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कोरोना वैक्सीन का डोज कितना असरकारक या यह बेअसर है , आये दिन इसपर चर्चायें होती रही हैं | मीडिया टेबल पर , घर या फिर चौक चौराहे पर | भारत का वैक्सीन बहुत सारे देशों में भेजा जा चूका है | आखिर क्या कारण है कि वैक्सीन लेने के बाद भी लोग कोरोना की चपेट में आ रहे हैं , यही बात अन्य देश से भी आ रही है | आखिर इसका निवारण क्या है ? इसी उलझन को सुलझाने के लिए सीरम वैक्सीन के CEO अदार पूनावाला ने स्पष्टीकरण में कहा :- हमारा शुरुआत से ही कहना है कि नियामको और वैक्सीन के जाँच कर्ताओं का मामले की जाँच पूरी करने दिया जाये और उसके बाद उस निष्कर्ष पर पहुंचा जाये , ना कि मीडिया में हो रही बहस या कंपनी की दावे पर बात की जाये |
भारत में स्वास्थ्य मंत्रालय , WHO , EMEA और अन्य देशों ने कहा है कि यह वैक्सीन पूरी तरह सुरक्षित है | मै इसे इसलिए COVI सील्ड कहता हूँ क्यूंकि ये एक तरह की सील्ड है जो इंसान को बीमारी होने से भले हीं न बचा सके लेकिन ! वैक्सीन लेने से वे सुरक्षित रहेंगे | 95% केस में यह पाया गया है कि वैक्सीन इन्सान को हॉस्पिटल जाने से बचाएगी , ठीक उस तरह जिस तरह बुलेट प्रूफ जैकेट किसी को गोली लगने से बचाती है | थोड़ा डैमेज होता है मगर ! जान तो बच जाती है |
बीते जनवरी से अबतक करीब चार करोड़ लोगो ने वैक्सीन का डोज लिया है | अब इसपर गौर करने की बात है कि वैक्सीन लिए गए लोग में कितने प्रतिशत लोग अस्पताल में भर्ती हो रहे हैं और वैक्सीन के कोरोना संक्रमण के निपटारे की उम्मीद किया जाना कितना उचित है |
उन्होंने अपने बचाव में या लोगों के इस दुविधा को सुलझाने के क्रम में ऐसा कहा कि :- मैंने या किसी वैक्सीन कंपनी ने आजतक ऐसा दावा नहीं किया कि इंसान को बीमारी होने ही नहीं देंगे और लोगों ने ऐसी ही धारणा बना ली है | बहुत कम वैक्सीन ऐसा है जो इंसान को बीमारी होने से उसके संक्रमण से बचाकर सुरक्षा करती है और WHO का भी यहीं मत है कि सभी को वैक्सीन लेना हीं चाहिए |
अब सवाल है कि जो यूरोप से Astrazeneca की वैक्सीन पर आ रही ब्लड क्लोटिन की शिकायत , तो इसके क्लिनिकल ट्रायल के टाइम से हीं इसके प्रभाव और न्यूरोलॉजीकल असर को लेकर सवाल खड़े होते रहे हैं और अब ये ब्लड क्लोटिन का मामला सामने खड़ा है |
Serum Isstitute of India वैक्सीन का सबसे बड़ा मैन्युफैक्चरर है और Astrazeneca इस वैक्सीन की डोज भारत में भी लगाईं जा रही है | दावे के साथ कहा जा सकता है कि डोज लेने के बाद 81% तक संक्रमण के अटैक में कमी आने लगेगी | परन्तु वैक्सीन लेने के बाद संक्रमण अपना अटैक नही करेगा ऐसा दावा नहीं किया जा सकता है |
अदार पुनेवाला की बातों से मामला स्पष्ट होते हुए भी कहीं न कहीं कंफ्यूजन आज भी बना है लोगो के मन में , वैक्सीन ले या नहीं लें | इस डर को कैसे निकाला जाये और उनकी सुरक्षा का दावा किया जाये , मामला बहुत मुश्किल व उलझन भरा है |
अभी हाल हीं में बॉलीवुड अभिनेता परेश रावल के साथ ऐसा हीं हुआ था जो उन्होंने अपने आप बीती देश के सामने रखी और उन्होंने स्पष्ट कहा कि :- मै पुरी तरह स्वस्थ था वैक्सीन लेने के कुछ दिन बाद मुझे कोरोना हुआ | ये दुर्भाग्य है की मै कोरोना ग्रस्त हुआ |
अब देखा जाये तो पुरे भारत में करोड़ो लोगो ने कोरोना का टीका लगाया होगा | कुछ लोग समझदारी से और कुछ लोग डर से और कुछ लोग अभी तक लगाने के पक्ष में नहीं है | लेकिन हर जगह टीकाकरण केंद्र खोले जा चुके हैं , यहाँ तक की यात्रीयों के आवागमन के प्लेटफ़ॉर्म पर भी उन्हें पूरी तरह चेक करके डोज दी जाती है और देने की बात कही जाती है , तो ऐसे में कुछ लोगों ने तो सफ़र करना हीं छोड़ दिया है और इंतजार है कोरोना उन्मूलन का | तो ! कोरोना कब तक भारत के साथ बना रहेगा और कब नौ दो ग्यारह होगा कहना मुश्किल है |
स्वस्थ रहें और पुनेवाले की बातों से संतुष्ट है तो वैक्सीन का टीका जरुर ले | शरीर आपका है , जिंदगी आपकी है , सोंच भी आपकी ही होनी चाहिए | कैसे भी हो जीवन को सुरक्षित रखे | .....( न्यूज़ :- भव्याश्री डेस्क )
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