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युक्रेन से दिल्ली पहुंची ऐना की जुबान से निकला "आई लव इंडिया" | ऐसा सुनना मन को बहुत सकून देता है |
ऐना युक्रेन की रहने वाली एक विदेशी महिला है | दिल्ली एयरपोर्ट पर वह जैसे हीं उतरी तो अनुभव भसीन ने उन्हें प्रपोज किया और इस प्रपोजल को ऐना ने मुस्कुराते हुए स्वीकार कर लिया |
अनुभव भसीन दिल्ली के रहने वाले एक अधिवक्ता है | इससे पूर्व अनुभव की मुलाक़ात ऐना से दिल्ली में हुई थी , तब से दोनों ने एक दूसरे को पसंद करना आरम्भ कर दिया | Covid के दौरान ऐना 2 साल तक भारत में हीं रही | इस दौरान इन दोनों के बीच संपर्क और भी गहरा बना और ये दोनों डेटिंग पर भी जाने लगे |
ऐना होरोदेत्स्का ने मीडिया को बताया कि - वे अपनी माँ के साथ सेन्ट्रल युक्रेन में रहती थी | उनकी माँ ने एक मैक्सिकन में रहने वाले एक व्यक्ति से शादी की है | वहीं ऐना एक IT कंपनी के साथ काम कर रही थी , तभी उनका भारत दौरे पर आना हुआ जहाँ उनकी मुलाक़ात अनुभव से हुई | ये दोनों इसी मार्च महीने में विवाह करने की तैयारी में थे , परन्तु युक्रेन पर रूस द्वारा किये गए हमले से इस योजना पर पानी फिर गया |
युद्ध के दौरान ऐना अपनी माँ के साथ 3 दिन तक बंकरो में रही | फिर उन्होंने भारत आने का मकसद बना लिया , जिसके लिए उन्हें भारत का वीजा लेना था | 2 हफ्ता तक वे पौलेंड में भी मुश्किलों का सामना करते हुए गुजारी | युक्रेन से दिल्ली तक का सफ़र काफी कठिनाई भरा था | एक तरफ युद्ध और दूसरी तरफ जान बचाने की समस्या , मगर खतरों की सारी सीमाओं को पारकर वह अपने प्रेमी के पास भारत पहुँच गई और कहा - आई लव इंडिया |
अनुभव भसीन के परिवार के विषय में ऐना ने बताया कि - ये लोग बेहद स्वीट और मदद करने वाले है | अनुभव भसीन से मीडिया एजेंसी ने संबंधो के विषय में जानना चाहा , तो उन्होंने बताया कि - हमने विवाह के लिए अर्जी दाखिल की है , जिसमे 30 दिन लगेगा , इस अवधि के बाद हम विवाह करेंगे | अभी दोनों भावनात्मक रूप से थके हुए हैं | परन्तु ऑथोरिटी बहुत मददगार साबित हुई , जिससे ऐना कठिनाइयों का सफ़र तय करते हुए सुरक्षित भारत पहुँच गई |
फिलहाल ऐना अभी युक्रेन में युद्ध समाप्त हो जाने का इंतज़ार कर रही है | आने वाले 27 अप्रैल को ये दोनों कोर्ट मैरेज कर विवाह सूत्र में बंधने वाले है | अनुभव कोई बड़ा जश्न मनाने के लिए तैयार नहीं थे , परन्तु इनकी माँ ने सुझाव दिया कि -हमें परिवार के साथ एक छोटी सी पार्टी रखनी हीं चाहिए |
पिछले कई सालो में देखा गया है - विदेश की कई बेटियां भारत में ब्याही गई और भारत के बेटे वहां के दामाद बने | इसे कहते है - दो दिल मिल रहे हैं मगर चुपके चुपके , सबको हो रही है खबर मगर चुपके चुपके | ......... ( न्यूज़ / फीचर :- रुपेश आदित्या , एम० नूपुर की कलम से )
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