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उत्तरप्रदेश के वरिष्ठ पत्रकार कमाल खान के असमय हुई मौत से सारा देश सदमे में है | शुक्रवार सुबह उन्हें हार्टअटैक आया |
सूचना के आधार पर - सुबह चार बजे के करीब उनके सीने में दर्द उठा | कमाल खान द्वारा दर्द की बात कहने के बाद उन्हें अस्पताल ले जाया गया , जहाँ डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया |
पत्रकारिता जगत का मजबूत प्रहरी और NDTV के एक्जीक्यूटिव एडिटर की मौत ने लोगो को सोंचने पर मजबूर किया कि - जिंदगी एक धोखा है और कुछ नहीं |
कमाल खान 61 वर्ष के थे | उन्होंने तीन दसक तक पत्रकारिता में अपना योगदान दिया , जिसमे ज्यादा समय NDTV को दी |
कल भी देर रात तक उन्होंने रिपोर्टिंग की थी | सुबह अचानक उनकी तबियत बिगड़ी और थोड़ी देर बाद उनकी मौत हो गई |
गुरुवार शाम 7 बजे और 9 बजे प्राइम टाइम पर उनकी खबरे चली |
प्राइम टाइम को होस्ट कर रही नगमा ने बताया है कि - कांग्रेस की 150 उम्मीदवारों की सूचि पर कमाल खान ने बात की थी | उन्होंने यह भी कहा था कि - प्रियंका गाँधी का यह फैसला लम्बे समय तक असर डालेगा | नगमा को यकीन हीं नहीं हो रहा कि - कमाल खान अब इस दुनिया में नहीं और उनकी आवाज सदा के लिए गुम हो गया |
इनकी पत्नी का नाम रूचि है और वो भी पत्रकारिता जगत से जुड़ी है | लखनऊ के एक न्यूज़ चैनल में ब्यूरो हेड है | कमाल खान का आशियाना लखनऊ के बटलर पैलेस कॉलोनी में है , जहाँ उन्होंने आखिरी साँस ली | उनका एक बेटा है जिसका नाम अमन है |
कमाल खान के निधन से पत्रकारिता जगत का मन विलाप कर रहा है | शब्द नहीं जो उनके लिए टाका जा सके , मगर देश के लिए बहुत बड़ी क्षति हुई है |
कमाल खान का अंदाज लोगो को काफी लुभाता रहा | वे अपने आप में मस्त जीने वाले सदाबहार इंसान थे | लोग उनके बोलने की अदा को देखने के लिए इंतज़ार किया करते थे | उन्हें भूल पाना किसी के लिए संभव नहीं |
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ , समाजवादी पार्टी के अखिलेश यादव , वसपा प्रमुख मायावती सहित कई नेतागण संवेदना प्रगट करते हुए श्रधांजलि अर्पित की है | हिंदी के मशहूर कवी कुमार विश्वास भावुक हुए और लिखा - भाई का जाना , निजी नुकसान के साथ - साथ पहले से हीं दलिद्र हो रही पत्रकारिता के लिए बड़ा भाषाई शून्य है | अलविदा कमाल भाई , याद रहेगी शेर - "ओ सुखन की वे महफिले" |
देशभर के लोग उनके निधन की खबर सुनने के बाद दुःख प्रगट कर रहे है |
कमाल खान को निष्पक्ष पत्रकारिता के लिए जाना जाता था | कमाल खान को राष्ट्रपति के कर कमलो द्वारा रामनाथ गोयनका अवार्ड , फिर गणेश शंकर विद्यार्थी अवार्ड मिला | इसके अतिरिक्त न्यूज़ चैनल , न्यूज़ टेलीविजन अवार्ड मिला | इन्हें पर्यावरण पर बेस्ट रिपोर्टिंग करने के लिए भी अवार्ड मिला , साथ हीं शार्क कंट्री राइटर अवार्ड जो दक्षेश देशों की संस्था द्वारा मिला |
कमाल भाई आप असमय हीं हमसभी को छोड़कर इस दुनियां को अलविदा कह दिया , मगर कौन कहता है कि आप के शब्द गुम हो गए | आपके कहे गए सारे शब्द अमर है और रहेंगे - हर कल के लिए , हर पल के लिए | आप आनेवाली पीढ़ी के लिए एक प्रेरणा है , आपको देखकर / सुनकर लोग स्वयं को तारासेंगे | आप रुपहला और इन्द्रधनुषी रंगों में सदैव मौजूद रहेंगे , जहाँ आपकी आभा पत्रकारिता जगत को नहलाएगी | मगर अपने दिल को समझाना बड़ा हीं मुश्किल हुआ | आपको हमारी तरफ से श्रधांजलि ...... ( न्यूज़ / फीचर :- रुपेश आदित्या , एम० नूपुर की कलम से )
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