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तारक मेहता का उल्टा चश्मा की किरदार बबिता जी , जिसके दीवाने जेठालाल है | जेठालाल के इस दीवानापन से बबिता जी अपनी आधी मुस्कराहट से जब उन्हें नहला देती है , तो ! जेठालाल तपती धुप में भी सावन की घटा महसूस करते हैं |
बबिता जी का नाम मुनमुन दत्ता है | उन्होंने एक माफ़ीनामा का पोस्ट लिखा है - यह एक विडियो के सन्दर्भ में है , जो मैंने कल पोस्ट किया था | उसमे मेरे द्वारा इस्तेमाल किये गए एक शब्द का गलत अर्थ लगाया गया | यह अपमान / धमकी या किसी को चोंट पहुंचाने के इरादे से कभी नहीं कहा गया था | मेरी भाषा के अवरोध के कारण मुझे उस शब्द के सही अर्थ की जानकारी नहीं थी | मुझे जब उसका मतलब अवगत कराया गया , तो मैंने वो हिस्सा विडियो से हटवा दिया | हर जाति / पंथ और लिंग के हर एक व्यक्ति के लिए मेरे मन में अत्यंत सम्मान है | मै इमानदारी से हर व्यक्ति से माफ़ी मांगना चाहती हूँ , जो उस शब्द के उपयोग से आहत हुए हैं | मुझे उस शब्द के इस्तेमाल के लिए खेद है |
तो ये था मुनमुन दत्ता का माफीनामा , लेकिन ! इन्हें माफ़ी क्यूँ मांगनी पड़ी आइये जानते हैं |
असल में मुनमुन दत्ता ने अपने उस विडियो में पोस्ट किया था | मुनमुन दत्ता ने मस्कारा , लिप टिंट और ब्लश लगाया है | क्यूंकि वो YouTube पर आने वाली है और वो अच्छी दिखना चाहती हैं | इसके बाद वे एक जाति का नाम लेकर बोलने लगी कि वो उनकी तरह नहीं दिखना चाहती | इसी बात से विवाद उत्पन्न हो गया और #arrestmunmundatta के hashtag ट्विटर पर विवाद चलने लगा और लोग उन्हें ट्रोल करना भी आरम्भ कर दिया | लोगों ने उन्हें लिखा कि - मुनमुन दत्ता के देश में बहुत सारे फैंस है , लेकिन उन्होंने पुरी जाति का मजाक उड़ाया |
खैर मुनमुन दत्ता ने तो समझदारी से काम लेते हुए अपनी गलती को संभालती हुई माफ़ी मांग लिया | कहते हैं न कि रूठे को मना लेने में और बिगड़े को संभाल लेने में बड़ाई है | फिर तो सुबह का भुला शाम को घर लौट आये तो उसे भुला नहीं कहते |
मुनमुन दत्ता ने अपनी गलती का माफीनामा माँगा तो फिल्मकार नीरज घेवाल ने ट्विट किया - "गलत मतलब निकाला गया" ? तकलीफ पहुंचाने की मनसा नहीं थी ? आपने जो शब्द बोला और उसे कवर अप करने का कोई तरीका नहीं है | माफ़ी मांगकर चुप हो जाइए | नीरज घेवाल के इस बात पर यूजर्स ने और घी डालना शुरू कर दिया |
यूजर्स ने लिखा - माफ़ी मांगना काफी नहीं होगा , मुनमुन दत्ता के खिलाफ केस दर्ज करके SCST आयोग को कड़ी करवाई करनी चाहिए |
तो कहते है जीतनी मुंह उतनी बातें और जितना दिमाग उतना सोंच | ऐसे में एक यूजर ने लिखा - भले हीं मुनमुन दत्ता ने माफ़ी मांग ली हो , परन्तु उनके शब्द बताते है कि , वे समाज के प्रति क्या सोंच रखती है | इसके खिलाफ लीगल एक्शन तो लेना हीं चाहिए और अगर वो सच में शर्मिंदा है तो उन्हें उस समाज के लिए कुछ करना चाहिए |
खैर ... गलती तो इंसान से हीं होती है और सबसे बड़ा इंसान वही है , जो गलती का एहसास , महसूस होते हीं , किसी से भी - बड़े , छोटे या हमउम्र या किसी भी जाति व मजहब के लोगों से माफ़ी मांग ले , वह अपने देश के विषय में हो या किसी अन्य देश की बात |
ऐसे में बबिता का मुस्कुराता चेहरा माफीनामा लिखकर उनके फैंस के दिलों को एकबार फिर गदगद कर बैठा | क्यूंकि वह झुक गई और झुकने वाला इंसान महान होता है | .......... ( न्यूज़ / फीचर :- भव्याश्री डेस्क )
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