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उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ , आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मिलने , उनके आवास पर गए | इन दिनों राज्य और केन्द्रीय नेतृत्व के बीच अनबन की अटकलों पर पैनी दृष्टि डाली जाए , तो ऐसा लगता है कि विधानसभा चुनाव से पहले हीं भारतीय जनता पार्टी , अपने नेतृत्व में उत्तरप्रदेश का विभाजन कर पूर्वांचल राज्य बना सकती है |
अगर ऐसा हुआ और नए राज्य बनाये गए तो गोरखपुर पूर्वांचल राज्य में हीं आ जाएगा और ये मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की कर्मभूमि है | योगी जी गोरक्षपीठ के महंत भी है , जो गोरखपुर में है और 1998 से 2017 तक 5 बार गोरखपुर से लोकसभा सांसद बने | ऐसे में उत्तरप्रदेश और पूर्वांचल में जिले के बंटवारा से मुख्यमंत्री नाखुश हो सकते है , क्यूंकि लगभग 24 / 25 जिले को अलग कर दूसरे राज्य में शामिल किये जायेंगे | जिसमे मुख्यमंत्री की सहमती नहीं के बराबर हो |
सूचना के आधार पर - आज मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री के बीच इन्हीं मुद्दें और कार्यगति को लेकर मुलाकात हुई है | साथ हीं मंत्रीमंडल के विस्तार और अगले वर्ष होने वाले उत्तरप्रदेश चुनाव को लेकर भी कई पहलू पर विचार - विमर्श करने की संभावना है | साथ हीं उत्तरप्रदेश के विभाजन में गोरखपुर का अलग हो जाना भी एक अलग मुद्दा हो सकता है | आज कार्यगति की रिपोर्ट , जिसमे 4 वर्ष का एजेंडा भी शामिल है , सौपेंगे | मुख्यमंत्री 7 कल्याणमार्ग स्थित प्रधानमंत्री के आवास पर हीं पहुंचे है |
मुख्यमंत्री के दिल्ली पहुँचने से , उत्तरप्रदेश के सियासी खेमे में हलचल तेज है | मुख्यमंत्री बीते गुरुवार की शाम के करीब 4 बजे गृहमंत्री अमित साह से भी मुलाक़ात की और घंटा भर से ज्यादा तक बातचीत हुई |
गौर करने की बात है कि , कुछ हीं दिन पहले , पूर्व केन्द्रीय मंत्री जितिन प्रसाद कांग्रेस को छोड़कर BJP में शामिल हो चुके है | ये राहुल गाँधी के बहुत करीबी व मित्र भी कहे जाते हैं | जितिन प्रसाद ने कांग्रेस छोड़ने का कोई खास कारण नहीं बताया | कहीं ऐसा तो नहीं कि नए चेहरे को भरने के लिए उत्तरप्रदेश का विभाजन जरुरी पड़ गया | मुख्यमंत्री के वापस लौटने के बाद संभावना है की , इसका विस्तार हो और नए चेहरे के अलावा कुछ लोगों को संगठन की जिम्मेदारी और तमाम निगम आयोग और बोर्ड के पद भी भरे जाए |
अब इन दोनो की अहम मुलाकात और बातचीत पर पूर्व अटकले निकालते हुए , भाजपा के पूर्व मंत्री ओमप्रकाश राजभर , जो भाजपा की सहयोगी रही है और भारतीय समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष है , ने सोशल मीडिया पर कहा - भाजपा डूबती हुई नैया है | जिसको इनके रथ पर सवार होना है , हो जाए पर हम सवार नहीं होंगे | चुनाव जब करीब आता है तो बीजेपी को पिछड़ों की याद आती है | जब मुख्यमंत्री बनाना होता है तो बाहर वालों को बिठाना पसंद करते है | जिन मसलों पर समझौता हुआ था , साढ़े चार साल बीत गए काम पूरा नहीं हुआ | ओमप्रकाश राजभर ने तो यहाँ तक कह डाला कि - उत्तरप्रदेश की 24 करोड़ जनता को अगर बचाना है तो , राष्ट्रपति शासन लागू कर दें |
हर राज्य की तरफ रुख किया जाए तो , नेतागण का इधर से उधर दल बदल लगा है | पश्चिम बंगाल में विधानसभा से पूर्व कई दर्जन नेता बीजेपी में शामिल हुए , ज्यादातर TMC के थे और कुछ अन्य | चुनाव हुए , जीत का पलड़ा TMC की तरफ भारी पड़ा और ममता बनर्जी मुख्यमंत्री बनी | अब धीरे - धीरे , यहीं नेतागण पुनः TMC के तरफ रुख कर रहे हैं और कितनों ने तो शपथ भी ले ली | पता नहीं क्यूँ , नेतागण की गति कभी धीमी नहीं पड़ती | ये अक्सर सुपरफास्ट ट्रेन में हीं सफ़र करना पसंद करते है , जिसमे कभी - कभी इनसे चूक हो जाती है |
अब अगले साल उत्तरप्रदेश में विधानसभा चुनाव होना है | सियासी मामला गर्म है | अब देखना है , अभी से इसका रुख क्या होता है ? अभी तो उत्तरप्रदेश में फिल्मसिटी का निर्माण जोड़ों पर है , जिसका पिछले साल से हीं हलचल तेज है | कई दृष्टि फिल्मसिटी पर भी अटकी पड़ी है | मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दिल्ली से लौटने के बाद , धीरे - धीरे सभी कुछ स्पष्ट दिखाई पड़ने लगेगा | फिलहाल सभी को इंतज़ार है | ..... ( न्यूज़ / फीचर :- भव्याश्री डेस्क )
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