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कर्नाटक के शिवमोगा जिले में बजरंग दल के कार्यकर्ता की हुई हत्या मामले में पुलिस ने 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया है |
आरोपियों की पहचान आसिफ , रेहान शरीफ , अब्दुल अफानन , कासिफ , निहान और सैयद नादिम के रूप में हुई है |
शिवमोगा के आरक्षी अधीक्षक लक्ष्मी प्रसाद ने बताया है कि - इस मामले में 12 लोगो से पूछताछ की गई थी जिसमे अभी 6 लोगो को गिरफ्तार किया गया है |
हर्षा की हत्या 20 फ़रवरी को रात के करीब 9 बजे की गई जिसमे धारदार हथियार का सहारा लिया गया था | उसके बाद शहर में तनाव व सन्नाटा तो पसरा हीं साथ हीं इलाके में 144 भी लगा दिया गया था | इसके साथ हीं दूसरे दिन माहौल की गर्माहट को देखते हुए सोमवार को स्कूल और कॉलेज में अवकाश की घोषणा कर दी गई |फिलहाल अभी धारा 144 की अवधी बढ़ा दी गई है |
26 वर्षीय बजरंग दल के कार्यकर्ता जिनका नाम हर्षा था की ह्त्या के बाद वहां का माहौल अभी भी तनावपूर्ण है जिसे ध्यान में रखते हुए वहां कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है | ह्त्या किस कारण से हुआ यह अभी तक स्पष्ट नहीं हो सका है , मगर इस हत्या से जुड़े 6 अपराधी को गिरफ्तार किया गया है | इसी 6 अपराधी की बातो के खिंचाव से पुलिस तह तक पहुंचेगी और इस लाइन को मंजिल तक पहुंचाना बड़ा हीं आसान होगा |
हर्षा की ह्त्या के बाद शिवमोगा इलाके में कई वाहन को भी जला दिए गए थे , वहीं कई प्रदर्शन भी किये जिसे कंट्रोल करने के लिए पुलिस को आंसू गैस का सहारा लेना पड़ा |
उनके पिता ने आरोप लगाया था कि - कुछ बदमाशों ने उसकी हत्या सिर्फ इसलिए की थी कि वह बजरंग दल का कार्यकर्त्ता है |
हिजाब विवाद पुरे देश में चर्चा का विषय बना हुआ है और यह मुद्दा न्यायालय तक पहुँच चूका है | इस मुद्दे पर कर्नाटक में हिजाब को लेकर विवाद गहराया | हिन्दू और मुस्लिम दो वर्ग अलग अलग होकर श्रीराम और अल्लाह को लेकर बंटवारा करने पर स्टूडेंट आमादा हो गए | वहीं मामला कोर्ट में पहुँचने के बाद कानून ने फैसले आने तक हिजाब पहनकर स्कूल और कॉलेज आने पर रोक लगा दिया | बावजूद स्कूल में छात्राएं हिजाब पहनकर आती रही , परन्तु जानकारी के आधार पर मांड्या के रोटरी स्कूल के गार्ड व शिक्षिका ने स्कूल में दाखिल होने से पूर्व कहा था छात्राओं को हिजाब उतारने के लिए | कुछ अभिभावकगण ने इसका कड़ा विरोध किया था , वहीं कुछ अभिभावक ने कहा था - स्कूल के अन्दर जाने दीजिये क्लास में हिजाब उतार देगी |
परन्तु सवाल यह था कि - सार्वजनिक स्थल पर खासकर स्कूल / कॉलेज में जहाँ एक परिधान , एक विचार और एक तरह की शिक्षा मिलती हो , उन बच्चो के बीच सोंच भी एक होनी चाहिए फिर धर्म का बंटवारा कैसा ? एक जाति , एक धर्म , एक सोंच और तीन रंग से बनता है हमारा भारत फिर ऐसे में स्कूल / कॉलेज के अन्दर बच्चो के पोशाक में अंतर क्यूँ ? घर के अन्दर जैसे भी लोग रहें , परन्तु सार्वजनिक स्थल पर भारत में सभी को एक सामान हीं रहना उचित है |
यहीं मुद्दा कोर्ट में गया , तारीख चलती रही और उड़पी जिला प्रशासन ने सोमवार से 19 फ़रवरी तक हाई स्कूल के आसपास या स्कूल के दायरे के भीतर 5 या इससे अधिक लोगो का एक साथ होने , प्रदर्शन - नारेबाजी व रैलियां - भाषण देने पर पाबंदी लगाईं थी |
वहीं केरल के राज्यपाल ने भी हिजाब को मुस्लिम महिलाओं को प्रताड़ित करने का तरकीब व घरो में कैद करने की साजिश बताते हुए कहा था कि - अरब देशो में एक समय ऐसा था जब लोग लड़कियों के जन्म लेते हीं उन्हें जमीन के अन्दर दफ़न कर देते थे | वहां ऐसा जघन्य अपराध होता रहा , फिर इस्लाम ने इस प्रथा को बंद कर दिया | मगर यह मानसिकता आज 21वीं सदी में भी कायम है | साथ हीं उन्होंने कहा - पहले तीन तलाक का अविष्कार , फिर हिजाब , उसके बाद मुस्लिम महिलाओं को प्रताड़ित करने के कई तरीके अपनाए गए |
केरल के राज्यपाल की सोंच सिर्फ मुस्लिम महिलाओं के लिए नहीं था , यहाँ तो महिलाओं की बात है , सिर्फ महिलाओं के लिए पर्दा क्यूँ ? एक तरफ मुस्लिम महिलायें हिजाब पहनती है वहीं कुछ राज्य की हिन्दू महिलाए घूँघट के अन्दर गर्मी के मौसम में भी घुटती हुई महसूस करती है | मगर उन्हें घर के अन्दर और बाहर घूँघट हटाने की इजाजत नहीं दी जाती | आखिरकार महिलाओं के चेहरे में ऐसा क्या है जिसे वह ढककर रखे और पुरुष बेनकाब होकर सरेयाम घूमते रहे | सवाल धर्म का नहीं , सवाल प्रथा की है | इसमे देश की सारी महिलाओं को एक साथ एकजुट बनकर स्वतंत्रता लेनी होगी तभी जाकर हिजाब और घूँघट की प्रथा को हटाया जा सकेगा |
कई देशो में हिजाब पर बैन लगने के बाद श्रीलंका में बैन लगा , फिर भारत में इसकी चर्चा शुरू हुई और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मांग की गई कि - बुर्का पर प्रतिबन्ध लगाया जाए |
मुद्दा , मुद्दा की जगह रहनी चाहिए , इसमे जघन्य अपराध नहीं | अफ़सोस की बात है कि आज के पढ़े लिखे युवा पीढ़ी राजनीति को स्कूल और कॉलेज के कैम्पस तक पहुंचाकर भारत को मजहबों में जोड़कर अलग सोंच का पेड़ लगाना चाहते है जो कदापि उचित नहीं | भारत की एक सोंच है , जहाँ सबके लिए नियम और कानून एक सा हीं बना है | चार मजहबों के पिलर पर बना हमारे भारत की छत को हिलाने में आखिरकार किसका हाथ है ? जो आज के युवा पीढ़ी को राजनीति में जोड़कर उनकी सोच को भ्रमित करने में लगे है |
इसी सन्दर्भ में 6 लोगो की गिरफ्तारी हो चुकी है , बाकि आरोपी भी पुलिस के शिकंजे में जल्द आ जायेंगे | मगर एक बात सभी को ध्यान रखना चाहिए - भारत सम्पूर्ण है , इसलिए मजहब नहीं सिखाता आपस में बैर रखना और सारे जहाँ से अच्छा हिन्दोस्तां हमारा , इस बातो को अपने मन के मंदिर में कैद करके किसी भी मजहब को अलग न कर भारत के विकास में अपना योगदान दे , याद रहे भारत हीं सबका घर है घर को कमजोर मत बनाइये | ....... ( न्यूज़ / फीचर :- रुपेश आदित्या , एम० नूपुर की कलम से )
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