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रूस का युक्रेन पर हमला जारी है , आज धमाके का तीसरा दिन है | युक्रेन पर रूस के हमले से तबाही को देखते हुए UNSC में बैठक हुई जिसमे रूस के खिलाफ निंदा हुई और प्रस्ताव भी पारित हुआ |
आज फिर रूस के खिलाफ वोटिंग होने जा रहा है जिसमे पक्ष और विपक्ष के वोट को आँका जा सकेगा कि कितने देश पक्ष में है और कितने विपक्ष में | वैसे मैक्सिको और ब्राजील ने रूस की कड़ी निंदा करते हुए कहा है कि - रूस ने बिना कारण युद्ध का जंग छेड़ा है , यह रास्ता उचित नहीं | भारत सहित कई देश इस जंग को रोकने के लिए अपील कर रहे हैं |
ब्रिटेन ने कहा है कि - रुसी टैंक वहां के नागरिको को कुचल रहा है ऐसे में लोगो को बचाना हमारी प्राथमिकता है |
दो दिनों से रूस की कुछ फूहड़ मीडिया ने अफवाह उड़ाया था कि - युक्रेन के राष्ट्रपति वोल्दोमिर जेलेस्की हार के डर से देश को छोड़ दिया है |
मगर इस बात को ख़ारिज करते हुए शुक्रवार की देर रात युक्रेन के राष्ट्रपति ने सोशल मीडिया पर एक विडियो पोस्ट किया है जिसमे वह स्थानीय लोगो के साथ खड़े नजर आ रहे है | उन्होंने कहा है कि - मै युक्रेन की हिफाजत के लिए अपने लोगो के साथ आखिरी साँस तक लड़ता हुआ यहीं मौजूद रहूँगा |
युक्रेन की राजधानी कीव में रुसी सैनिक का प्रवेश हो चूका है और उन्होंने कीव एयरपोर्ट पर अपना कब्ज़ा जमा लिया |
वहीं युक्रेन ने भी दावा किया है कि - उन्होंने रुसी विमान को मार गिराया है | इसमे 150 से ज्यादा पैराट्सपर्स सवार थे | युक्रेन को अभी किसी देश का साथ नहीं मिला | अब फ़्रांस ने युक्रेन को 300 मिलियन यूरो के साथ मिलिट्री इक्विपमेंट भेजने की पेशकश की है |
भारतीय छात्रों को लाने के लिए मुंबई से एयर इंडिया का विमान रवाना हुआ और उन्हें सुरक्षित भारत लाया जा रहा है |
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने देश को संबोधित करते हुए बोला है कि - हमारा इरादा युक्रेन पर कब्ज़ा करने का नहीं है , युक्रेन की फ़ौज सरेंडर कर दे | जानकारी के आधार पर पुतिन ने यह भी कहा कि - वहां की सरकार ड्रग एडिक्ट और नाजियों का गिरोह है , इसलिए युक्रेन की फ़ौज को चाहिए कि वहां की सरकार का तख्ता पलट दे और वहां की सरकार की बागडोर अपने हाथ में ले ले |
एक लाख से ज्यादा लोगो ने अपना घर बार छोड़ मेट्रो स्टेशन और अंडर ग्राउंड शेल्टर आदि जगहों पर शरण लेने को मजबूर हो रहे है |
अमेरिका और नाटो ने युक्रेन की मदद के लिए अपना कदम पीछे हटा लिया जिसके बाद युक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने कहा है कि - हमें अपनी रक्षा के लिए सभी ने अकेला छोड़ दिया है |
सारे तथ्यों के आधार पर ऐसा लग रहा है कि - युक्रेन का नजारा अफगानिस्तान जैसा है | अफगानिस्तान को भी किसी देश का सहारा नहीं मिला और तालिबान ने अपना कब्ज़ा जमा लिया | ठीक वैसे हीं युक्रेन भी अकेला है | युक्रेन को समय रहते पड़ोसी देश की मदद मिल जाती या कोई ताकतवर देश का साथ मिल जाता तो इस देश का नजारा ऐसा नहीं होता |
दो देश की लड़ाई के बीच जंग प्रस्ताव पारित करने वाले का कुछ नहीं जाता | मारे जाते हैं वहां के बेकसूर नागरिक और दो देश के सैनिक | सैनिक पर बात याद आ रहा है हमें रूस के राष्ट्रपति का यह बोलना कि - युक्रेन की फ़ौज को सत्ता अपने हाथ में ले लेना चाहिए | इस बात की निचोर से हम इतना कहना चाहेंगे कि - रूस की सेना भी अगर यहीं सोंचती तो आज युक्रेन में यूँ तबाही न मचता |
सारी शक्ति तो सेनाओं के पास हीं मौजूद
होती है - थल , जल और वायु ये तीनो अगर मिल जाए तो क्या विश्व में किसी देश
का सत्ता सुरक्षित रह पायेगा ! यह बोलने से पहले एक देश के राष्ट्रपति को
सोंचना चाहिए | आज युक्रेन की बारी है , कहीं ऐसा न हो कि कल ...... | किसी
शायर ने लिखा है - आदमी को चाहिए वक्त से डरकर रहे , क्या पता किस घड़ी
वक्त का बदले मिजाज | ....... ( न्यूज़ / फीचर :- भव्याश्री डेस्क )
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