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पश्चिम बंगाल के बाँकुड़ा जिले में एक व्यक्ति के उपनाम में सरकारी कर्मचारी द्वारा शब्द के संशोधन करने पर व्यक्ति ने सरकारी पदाधिकारी की चलती हुई गाड़ी की खिड़की पर भौकते हुए अपना विरोध जताया |
दरअसल यह मामला राशन कार्ड में नाम की गड़बड़ी को लेकर है , जिसे तीन बार संशोधन कराने के बाद भी सही नहीं किया गया | पहली बार व्यक्ति के राशन कार्ड में श्रीकांत मंडल लिखा गया , दूसरी बार श्रीकांती दत्ता जहाँ पुलिंग को स्त्रीलिंग में तबदील कर दिया गया | तीसरी बार श्रीकांत ने फिर संशोधन कराई जिसके बाद उनके उनके सरनेम "दत्ता" की जगह "कुत्ता" लिख दिया गया | यानि श्रीकांत दत्ता न लिखकर श्रीकांत कुत्ता लिख दिया |
राशन कार्ड पर ऐसी नाम को देखकर श्रीकांत आवेदन के साथ दफ्तर पहुंचे और सरकारी पदाधिकारी BDO को देखकर अपना विरोध प्रदर्शन किया |
विरोध प्रदर्शन में देखा जा सकता है कि - चलती हुई गाड़ी के खिड़की से श्रीकांत पदाधिकारी को अपना आवेदन दिखा रहे हैं | पदाधिकारी यह देखकर अपनी गाड़ी को रुकवाते हुए उस पेज पर अपनी नजर डालते हैं और फिर आवेदन को पास खड़े एक व्यक्ति के हाथ में दे देते है | इस पूरी घटनाक्रम के दौरान श्रीकांत पदाधिकारी के सामने कुते की आवाज में भौकते रहते है |
सोशल मीडिया पर यह विडियो काफी तेजी से वायरल हो रहा है | श्रीकांत द्वारा कई बार दफ्तर के चक्कर लगाने के बाद भी उन्हें नाराजगी हाथ लगी जिसके बाद उन्होंने ऐसा उपचार किया | पदाधिकारी के सामने भौकते हुए श्रीकांत ने अपनी पीड़ा को उनके समक्ष दर्शाया |
आखिरकार किसी भी टेबल पर मौजूद व्यक्ति इस कदर कैसे किसी के नाम को देश के सामने ला सकता है ? इसका साफ़ मतलब है कि फॉर्म को सबमिट करने से पहले टेबल पर मौजूद व्यक्ति ने प्रूफरीडिंग नहीं की | अगर एग्जाम में स्टूडेंट गलत जवाब लिखे तो उसकी मार्क्स काट ली जाती है तो फिर इस गलती की भरपाई क्या है ? यह सोंचने वाली बात है ! .......... ( न्यूज़ / फीचर :- रुपेश आदित्या , एम० नूपुर की कलम से )
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