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सफाई कितना जरुरी है , सभी जानते हैं और मानते हैं मगर इस बात पर अमल कितने लोग करते है , यह सोंचना जरुरी है ...... खैर ! सम्पूर्ण स्वच्छता अभियान में एक अभियान उपरी परत की शुद्धता जो सभी लोग करते हैं , कुछ सुबह सवेरे , कुछ दोपहर , कुछ शाम और कितने लोग दो वक्त भी मगर वहीं तन की अंदरूनी स्थान में शुद्धता का होना , मेरे जिंदगी को कई गुना ज्यादा बढ़ाता है और यह अहम् / खास बात है |
आज हम निरोग काया के लिए एक बार फिर कदम बढ़ायेंगे जहाँ लोग 100 साल से भी ज्यादा जिन्दा रहा करते थे | आज ऐसा क्या हो गया , किस दौर में हम शामिल हो गए कि जिंदगी के 50 वर्ष भी भारी पड़ गए | आज अधिकांशतः लोग किसी न किसी बीमारी से ग्रसित है | इलाज के बाद भी बात नहीं बनती और लोग असमय हीं इस दुनियां को अलविदा कहने पर मजबूर हो जाते हैं |
इस धरती पर मनुष्य जितना भी सुख / सुविधाओं को गले लगाया , पीड़ा उतनी हीं बढ़ती चली गई | आज जंगल , पहाड़ , समुन्द्र सभी बंट रहे हैं / कट रहे हैं | शुद्ध हवा / पानी हमें नसीब नहीं होता यहाँ तक कि बातो में भी इस कदर कड़वाहट ने घर कर लिया कि जीना दुश्वार सा हो रहा है |इसका स्पष्ट कारण है मनुष्य के अन्दर चिड़चिड़ापन का पैदा होना और चिड़चिड़ापन का जन्म पेट की गड़बड़ी से असर छोड़ता है | आदमी का दिमाग स्वस्थ नहीं रह पाता और उसकेद मुख से मधुर वाणी करवट बदल लेती है |
जिंदगी नहीं मिलती दूबारा सभी जानते हैं , तो आइये इस जीवन के अंदरूनी हिस्सों की शुद्धता को जाने और निरोग काया पायें |
इसके लिए हमें एक बार फिर से अपनी पुरानी पद्धति / उपचार की ओर लौटना होगा | इससे पहले हम आपको एक इमेज दिखाते हैं , इस इमेज को गौर से देखिये | यह एक आयरन है , जब ख़रीदा था तो यह प्रेस मशीन अपनी गर्मी से कपड़े को चिकना बनाकर सौन्दर्य प्रदान करता था | ऊपर से देखने में कितना खुबसूरत है मगर इनकी जिंदगी पर भी जख्म ऐसे घर कर जाती है कि इसकी गति रुक जाती है और फिर कपड़े चिकने नहीं हो पाते |
जी हाँ अंदरूनी शुद्धता का न होना जिसे हम ऊपर से नहीं देख सकते | इस इमेज को देखिये , इसके अंदरूनी हिस्से को खोलकर हम आपको दिखा रहे हैं | जब लिया था तो इसके अन्दर पूरी चमक बरकरार थी मगर आज धीरे - धीरे इसके अन्दर कितनी गन्दगी जमा हो गई और यह अपने कार्य की गति खो चूका | इस गन्दगी के मोटे हिस्से को देखिये , इतना मोटा हिस्सा एक दिन में तो समाया नहीं | धीरे धीरे ये अपनी आगोश में लिए इसकी चमक को खाता चला गया |
शरीर के अंदरूनी हिस्से में भी कुछ ऐसा हीं होता है | खान - पान और हवा से हमारे शरीर में गंदगी फैलती है जिसे हम अपनी आँखों से नहीं देख पाते | बहुत जल्द हम आपको ऐसे स्वास्थ्य रक्षक से मिलवाने की कोशिश करेंगे जिनके उपचार से आप अपनी चमक को ज्यादा दिन तक बरकरार रख पायेंगे और शरीर के अंदरूनी हिस्से में भी उपरी हिस्से की तरह चमक बरकरार रह पायेगा मगर हमें ध्यान देना होगा ठीक उस तरह जैसे कि हम अपने उपरी हिस्सों में ध्यान देते हैं |
आपके कुछ प्रश्न हो या आप किसी रोग से ग्रसित तो अपने संवाद को हम तक पहुंचा सकते है | हमारी कोशिश रहेगी आपकी पीड़ा को जड़ से समाप्त कर देने वाली उपचार को बता देना | दादी - अम्मा के उपचार से लेकर चिकित्सक व आम व्यक्ति जिन्होंने प्राकृतिक या आयुर्वेद उपचार से स्वयं को स्वस्थ कर एक मिशाल कायम किया तो सर्वप्रथम आरम्भ होगा गैस्टिक जिसे आप एसीडेटीक का नाम देते हैं | इस बिमारी से अधिकांशतः लोग ग्रसित है | बहुत जल्द आप पढ़ पायेंगे इस समस्या का निदान , इसी पेज पर | ........... ( स्वास्थ्य की जानकारी .......... एम० नूपुर की कलम से )
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