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दिल्ली में एक 16 वर्षीय बेटी की ह्त्या पुरे भारत के दिल को दहला दिया | बीते रविवार को एक मनचला लड़का जिसका नाम साहिल है ने शाहबाज डेयरी इलाके के पास शाम के वक्त साक्षी की हत्या कर फरार हो गया |
साहिल की उम्र 20 साल है | पुलिस ने आज दोपहर 3 बजे के करीब बुलंदशहर से उसे गिरफ्तार किया है | साक्षी की हत्या का साक्ष्य CCTV फूटेज में कैद है जिसे देख पुलिस की पैनी दृष्टि सख्ती में आई और 20 वर्षीय आरोपी साहिल का दबोच लिया | साहिल ने साक्षी को 20 दफा से ज्यादा चाकू से वार किया और अपनी रिश्तेदार के यहाँ बचने के ख्याल से भाग गया |
बुलंदशहर उत्तरप्रदेश का मशहूर जगह है जो दिल्ली से सटा है , यहीं से पुलिस ने उसे कैद किया |
साक्षी मर्डर का विडियो देखने के लिए लिंक पर क्लिक करे :-
साक्षी खून से लथपथ दिल्ली के सड़क पर मृत मिली | साक्षी जे जे कॉलोनी की रहने वाली थी | रविवार को वह एक बर्थडे पार्टी में जा रही थी , इसे देख साहिल ने अचानक उसे रोका और चाक़ू से वार करना आरम्भ किया | 20 से ज्यादा दफा चाक़ू चालाया उसके बाद भी उसकी मन की मंशा ख़त्म नहीं हुई तो फिर पत्थर से उसके शरीर पर वार करना शुरू किया |
जख्मी हालत में सड़क पर गिरी 16 वर्षीय असहाय अबोध बालिका पर वह अपने लात से भी वार करता रहा | जानकारी के आधार पर दिल्ली डिप्टी पुलिस कमिश्नर सुमन नलवा के मुताबिक लड़की के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया | साक्षी के शरीर पर कई जख्म नजर आ रहे थे जो दिल को दहलाता हुआ जान पड़ा |
महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने कहा है कि दिल्ली में दरिंदो के हौंसले बुलंद है | उन्होंने पुलिस को नोटिस जारी कर लिखा - सभी हदें पार हो गई और बातो का विस्तार दिया |
वहीं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल घटना की जानकारी पाते हीं CCTV फूटेज को ट्विट करते हुए लिखा - दिल्ली में खुलेआम एक नाबालिक बच्चे की बेरहमी से हत्या कर दी जाती है , यह बहुत हीं दुर्भाग्यपूर्ण है | अपराधी बेख़ौफ़ हो गए , उन्हें पुलिस का भी डर नहीं | उन्होंने आगे लिखा - LG साहब , कानून व्यवस्था आपकी जिम्मेदारी है , कुछ कीजिये | दिल्ली के लोगो की जिंदगी सबसे महत्वपुर्ण है |
16 वर्षीय मासूम साक्षी का मर्डर होने के पीछे का राज क्या है ? अभी कहना मुश्किल है मगर कोई भी राज का अंजाम मर्डर नहीं हो सकता | मामला प्यार का हो , एकतरफा प्यार का या फिर कुछ और | गलती किसी की हो हिंसा ठीक नहीं | 16 वर्षीय साक्षी अब इस दुनियां में नहीं मगर उसकी चीखें विलुप्त नहीं होगी | एक नन्हीं सी जान तन्हां सड़को पर जघन्य अपराध व हिंसा का तांडव झेलती रही और धीरे - धीरे उसकी सांसे थम सी गई मगर साहिल अभी जिन्दा है और हर पल मर मर कर उसे जिन्दा रहना हीं पड़ेगा | साक्षी की मर्डर का जुर्माना उसे सकूँ से कभी जीने नहीं देगा क्यूंकि अपने हीं हाथ इन्होने लिखा - अपनी बची हुई जिंदगी का दास्ताँ | अब जेल की सलाखों के पीछे एक 20 वर्षीय जिंदगी लम्बी अवधि की सजा या फिर फांसी की सजा से झूलता नजर आएगा !
जिंदगी नहीं मिलती दूबारा यह सभी जानते हैं फिर भी यह कैसा नजारा कलयुग में देखने को मिलता है कि दूसरों पर हिंसा करने के बाद लोग खुद की जिंदगी को हिंसा में डुबोकर बर्बाद कर लेते हैं | बचिए और बचाइये खुद को और सुखद जिंदगी की ओर बढ़िये | ......... ( न्यूज़ / फीचर :- रुपेश आदित्या , एम० नूपुर की कलम से )
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