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बुधवार को तमिलनाडु में हेलिकॉप्टर हादसे में वरिष्ठ सैन्य अधिकारी बिपिन रावत और उनकी पत्नी मधुलिका रावत सहित 11 अन्य जवानों की मौत हो गई | वहीं ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह जिंदगी और मृत्यु के बीच अस्पताल में जूझ रहे हैं , जिनके बचाव के लिए देश ऊपर वाले से दुआयें मांग रहा है |
जीवन और मृत्यु ईश्वर द्वारा लिखा गया एक कड़वा सत्य है | वहीं मृत्यु में किसी न किसी कारण का होना भी सत्य है , इस सत्य को नकारा नहीं जा सकता | लोग कहते है - ऊपर वाले की इजाजत के बिना एक पत्ता भी नहीं हिल सकता | तो क्या यह मान लिया जाए कि बुधवार को हेलिकॉप्टर क्रैश मृत्यु का एक कारण बना जो 13 महत्वपूर्ण जीवन को लील गया |
हेलिकॉप्टर क्रैश के समय घटना स्थल पर कुछ लोग मौजूद थे | उन लोगो ने मीडिया को आँखों देखा हाल बताया - उस समय यह इलाका कुहासा से भरा था | हेलिकॉप्टर MI17V5 के पास खराब मौसम में भी उड़ान भरने की प्रयाप्त सेंसर व रडार व्यवस्था है | मगर होनी को कौन टाल सकता है | कोहरे से बचाव के लिए नीचे से उड़ान भरने के क्रम में पहाड़ी इलाके के कारण पायलट को दिक्कत का सामना करना पड़ा , जिससे हेलिकॉप्टर को संभालना पायलट के लिए असंभव हो गया | जबकि पायलट ग्रुप कैप्टन रैंक के अधिकारी थे |
हेलिकॉप्टर ट्विन इंजन वाला था - अगर एक इंजन फेल भी हो जाता तो दूसरे इंजन से लैंडिंग की जा सकती थी | एक्सपर्ट का मानना है कि - वेलिंगटन का हेलीपैड लैंडिंग के लिए आसान नहीं है | जंगल और पहाड़ के कारण हेलीपैड दूर से दिखाई नहीं पड़ता ,करीब आने पर दिखाई पड़ता है | ऐसे में पायलट की कोशिश हार में बदल गई | बादलों के कारण संभवतया विजिविलिटी कम हो गई होगी और हेलीपैड सही तरीके से नजर नहीं आया और यह हादसा हो गया |
CDS रावत अब इस दुनियां में नहीं , मगर देश के लिए उनका किया गया योगदान सदैव याद रखा जाएगा और लोग इन्हें प्रेरणा मानेंगे |
देश के पहले चीफ ऑफ़ डिफेन्स स्टाफ बनने का श्रेय हासिल कर इतिहास रचा | ये बहुत सोंच - समझकर कोई भी डिसीजन लिया करते थे और उसपर अडिग रहकर मुकाबला करना इनकी आदत में शामिल थी और यहीं सोंच या खूबी कहे कि - उन्हें सेना अधिकारी बनने के लिए नेशनल डिफेन्स एकेडमी में सीट दिलाई थी |
इंटरव्यू के दौरान माचिस की डिब्बी को अहम बताने वाले जनरल रावत के इसी जवाब ने ब्रिगेडियर के करीब ला खड़ा किया और NDA स्टूडेंट के तौर पर उनका चुनाव करना पड़ा | इनका पूरा नाम बिपिन लक्ष्मण सिंह रावत है और जन्म 16 मार्च 1958 को उतराखंड के पौड़ी गढ़वाल जिले में चौहान राजपूत परिवार में हुआ | इनकी माताश्री परमार वंश की थी |
देश के कई हिस्सों में इन्होने अपनी सेवाएं दी , खासकर खतरों से भरे एरिया में भी ये अच्छे खिलाड़ी होने का मुहर लगा दिया | इन्होने 1978 में 11 वीं गोरखा राइफल की पांचवी बटालियन से अपनी कैरियर की शुरुआत की थी | आरंभिक शिक्षा शिमला / हिमाचल प्रदेश में हुआ , फिर देहरादून से शिक्षा ग्रहण की | रावत अमेरिका में डिफेन्स सर्विसेस स्टाफ कॉलेज वेलिंगटन और हायर कमांड कोर्स से ग्रेजुएट थे |
2011 में मेरठ की ओर से उन्हें डाक्टरेट और फिलोसपी से सम्मानित किया गया | यह उपाधि उन्हें सैन्य मीडिया सामारिक अध्यनो पर अनुसंधान करने पर मिला | अध्यन का स्थान था चौधरी चरण सिंह यूनिवर्सिटी |
उन्होंने कई सम्मान अर्जित किये - परम विशिष्ट सेवा मैडल , उत्तम शुद्ध सेवा मैडल , अति विशिष्ट सेवा मैडल , युद्ध सेवा मैडल , सेना मैडल |
एक बार फिर हम आपको बताना चाहेंगे कि - उड़ी और पुलवामा CRPF कैम्प पर हुए हमले के जवाब में उन्होंने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में भारतीय सेना की स्पेशल कमांडो यूनिट की मदद से रातो रात ऐसा ऑपरेशन किया , जिससे कई पाकिस्तानी आतंकियों को ढेर करने का श्रेय अपने नाम दर्ज किया |
यह घटना 29 सितम्बर 2016 की है जिसपर फिल्म भी बनी | इस फिल्म का नाम था उड़ी , जिस किरदार को निभाया था अभिनेता विक्की कौशल और यह फिल्म एक सच्चाई को दर्शाने वाली फिल्म साबित हुई , जिससे भारतवासियों के उमंग में कितने सितारे जरे | इससे यहीं साबित होता है कि - गर हौसला बुलंद हो तो आँधियों में चिराग जलते है और सच्चाई पर चलते हुए कोशिश करने वाले की कभी हार नहीं होती | ....... ( न्यूज़ / फीचर :- आदित्या , एम० नूपुर की कलम से )
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