Breaking News
राजस्थान के बीकानेर में एक इलेक्ट्रॉनिक चप्पल गिरोह पकड़ा गया | पुलिस के मुताबिक़ यह गिरोह डिवाइस लगे चले चप्पल के जरिये परीक्षा में नक़ल कराने के लिए सक्रीय था | इस चप्पल की कीमत 6 लाख रुपया है | ऐसे चप्पल के खरीदार धीरे - धीरे बढ़ते हीं जा रहे थे |
किसी के दिमाग का तेज होने में कोई बुराई नहीं है | परन्तु शातिर दिमाग स्वयं को तो गर्दिश में गिराता हीं है , साथ हीं अपने परिवार , दोस्तों , समाज सहित देश पर भी बुरा असर छोड़ता है | एक कहावत है - चोर के आगे ताला क्या ? इस कहावत को आखिर कब तक और कहाँ तक हम ढोकर लेते चलेंगे |
ऐसे इंसान गलत रास्ते को अपनी मजिल बनाने या पहुँचने के लिए न जाने कितनी शैतानी भरी योजना को अंजाम देते हैं | क्यूँ नहीं कुछ अच्छा करने और देश को रौशनी प्रदान करने के लिए कदम आगे बढाते है ! जिस मंजिल पर पहुँचने तक रास्ते में कोई डर/भय का सामना नहीं करना पड़ता |
6 लाख का चप्पल निर्माण करने व बेचने वाले तो गुनाहगार है हीं , साथ हीं खरीदने वाले भी उतना हीं गुनाहगार है | दोनों बराबर सजा के भागिदार है | कहा जाता है - गुनाह करने वाला और कराने वाला दोनों हीं घटना के जिम्मेदार होते है | ऐसे हीं 6 लाख के चप्पल खरीदने वाले में 25 लोगों की सूची शामिल है | यह कोई फिल्म की कहानी नहीं कि दिमाग में सोंचकर कैमरे पर उतार दिया गया हो |
REET परीक्षा में नक़ल करने और कराने का मामला उभरकर सामने आया है जो कि चौक्का देने वाला है | यह ऐसा मामला है जिसे देखने के बाद आप भी कह उठेंगे कि - बनाने वाला कितना शातिर दिमाग होगा ? जिसने ऐसी इजात ढूंढ ली |
राजस्थान अध्यापक पात्रता परीक्षा में बीकानेर पुलिस ने नक़ल गिरोह के शातिर मुखिया सहित 5 लोगों को हिरासत में ले लिया है | इनके पास एक चप्पल पकड़ाई है जिसमे ब्लूटूथ लगा था | सोशल मीडिया पर इस चप्पल की तस्वीर वायरल हो रही है |
राजस्थान के बीकानेर में हीं यह गिरोह डिवाइस लगी चप्पल बनाता था | जिस चप्पल की कीमत 6 लाख रुपया बताई जा रही है | पुलिस मामले की तहकीकात कर रही है | क्यूंकि यह गिरोह ऐसी डिवाइस लगे चप्पल के जरिये परीक्षा में नक़ल कराने के लिए सक्रीय था |
इसे चोरी करने का हम अनोख तरीका कहेंगे या फिर विद्यार्थीगण को गुमराह करने का हौसला ! अब लोग अपने - अपने तरीके से अपनी - अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं कि - 6 लाख रुपये की चप्पल खरीदकर जो विद्यार्थी नक़ल करने जाएगा | उससे बेहतर क्या यह नहीं कि - या तो अपनी तैयारी पूरी कर ले या फिर उस पैसे से कोई बिजनेस | जो भविष्य के लिए भी उनके विचार और योग्यता को परिपूर्ण करेगा |
माना जा सकता है कि - नक़ल करके विद्यार्थीगण नौकरी पा लेंगे | परन्तु क्या वह पढ़े - लिखे के पास या फिर नॉलेज से भरपूर लोगों से आँखें मिला पायेंगे ? बनाने वाले न भले हीं बना लिया हो , परन्तु सोंचना खरीदने व पहनने वाले को चाहिए था !
आज तो सभी गए काम से | क्यूंकि जब बॉस हीं पकड़ लिए गए , तो फिर स्पून को पकड़ने में कितनी देर लगेगी ! ख़रीदे गए चप्पल के 6 लाख रुपये भी गए , प्रतिष्ठा भी गई , नौकरी गई और अब सजा कितने साल का मिलेगा ? ये भी तय होना बाकी है | यह सभी को सोंचना चाहिए कि अपने दायरे में रहकर कोई काम या निर्माण किया जाए | जितनी हैसियत उतनी लम्बी दौड़ और यहीं जिंदगी का सफल प्रयास माना जा सकता है |
बचिए और बचाइये स्वयं को , अपने समाज व भारत को | जिस तरह सड़कों पर सामने से आती हुई तेज रफ़्तार की गाड़ी से आप खुद को साइड लेते हुए बचाते है | वैसे हीं हर बुरी आदत और गलत तौर - तरीके से खुद को बचाइये , जो आपको , समाज को और देश को गुमराह कर रहा हो | ...... ( न्यूज़ / फीचर :- भव्याश्री डेस्क )
रिपोर्टर