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बिहार के मोतिहारी जिले के ढाका में दिन दहारे वरुण सिंह की ह्त्या कर अपराधी फरार हुए |
घटना स्थल से तीन खोखा बरामद किया गया है | मृतक वरुण सिंह कुंडवा चैनपुर थाना के गोरगावां गाँव के रहने वाले थे | वह किसी काम से ढाका आये थे , इसी दौरान रजिस्ट्री ऑफिस के सामने से बाइक पर सवार तीन अपराधी ने खदेड़कर वरुण सिंह के सिर में गोली मारी जिससे घटना स्थल पर हीं उनकी मौत हो गई | इनकी उम्र 40 वर्ष थी और इनके पिता का नाम चुल्हाई सिंह है |
गोली की आवाज सुन आसपास में हड़कंप मचा और भीड़ इकठ्ठी हो गई , दृश्य देख लोग भौचक हुए |
घटना की सूचना मिलते हीं ढाका पुलिस मौके पर पहुंची और शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया | घटना स्थल से पुलिस को तीन खोखा बरामद हुआ , इससे जाहिर होता है कि वरुण सिंह के सर पर तीन गोलियां चलाई गई थी |
पुलिस की तहकीकात से यह मामला भी उभरकर सामने आया है कि- वरुण सिंह के जीवन के इतिहास का पन्ना भी अपराध से जुड़ा है | जानकारी के आधार पर इनके विषय में भी ज्ञात हुआ कि लूट व छिना झपटी का मामला इनपर दर्ज है |
पुलिस वरुण सिंह के मर्डर की गुत्थी सुलझाने में लगी है | वरुण सिंह अपने घर के इकलौते संतान थे |
मर्डर की बात सुनकर उनकी माँ शारदा देवी का रो - रोकर बुरा हाल है | वहीं इनकी पत्नी को जैसे हीं पता चला वह अपने बच्चे को लेकर अपने पति से मिलने को व्याकुल हो घर से निकल पड़ी |
आखिरकार किस कारण वरुण सिंह का मर्डर किया गया और किसने किया , इसका खुलासा अभी तक नहीं हो सका है , पुलिस की तहकीकात जारी है | अपराधी कितना भी शातिर दिमाग हो पुलिस की नजरो से बच नहीं सकता | बहुत जल्द पुलिस के हाथ में अपराधी का हर पन्ना मौजूद होगा और करवाई की जायेगी |
अपराध करने वाले अपने मन में आक्रोश भरकर अपराध को अंजाम तक पहुंचा देते है | लेकिन अपराध की सजा के विषय में सोंचते तक नहीं कि अब उनका क्या होगा ? सनक ऐसा कि फ़िल्मी स्टाइल में गोली चलाने की धून और बाइक पर घुमने का शौक , ऐसे अपराधिक सोंच वाले को वक्त गर्दिश में डाल देता है | एक अच्छा व्यक्ति भी अगर गलत ग्रुप में शामिल हो जाए तो वह अपराधी बन बैठता है और वगैर कसूर इसमें संलिप्त हो डूबता चला जाता है | उसके बाद इस अँधेरी कोठरी से निकलने का उन्हें रास्ता नहीं मिल पाता |
आज सबसे बेहतर है एक हीं दोस्त बनाइये लेकिन वह समझदार और सुलझा हुआ व्यक्तित्व का धनी हो | ऐसे लोगो से दोस्ती कदापि न कीजिये जहाँ चार दिन की चांदनी मिले और जीवन भर अँधेरी रात में गुम हो जाना पड़ा | बचिए और बचाइये अपने समाज को और मर्डर जैसे अपराध या कोई भी जुर्म करने से पहले ध्यान रहे कि - गलत का परिणाम सदैव गलत होता है |
अभी वरुण सिंह तो इस दुनियां में नहीं रहे ,
मगर मर्डर करने वाले कब तक स्वतंत्र घूम पायेंगे | हर पल जिन्दा रहना उनके
लिए घुटन भरी जिंदगी है और बहुत जल्द वह पुलिस के कब्जे में होंगे
|अपराधियों ने वरुण सिंह को गोली मारते वक्त इतना भी नहीं सोंचा - इनकी
बूढी माँ , पत्नी व बच्चे के सर से एक ऐसा हाथ समाप्त हो जायेगा जो उस
परिवार का एक महवपूर्ण अंग है | माँ के आँचल का सपूत , पत्नी के मांग की
सिन्दूर और बच्चे के सर से पिता का साया , इस पाप का जुर्माना अपराधियों को
जितना भी सुनाया जाए कम है | ....... ( न्यूज़ / फीचर :- रूपेश आदित्या ,
एम० नूपुर की कलम से )
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