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जब से सोशल मीडिया भारत में कदम रखा है , तब से धीरे - धीरे शहर से ग्रामीण तपके में भी , जरुरत से ज्यादा समाजसेवा की भावना पैदा हो रही है | समाजसेवा करना चाहिए , बचाव करनी चाहिए और अपनी संस्कृति , नियम , कानून और गलत प्रथा जैसी कुरीतियों पर हमारा ध्यान जाना हीं चाहिए | परन्तु किसी भी घटना का तहकीकात किये बिना , उसे सोशल मीडिया पर डाल देना और किसी के प्रतिष्ठा से खिलवाड़ या उसका मजाक उड़ा देना , शोभा नहीं देता |
इन दिनों बिहार में बाल विवाह की चर्चा जोरों पर चल रही है और सोशल मीडिया पर एक विडियो वायरल हो रहा है | 8 वर्ष की बेटी से 28 वर्ष के युवक का विवाह | अब सवाल ये है कि बाल विवाह जैसी प्रथा तो बहुत पहले हीं समाप्त कर दी गई है | आज भी कहीं - कहीं ऐसे लोग जो पूर्ण रूप से दिमाग से शिक्षित नहीं है , वे बाल विवाह को गलत नहीं समझते | ऐसे में एक विडियो जो सोशल मीडिया पर छाया है , चर्चा का विषय है और लॉक - डाउन में ज्यादा किसी के पास काम नहीं है , तो घर में बैठे लोग सोंचते है , किसी तरह वक्त काट ले या दूसरे में कमी ढूंढने की कोशिश करते है |
आइये जानते है , पूरी स्थिति :- अब तस्वीर या विडियो में कोई बच्चा दिखे , तो जरुरी नहीं की उसकी उम्र कम हो | ऐसे हीं विवाह वाली तस्वीर में लड़की 8 वर्ष जैसी दिख रही है | बस लोगों ने एक दूसरे से शेयर कर दी बातें | सूचना के आधार पर अब यह बात प्रशासनिक महकमे तक पहुंचा तो हड़कम्प मच गया |
लोग बिहार सरकार को बाल विवाह के मुद्दे पर घेरने लगे | वहीं कुछ लोग सरकार से , बच्ची को न्याय दिलाने की गुहार करने लगे | प्रशासनिक अधिकारीयों द्वारा पुरे मामले की जाँच की गई | एक कहावत है - खोदा पहाड़ , निकली चुहिया और इसी पर ये कहानी हो गई आधारित | अब सरकार पर सवाल व उंगली उठाने वाले लोगों के जुबां में उनकी अपनी हीं उंगली दब गई | जब यह पता चला कि - लड़की की उम्र 8 वर्ष नहीं बल्कि 19 वर्ष है | यह बात जब उस लड़की तक पहुंचा , तो उसने इस बात का खंडन किया और कहा - शादी दोनों परिवार के रजामंदी से हुई है | सोशल मीडिया पर चलाई जा रही खबर बिलकुल गलत है , इसका खंडन किया जाए |
वैसे प्रशासनिक स्तर से भी पूरी जानकारी दी गई | जारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि - 25 मई को सोशल मीडिया के माध्यम से , तथाकथित बाल विवाह की जानकारी मिली थी | सूचना के आधार पर अनुमंडल पदाधिकारी पकरीबरावां को सयुंक्त रूप से खबर की गई और सत्यापन के लिए वारिसलीगंज भेजा गया | फिर पता चला कि इस लड़की का नाम तनु कुमारी है और यह अपने नानी के घर पर बचपन से हीं रहती है | इनकी माँ भी वहीं रहती है | ये बच्ची जम्मुई जिले की सिकंदरा प्रखंड की है | ग्रामीणों ने बताया कि - इनके पिता दिल्ली में काम करते है |
जमुई जिला प्रशासन को इस संबंध में विस्तृत जानकारी दी गई | अब इस वायरल विडियो के झूठ का पर्दाफाश हो चूका है , लड़की बालिग़ है | यह सत्यापन उसके आधार कार्ड से किया जा चूका है | लड़की की शादी 24 अप्रैल को दोनों परिवार के रजामंदी से समाज के बीच हुई | लड़की अपने ससुराल में है और ससुराल में हीं रहते हुए उसे अपने विडियो वायरल होने की जानकारी मिली और प्रशासनिक रूप से पूछताछ के बाद उसने एक विडियो जारी किया , जिसमे अपनी जुबानी वह बता रही है |
विडियो देखने के लिए इस टाइटल पर क्लिक करे :-
अब सवाल है कि ये बात का बतंगर कहाँ तक उचित था ? और इसमे पूरी तरह सरकारी व्यवस्था संलिप्त हुई | विडियो वायरल होने से पदाधिकारी का श्रम बेकार गया | दूसरी बात बिहार सरकार पर उंगली उठाई गई , आखिर क्यूँ ? वायरल विडियो की पूरी जानकारी कर लेते , फिर उंगली उठाते तो अच्छा था | भारत के किसी भी पार्टी के सरकार पर इस तरह कटाक्ष करना उचित नहीं , इससे राज्य की बदनामी होती है | दूसरी बात आप समाज वाले क्या कर रहे हैं , ऑन द स्पोर्ट जाकर अपनी आँखों से देखिये कि किसकी उम्र कितनी है , सब पता चल जाएगा | शादी घर के कमरे में नहीं हुई है , सार्वजनिक हुई | अब आधार कार्ड मिलने से उम्र का पता चल गया न ! एक बात और इतना श्रम जो पब्लिक झूठ का विडियो वायरल करने में लगाती है , इससे पहले सच जान लीजिये | ........... ( न्यूज़ / फीचर :- भव्याश्री डेस्क )
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