर करेंगी | आपको सादर श्रधांजलि | ........ ( न्यूज़ / फीचर :- आदित्या , एम० नूपुर की कलम से )
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