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भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के सदस्य व मंत्री रहे महिपाल मदेरणा का आज सुबह निधन हो गया , वे 69 वर्ष के थे | जोधपुर के ग्रामीण क्षेत्र में उनकी काफी मजबूत पकड़ थी | परन्तु बीते 2011 से हीं उनके जीवन में भूचाल आ गया था और बंद मुठ्ठी से सभी कुछ बिखकर हाथ खाली रह गया |
24 अगस्त 2021 को उन्हें जमानत मिली थी और वे जेल से रिहा कर दिए गए | जेल में उन्होंने करीबन 10 साल सजा काटा |
पिछला पन्ना अगर पलटा जाए , तो 1 सितम्बर 2011 को भंवरी देवी नामक ANM ( नर्स ) के पति ने थाने में एक रिपोर्ट दर्ज कराई थी , जिसमे महिपाल मदेरणा का भी नाम दर्ज था | भंवरी देवी के अचानक गायब हो जाने से भूचाल आ गया और बाद में पता चला कि - भंवरी देवी मर गई | बात इतनी आगे बढ़ी कि इन्हें अपने पद से त्यागपत्र देना पड़ा , उस वक्त ये जल संसाधन मंत्री के पद पर आसीन थे |
भंवरी देवी के विषय में हम आपको बता दे - जिस वक्त ये मामला गंभीर रूप लिया था उस वक्त जो बाते छनकर सामने आयी , वह हैरत में डालने वाली थी | भंवरी देवी का पहले अपरहण किया गया , फिर उनकी हत्या की गई , लाश को जलाया गया और फिर राख को बहा दिया गया |
भंवरी देवी बहुत हीं साधारण नर्स थी , परन्तु दिग्गज नेताओं से उनके गहरे संबंध होने की बातें भी सामने आई थी | भंवरी देवी के अचानक गायब हो जाने के बाद जब मृत्यु की खबर सामने आयी , तो यह मामला एक संदिग्ध लगा और मामला इतना आगे पढ़ा कि इस केस को CBI के हाथ में देना पड़ गया |
CBI के विषय में यह कहना जायज होगा कि - वे पड़ताल के दौरान जमीन के अन्दर दबे हुए मुर्दे का सच भी वह सामने निकाल देती है | CBI ने भंवरी देवी का पन्ना पलटना आरम्भ किया और यह मामला राजस्थान के मंत्री पद पर रहे महिपाल मदेरणा से जुड़ गई | 3 दिसंबर 2011 को CBI ने महिपाल मदेरणा से पूछताछ की और उन्हें गिरफ्तार कर लिया | फिर विधायक मलखान सिंह विश्रोई का भी नाम आया , सीबीआई ने उनसे भी पूछताछ के बाद उन्हें भी गिरफ्तार कर लिया |
इस दो गिरफ्तारी के बाद गिरफ्तारियों का सिलसिला आरम्भ हुआ और अन्य 15 लोग गिरफ्तार किये गए और सभी को जेल जाना पड़ा |
सीबीआई ने दावा किया था कि - भंवरी देवी का पहले अपरहण किया गया , फिर उनकी हत्या हुई , उनके शरीर को जलाने के बाद उसकी राख को राजीव गाँधी लिफ्ट नहर में बहा दिया गया | साक्ष्य और सबूत दोनों हीं CBI के पास मौजूद थी , जिसमे एक ऑडियो क्लिप भी मौजूद था |
आखिरकार ऐसा क्या हुआ था कि भंवरी देवी की हत्या हुई !
तो भंवरी देवी ने इन राजनीतिज्ञों को बोला था कि - उनके पास एक ऐसी CD है , जिसके बाहर आने से सरकार 3 दिन में हीं गिर जायेगी | जैसा कि मैंने पहले हीं बताया कि भंवरी देवी एक साधारण नर्स थी , मगर इनका संबंध दिग्गज नेताओं के साथ रहा था | अब एक नर्स होना बहुत बड़ी बात नहीं , मगर नर्स के मुठ्ठी में बहुत कुछ होता है | कुछ ऐसा साक्ष्य और सबूत भंवरी देवी के पास रहा होगा , जिससे की नेतागण डर गए और उसके बाद इस मामले को जड़ से सफाया करने के लिए उन्होंने भंवरी देवी का ........ खैर |
परन्तु एक बात गौर करने की है कि - कोई भी राजनेता किसी पर भी उस कदर दबाव नहीं बनाते| इसमे भंवरी देवी भी एक साजिशकर्ता होगी , जो राजनेताओं के साथ जुड़कर कुछ गलत किया होगा | उसके बाद राजनेताओं को ब्लैकमेल करके तबाह कर रही होगी , जिससे नेतागण विचलित हो गए | जहाँ सरकार गिराने की बात एक नर्स धमकी भरे लहजे में नेतागण को दे दे , तो यह मामला छोटा नहीं बल्कि संगीन कहा जा सकता है |
इसलिए इंसान को बचना और बचाना चाहिए स्वयं को गलत रास्ते से ताकि परिस्थिति ऐसी उत्पन्न न हो जाए , जिसे अनमोल जीवन देकर चुकाना पड़ जाए | नुकसान दोनों का हुआ - भंवरी देवी की जिंदगी गई और मंत्री महोदय का बहुमूल्य समय और प्रतिष्ठा चला गया , जो दुखी करता है हमारे समाज को , देश को |
महिपाल मदेरणा का जन्म 5 मार्च 1952 को लक्ष्मण नगर चौडी में हुआ था | इनकी दो पुत्रियाँ है - एक पुत्री उसी क्षेत्र से विधायक है , जिस क्षेत्र से महिपाल मदेरणा दो बार विधायक रह चुके है और ये क्षेत्र है "ओसियां" | महिपाल मदेरणा जोधपुर जिलाप्रमुख के पद पर भी आसीन थे |
ऐसा नहीं कि महिपाल मदेरणा ने कुछ अच्छा नहीं किया होगा ! उनकी कुछ अच्छाई भी होगी , मगर अफ़सोस इस बात का हो जाता है कि अधिकांशतः अच्छाई को एक बुराई पूरी तरह से बिलुप्त कर देता है | ठीक उस तरह जिस तरह की सच को दबाने से सच उजागर होकर हीं रहता है |
महिपाल मदेरणा आज इस दुनियां में नहीं , अपने पीछे वो भरापूरा परिवार छोड़कर गए है | अपना एक ख़ास समाज भी बनाया , जिसमे लोग इनकी जुदाई का विलाप कर रहे हैं | कुछ दिनों से ये कैंसर से पीड़ित थे और अब दुनियां को अलविदा कहकर दूसरी दुनियां में सफ़र कर गए | आज या कल इनका अंतिम संस्कार किया जाएगा | जिंदगी की यहीं एक सच्चाई है , जो धरती पर हमेशा रौशनी बनकर जगमगाती रहती है |
शायद ! इसलिए कहा जाता है कि - कुछ अच्छा
कर चले , ताकि हम आगे चले और काफिला मंजिल तक पहुंचाने के लिए साथ - साथ
लगा रहे | ...... ( न्यूज़ / फीचर :- आदित्या , एम० नूपुर की कलम से )
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